बच्चे हर उस चीज के बारे में सवाल जरूर करते हैं, जो उन्हें नहीं समझ आती है। कोरोना वायरस आजकल सिर्फ बड़ों का ही नहीं, बल्कि बच्चों का भी 'हॉट टॉपिक' बन चुका है। बच्चे वर्तमान में और भविष्य में ऐसी त्रासदी के लिए तैयार हो सकें, इसलिए जरूरी है कि आप उन्हें डराने के बजाय चीजों की सही जानकारी दें। आप चाहें या न चाहें, मगर आपके बच्चों के पास कोरोना वायरस से जुड़ी कच्ची-पक्की जानकारी, दकियानूसी बातें, अफवाहें, गलत तथ्य किसी न किसी माध्यम से पहुंच रहे हैं। ऐसे समय में बच्चे डर के कारण तनाव और चिंता में टूट न जाएं, इसलिए आपकी जिम्मेदारी है कि उन्हें इस बारे में बिठाकर सही से समझाएं।
समझाने का एक फायदा यह होगा कि बच्चे के मन में उठ रहे सभी भ्रम दूर हो जाएंगे और सही जानकारी होगी, तो बच्चा अपनी तरफ से भी वायरस से बचाव के लिए जरूरी सावधानियां बरतेगा। Unicef India ने इन दिनों ऑनलाइन कैंपेन के जरिए बच्चों को कोरोना वायरस के बारे में जागरूक करने की जिम्मेदारी उठाई है। इसी कड़ी में यूनिसेफ के एक्सपर्ट्स ने कुछ टिप्स बताए हैं कि आप अपने बच्चों से इस खतरनाक और जानलेवा वायरस के बारे में कैसे बात करें।
बच्चों से पूछें वो कोरोना वायरस के बारे में क्या जानते हैं
आप इसकी शुरुआत बच्चों से एक सिंपल सवाल करके कर सकते हैं। उनसे पूछें कि वो कोरोना वायरस के बारे में क्या जानते हैं। इसके बाद उन्हें जो गलत जानकारी है, उसे आप सही करें और जो जरूरी बातें नहीं पता है, वो उन्हें बताएं। बच्चों को आंकड़े नहीं बताएं।
जैसे अगर आपका बच्चा कहता है कि कोरोना वायरस धूप से मर जाएगा, तो आप उसे समझा सकती हैं कि ऐसा संभव हो सकता है मगर बड़े-बड़े वैज्ञानिकों ने अभी इस बारे में कुछ नहीं कहा है।
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उन्हें साफ-सफाई (हाइजीन) की जरूरत समझाएं
बच्चों को कोरोना वायरस की सही जानकारी देने के बाद आप उन्हें हाइजीन यानी साफ-सफाई का महत्व बता सकती हैं। कोरोना वायरस का संदर्भ लेकर आप उन्हें समझा सकती हैं कि उन्हें रोज अपने दांत क्यों साफ करने चाहिए, बार-बार हाथों को धोना क्यों जरूरी है और टॉयलेट सीट को क्यों नहीं छूना चाहिए। इसके अलावा जमीन में पड़ी हुई चीजें उठाकर खाना क्यों गलत है, अपने मुंह को बार-बार क्यों नहीं छूना चाहिए और कैसे उन्हें अपने खिलौनों और गुड़ियों को साफ करके कोरोना वायरस से बचाना चाहिए।
गलत जानकारी न दें, न ही डराएं
बच्चों को सावधान करने के लिए डराना सबसे आसान तरीका है। मगर इसका असर बच्चों के मनोविज्ञान पर गलत पड़ता है। अगर आप बच्चों को सभी जानकारी सही तरीके से बताएं, तो भी वो सावधान हो सकते हैं। जैसे बच्चों को डराने के लिए यह न कहें कि कोरोना वायरस आ गया तो उन्हें मार डालेगा। इसके बजाय उन्हें ये समझाएं कि अगर कोरोना वायरस आता है, तो उन्हें बीमार बना देगा और फिर इलाज के लिए उन्हें कई दिनों तक तकलीफ झेलनी पड़ेगी।
ध्यान रखें- जिन बातों का जवाब आपको सही नहीं पता है, उसके लिए अनुमान या झूठ का सहारा न लें। आजकल इंटरनेट पर अंग्रेजी, हिंदी सहित तमाम क्षेत्रीय भाषाओं में विश्वसनीय स्रोतों द्वारा जानकारी मौजूद है। आप उनका सहारा लेकर पहले खुद समझें और फिर बच्चों को समझाएं।
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टीवी, रेडियो या इंटरनेट के इस्तेमाल पर रखें नजर
बच्चे जब टीवी देख रहे हों, रेडियो सुन रहे हों या इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हों, तो उनपर एक उड़ती हुई नजर रखनी जरूरी है, ताकि आपको पता हो कि उन्हें मिलने वाली जानकारी का स्रोत क्या है और वो सही भी है या नहीं। इन दिनों इंटरनेट पर तमाम बेवसाइट्स लोगों को गलत और भ्रामक चीजें भी परोस रही हैं। ऐसे में आपको सावधान रहने की जरूरत है। कोरोना वायरस से संबंधित सभी जानकारी के लिए सरकारी बेवसाइट्स, Unicef.org या फिर World Health Organization की वेबसाइट चेक करें।
बच्चों को बताएं कि वो सुरक्षित हैं
सबसे जरूरी बात ये है कि आप अपने बच्चों को ये समझाएं कि वो घर में पूरी तरह सुरक्षित हैं, जबकि बाहर जाने या बाहर खेलने पर उन्हें कोरोना वायरस हो सकता है। इसके अलावा उन्हें ये विश्वास दिलाएं कि आप किसी भी सवाल के जवाब के लिए या मदद के लिए उनके पास हमेशा मौजूद हैं। इस तरह उनके मन से कोरोना वायरस के डर को भगाएं। उन्हें खांसने, छींकने, हाथ धोने और सोशल डिस्टेंस बनाने का तरीका बताएं।
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