इंफेक्शन से दूर और स्वस्थ रहने के लिए हाथों की स्वच्छता महत्वपूर्ण होती है। नियमित अंतराल में हाथ धोना शरीर में होने वाले इंफेक्शन और कीटाणुओं से होने वाले इंफेक्शन को दूसरे में फैलाने से रोकने के लिए जरूरी होता है। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) अच्छे परिणाम के लिए 20 सेकंड के लिए साफ पानी और साबुन से हाथ धोने की सिफारिश करते हैं। सीडीसी के अनुसार, अगर पानी और साबुन उपलब्ध नहीं है, तो हाथों को इंफेक्शन से दूर रखने के लिए एल्कोहल बेस हैंड सैनिटाइजर दूसरा सबसे अच्छा उपाय है। हालांकि बाजार में हैंड सैनिटाइजर की विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध है लेकिन इनमें मौजूद केमिकल के कारण आपको घर में उपलब्ध नॉन-टॉक्सिक हैंड सेनिटाइजर ही इस्तेमाल करना चाहिए।
इसे भी पढ़ें : चोट या खरोंच को चाटना है कितना सही? जानें
टॉक्सिक है कमर्शियल हैंड सैनिटाइजर
यूएस में फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने एंटीबैक्टीरियल साबुन और संबंधित प्रोडक्ट जैसे की हैंड सेनिटाइजर की सुरक्षा के बारे में चौंकाने वाली चिंताओं को उठाया है। एफडीए के अनुसार, सभी एंटी-बैक्टीरियल लेबल क्लीनिंग प्रोडक्ट में ट्राइक्लोसान और ट्रिक्लोकरबन नामक केमिकल होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक होते हैं। इसके अलावा लंबे समय तक एंटी-बैक्टीरियल कमर्शियल हैंड सैनिटाइजर के इस्तेमाल के नकारात्मक प्रभाव की संभावना बढ़ जाती है। नियमित रूप से इस्तेमाल से हैंड सैनिटाइजर में मौजूद ट्राइक्लोसान को हाथ की त्वचा तुरंत सोख लेती है। अगर यह रक्त संचार में शामिल हो जाये, तो यह मांसपेशी को-ऑर्डिनेशन के लिए जरूरी सेल-कम्युनिकेशन को बाधित करता है।
इसका लंबे समय तक ज्यादा इस्तेमाल त्वचा को सूखा बनाने, बांझपन और हृदय के रोग को न्योता दे सकता है। यह केवल एक व्यक्ति और उनके घर को ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि पूरे समुदाय को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। इस प्रकार ट्राइक्लोसान का उपयोग एक सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता का विषय बन सकता है। इसके अलावा अन्य कमर्शियल केमिकल भी परोक्ष रूप से अपने स्वास्थ्य को प्रभावित करते है। यह केमिकल त्वचा को अनगिनत पर्यावरण दूषित पदार्थों को अवशोषित करने के लिए अतिसंवेदनशील बना देता हैं। इसलिए आपको घर में बना नॉन-टॉक्सिक हैंड सैनिटाइजर इस्तेमाल करना चाहिए। आइए हम आपको घर में हैंड सैनिटाइजर बनाने की विधि के बारे में बताते हैं।
हैंड सैनिटाइजर के लिए चीजों की जरूरत
डिस्टिल्ड वॉटर - एक कप
एल्कोहल - दो बड़े चम्मच
एलोवेरा जैल - एक चम्मच
विटामिन ई ऑयल - आधा चम्मच
टी ट्री आवश्यक तेल - दस बूंदें
दालचीनी आवश्यक तेल - दस बूंदें
लौंग आवश्यक तेल - पांच बूंदें
रोजमेरी आवश्यक तेल - पांच बूंदें
नीलगिरी आवश्यक तेल - पांच बूंदें
मिक्सिंग बाउल - एक
कप और चम्मच - मापने के लिए
स्प्रे बोतल - मध्यम आकार
कीप - एक
हैंड सैनिटाइजर में मौजूद चीजों के फायदे
- एल्कोहल कीटाणुओं को प्रभावी ढंग से मारने में मदद करता है।
- विटामिन ई युक्त तेल में मॉइस्चराइजिंग गुण होते हैं जो रबिंग एल्कोहल की कठोरता काउंटर करते है। आप विटामिन ई युक्त तेल के स्थान पर ग्लिसरीन का उपयोग भी कर सकते हैं।
- एलोवेरा जैल एक अत्यधिक प्रभावी एंटी-बैक्टीरियल एजेंट है और आपकी त्वचा को मॉश्चराइज करने में मदद करता है।
- टी ट्री, दालचीनी, लौंग, रोजमेरी और नीलगिरी आवश्यम तेलों में कई प्रकार के एंटी-बैक्टीरियल एजेंट होते हैं। साथ ही यह सैनिटाइजर को ताजा खुशबू देते हैं।
- 2000 में जर्नल ऑफ एंटी-माइक्रोबियल कीमोथेरेपी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, बैक्टीरिया को दूर करने में टीट्री ऑयल कई अन्य उपायों से ज्यादा प्रभावी है।
- नीलगिरी आवश्यक तेल में ई कोलाई और एस ऑरियस कीटाणुओं के खिलाफ लड़ने की शक्ति होती है।
हैंड सैनिटाइजर बनाने की विधि
ऊपर दी सभी चीजों को एक साथ एक बाउल में लेकर अच्छे से मिक्स कर लें। फिर एक कीप की मदद से इस मिश्रण को स्प्रे बोतल में डाल दें। स्प्रे बोतल की कैंप को अच्छे से बंद करके बोतल को अच्छे से हिला लें। आपका घर में बना नॉन-टॉक्सिक हैंड सैनिटाइजर उपयोग के लिए तैयार है। अपनी हथेली पर कुछ स्प्रे करें और अपने हाथों को अच्छे से रगडें। वैकल्पिक रूप से, आप इसे रगुलर नॉन-स्प्रे बोतल में भी डाल सकते हैं और जैल के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।
Image Source : Getty
Read More Articles on Healthy Living in Hindi