नया ज़माना है, किताबें, न्योंतों के पत्र और चिठ्ठियां स्मार्ट फोन्स और लैपटॉप में सिमट गईं हैं। सरा जहां जैसे अब आपकी अंगुलियों के नीचे बसता है। सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर ढेर सारे दोस्त हैं, दुनिंया की दूरियां घट सी गई हैं। लेकिन हर अच्छी चीज की एक कीमत होती है और वह है इसकी लत। कई अध्ययन बताते हैं कि लोग आज सोशल नेटवर्किंग की लत की शिकार हो रहे हैं और उनको पता भी नहीं चलता। दिन की शुरुआत फेसबुक से होती है और देर रात तक आने वाले अपडेशन जगाए रखते हैं। लेकिन सावधान हो जाइये, इस लत की कीमत आपके रिश्तों को न चुकानी पड़े। जी हां, फोन और लैपटॉप आदि की लत आपके रिश्तों पर भारी पड़ सकती है। चलिये जानें कैसे -
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देर रात तक फोन और लैपटॉप
देर रात तक फोन और लैपटॉप आदि का इस्तेमाल आपकी नींद छीन सकता है और इससे आपके शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान होता है। यही नहीं, नींद पूरीन होने से आप दिन भर छके से रहते हैं और लोगों से उत्साह व रुची के साथ बात नहीं कर पाते हैं। इससे बचने के लिये अपने लैपटॉप और फोन को सोने के कमरे से अलग रखें। अगर आपको किसी कारम से लॉगइन करना भी पड़े तो जल्द से जल्द से काम करें और लॉग-आउट कर दें, ताकि आपकी नींद में इससे खलल न पड़े।
सुबह उठते ही फोन चेक करना
सुबह उठते ही सबसे पहले लोग फोन उठाते हैं देखते हैं कि सोते समय कुछ मिस तो नहीं कर दिया। यह चिंता जल्द ही आपको परेशान करने लगती है और आउट ऑफ फोकस करती जाती है। ऐसे में आप हर समय फोन इस्तेमाल किए बिना नहीं रह पाते। और अपनों से ज्यादा अपना फोन जरूरी होता जाजा है। इससे बचने के लिये अपने मोबाइल को कभी सिरहाने रखकर न सोएं। इसके अवाला सुबह उठने के फोन इस्तेमाल करने के बजाए टहलनें जाएं योग, ध्यान व व्यायाम करें और टहलने जाएं। प्रकृति का साथ आपके दिमाग को शांत और स्वस्थ रखेगा और आप अपने आपको ऊर्जा से भरपूर पाएंगें।
घूमने जाते वक्त डेटा पैक बंद रखें
हर वक्त आने वाले अपडेशन आपको विचलित और अशांत रखते हैं और आप दोस्तों और अपनों से साथ होते हुए भी उन्हें तवज्जो नहीं दे पाते हैं। हमेशा याद रखें, काम और परिवार में संतुलन बेहद जरूरी होता है। आपका खुद का बिजनेस है तो फिर यह संतुलन बनाए रखना और भी जरूरी हो जाता है, साथ ही छुट्टियों या आउटिंग के वक्त आधा-एक घंटे से ज्यादा सोशल साइट्स पर न रहें।
हर चीज़ को लेकर पोस्ट करना आगे चलकर आपको अविश्वास की भावना से भर सकता है। लोगों से हर वक्त जुड़े रहने की भावना बताती है कि आप भीतर ही भीतर असुरक्षित महसूस करती हैं। इससे बचने के लिये उन लोगों से सार्थक दोस्ती रखें, जो आपकी जिंदगी में वाकई महत्व रखते हैं। सोशल साइट्स पर पोस्ट अपडेट्स करने में समय व्यर्थ करने के बजाए अच्छे दोस्तों से मिलें और बात करें। जब भी वक्त मिले, फोन उठाएं और पारिवारिक दोस्तों से बात करें।
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