डायबिटीज जिसे मधुमेह के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐसी गंभीर बीमारी है, जिसे धीमी मौत (साइलेंट किलर) भी कहा जाता है। संसार भर में डायबिटीज़ के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिसमें विशेष रूप से भारत भी है। इस बीमारी में ब्लड में ग्लूकोज का लेवल काफी तेजी से बढ़ता है। इसका स्तर सामान्य से अधिक बढ़ जाता है तथा रक्त की कोशिकाएं इस शुगर को उपयोग नहीं कर पाती है। अगर यह ग्लूकोज का बढ़ा हुआ लेवल खून में लगातार बना रहे, तो शरीर के अंग प्रत्यंगों को नुकसान पहुंचना शुरू हो जाता है।
डायबिटीज़ के समय व्यक्ति किसी भी समय कुछ भी नहीं खा सकता है। खान पान की अगर बात की जाए, तो मिठास व्यक्ति के जीवन से गायब सी हो जाती है। लाइफस्टाइल की गलत आदतें जैसे हैवी मील लेना, चाय, दूध आदि में चीनी का ज्यादा सेवन करना, कोल्ड ड्रिंक्स और अन्य सॉफ्ट ड्रिंक्स को अधिक पीना, शारीरिक परिश्रम न करना, मोटापा, तनाव, धूम्रपान, तम्बाकू, आनुवंशिकता आदि डायबिटीज के प्रमुख कारण होते हैं।
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डायबिटीज में सही मायने में देखा जाए, तो डाइट एक अह्म भूमिका निभाती है। चीनी एवं अन्य मीठे पदार्थों का सेवन कम से कम करें या न ही करें, तो अच्छा है। वहीं अगर आप अपनी डाइट में चोकर युक्त आटा लेते हैं, हरी सब्जियां ज्यादा खाते हैं, मीठे फलों को छोड़ कर अन्य फलों का सेवन करते हैं, एक बार में ज्यादा खाने की बजाय भोजन को छोटे-छोटे अंतराल में लेते हैं, घी-तेल से बनी एवं तली भुनी चीजें जैसे, समोसे, कचौड़ी, पूड़ी, परांठे आदि का सेवन कम से कम करते हैं, गेहूं, जौ एवं चने को मिला कर बनाई हुई यानि मिस्सी रोटी का सेवन करते हैं, तो उससे आफके शरीर को काफी लाभ मिलेगा। साथ ही इन सभी चीजों को करने से डायबिटीज़ जैसी समस्या से भी छुटकारा मिलेगा।
अध्ययन से पता चले कुछ चौकाने वाले रिजल्ट
एक अध्ययन में यह निष्कर्ष निकला कि वेजिटेरियन डाइट लेने वालों का डायबिटीज की आम डाइट लेने वालों की तुलना में लगभग दोगुना यानि 6.20 किलो वजन कम हुआ था। जबकि उनका 3.19 किलो वजन ही घटा था। इस शोध में टाइप-2 डायबिटीज के 74 मरीजों को छह महीने तक 500 कैलोरी कम वाली चीजें दी गई थीं। ग्लूकोज खाने की कुछ चीजों से मिलता है। इनसुलिन एक ऐसा हार्मोन है, जो ग्लूकोज को सेल्स तक पहुंचाने में मदद करता है। इससे हमारे शरीर को एनर्जी मिलती है। डायबिटीज व्यक्ति को तब होती है, जब हार्मोन इनसुलिन सही ढंग से काम करना बंद कर देता है।
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हालांकि पैनक्रीआज से इनसुलिन निकलता है, जो बॉडी को स्टोर करने में मदद करता है। यह शुगर और फैट को बनाता है, जो आप खाने से लेते हैं।
एक नए शोध से पता चला है कि डायबिटीज़ को उल्टा भी किया जा सकता है। यूनिवर्सिटी ऑफ साउदर्न कैलीफॉर्निया में हुए शोध के अनुसार टाइप-2 डायबिटीज़ में कुछ ऐसे सेल्स हैं, जो पैनक्रिआज के सेल्स को रेगुलेट करते हैं। ये पैनक्रिआज सेल्स में इनसुलिन को बढ़ावा देते हुए टाइप-1 और 2 डायबिटीज़ तो कम करने में मदद करते हैं।
ये प्रोटीन न्यूरोजेनिन-3 को नया बनाते हुए हेल्दी इनसुलिन बिटा सेल्स को भी बढ़ावा देने में मदद करते हैं। तो अगर आफको भई डायबिटीज़ की समस्या है, तो अच्छी डाइट लेते हुए आप भी इससे निजात पा सकते हैं।
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