
‘’मैंने 13 अप्रैल को वैक्सीन लगवाई और 18 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव हो गई। पॉजिटिव होने पर कुछ दिन तक हल्का बुखार आता रहा। जब बुखार तेज हुआ तो हमने सीटी स्कैन कराया। तो उसमें मालूम हुआ कि ब्लड इंफेक्शन है। जब कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव दिखी तो मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। दिमाग सुन्न पड़ गया। क्योंकि कोरोना पर पूरे देश में जो माहौल है वो डरावना है। पर वैक्सीन लगने के बाद कोरोना के लक्षण हल्के दिखाई दिए।’’ जो लोग कोरोना की पहली डोज लगने के बाद पॉजिटिव हो गए हैं, उन सभी के मन में ऐसी ही शंकाएं थीं। लेकिन सभी ने सभी ने एक बात मानी की वैक्सीन लगने से पहले लोगों में कोरोना के लक्षणों की गंभीरता जितनी ज्यादा दिखी उतनी वैक्सीन लगने के बाद नहीं। वैक्सीन लगने के बाद उन्हें हल्के लक्षण दिखाई दिए। रेणु की चिंता ज्यादा इसलिए थी क्योंकि उनकी उम्र 53 साल है। वे कहती हैं कि पूरे देश में कोरोना को लेकर जैसा माहौल है वह मानसिक रूप से भी परेशान कर रहा है। पर मेरा परिवार मेरे साथ है, इसलिए मैं जल्दी रिकवर हो पाई। आज के इस लेख में जानेंगे कि जो लोग कोरोना की पहली डोज लेने के बाद पॉजिटिव हुए उनके क्या अनुभव रहे और वैक्सीन के बाद पॉजिटिव क्यों हो रहे हैं, इस पर डॉक्टर की राय जानी।
रेणु ने न्यूज देखना किया बंद
रेणु बताती हैं कि कोरोना को लेकर हर तरफ से बुरी खबरें आ रही थीं, इसलिए मैंने टीवी देखना ही बंद कर दिया था। एक तो पॉटिजिव होने के बाद कमजोरी बहुत आ जाती है, इस वजह से कोई फिजिकल एक्सरसाइज तो नहीं कर पाती थी, पर घर के सभी सदस्यों ने बहुत ध्यान रखा। जिस वजह अब मेरी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव है।
लोग वैक्सीन लगने के बाद भी क्यों हो रहे हैं पॉजिटिव?
कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के राजकीय हृदय रोग संस्थान में कार्यरत वरिष्ठ प्रोफेसर ऑफ कार्डियोलॉजी डॉ. अवधेश शर्मा ने बताया कि दो तरह के वायरस होते हैं। एक आरएनए वायरस दूसरा डीएनए वायरस। कोरोना आरएनए वायरस है। आरएनए वायरस जेनेटिक स्ट्रक्चर होता है। इनमें म्यूटेशन रेट ज्यादा होता है। ये वायरस परिस्थिति के अनुसार अपने बदलाव ले आते हैं। आरएनए वायरस के विरुद्ध वैक्सीन उतनी कारगर नहीं होती हैं जितनी डीएनए वायरस के विरुद्ध होती हैं। वे कहते हैं कि कोरोना का स्ट्रेन रोज बदल रहा है। पर वैक्सीन एक ही तरह के स्ट्रेन के आधार पर बनती है, लेकिन वैक्सीन से फायदा ये है कि शरीर में जेनेटिक स्ट्रक्चर समान हैं उनके विरुद्ध प्रोटेक्शन हो जाता है। दूसरा वैक्सीन लगने से कोरोना की गंभीरता कम हो जाती है। इसलिए वैक्सीन सभी को लगवाना चाहिए।
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स्तनपान छुड़ाने के बाद लगवाएंगी वैक्सीन : डायटीशियन पुनीता
डायटीशियन पुनीता दिल्ली के अपोलो में काम करती हैं। परिवार में पति और सात महीने की बेटी है। वे बताती हैं कि हम तीनों ही कोरोना पॉजिटिव हैं। पति भी डॉक्टर हैं। पर वे भी वैक्सीन लगने के बाद पॉजिटिव हुए। पर जितने गंभीर लक्षण बिना वैक्सीन लगने वालों के दिखाई दिए वे उनमें हल्के थे। इसिलए वैक्सीन को लेकर राहत है। पुनीता कहती हैं कि अभी वे बच्ची को स्तनपान कराती हैं इसलिए उसमें भी लक्षण दिखने थे। पर अब तीनों की दवाएं चल रही हैं। वे कहती हैं कि उन्हें 15 दिन हो गए हैं क्वारिंटीन हुए। अभी जब दोबारा टेस्ट कराया तो फिर कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई। वे बताती हैं कि पहले जब कोरोना हुई था तब कमजोरी ज्यादा थी, लेकिन अब ठीक है। अब कमजोरी कम है। वे परिवार से बात करके, दवाएं समय पर लेकर, डाइट अच्छी लेकर और खुद को काम में व्यस्त रखकर अपना और परिवार का ध्यान रख रही हैं। पुनीता ने कहा कि अभी वे ब्रेस्टफीड कराती हैं इसलिए वैक्सीन नहीं लगवा सकतीं, लेकिन जल्दी ही लगवाएंगी।
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वैक्सीन लगने के बाद हल्के दिखे कोरोना के लक्षण : सब इंस्पेक्टर विकास
विकास सब इंस्पेक्टर हैं। उन्होंने 2 अप्रैल को वैक्सीन लगवाई थी और 20 अप्रैल को पॉजिटिव हो गए। वे बताती हैं कि वैक्सीन लगने के बाद उन्हें बुखार हुआ था। कुछ दिनों बाद पॉजिटिव हो गए। तब बदन दर्द, बुखार जैसे लक्षण महसूस हुए। वे कहते हैं कि मेरे रूममेट को भी बुखार था, तो हम दोनों ने टेस्ट कराया, दोनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। वे कहते हैं कि उन्होंने वैक्सीन की एक ही डोज ली थी, जिसके बाद उन्हें कोरोना के लक्षण बहुत गंभीर नहीं दिखे। हल्का बुखार आया था, उसके कुछ दिन बाद मैं ठीक हो गया था। वे कहते हैं कि कोरोना से बचने का उपाय वैक्सीन ही है। वैक्सीन लगने के बाद जब वे पॉजिटिव हुए तो स्टीम ली और हेल्दी खाना खाया। इसके अलावा होम आइसोलेशन में उन्होंने पुश-अप, पुलअप, प्लैंक आदि किए।
डॉक्टर अवधेश शर्मा का कहना है कि वैक्सीन लगने के बाद भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें। वे बताते हैं कि जो लोग पहली डोज के बाद पॉजिटिव हो गए हैं तो मन में शंका होती है कि अब वैक्सीन लगवाएं या नहीं। पर वो लगवानी चाहिए। इसका भी प्रोटोकॉल है कि शरीर में जो नेचुरल एंटीबॉडी बनती हैं वे 90 दिनों तक रहती हैं। कोरोना नेगेटिव होने के 90 दिन बाद वैक्सीन लगवाएं। दूसरी डोज भी 90 दिन बाद लगेगी। कोरोना की वैक्सीन लगवाना जरूरी है।
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