
बच्चे की प्रगति, माता-पिता की बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है। इसलिए, सुनिश्चित करें कि आप उनके स्वास्थ्य का खास ख्याल रखें।
खेल सिर्फ शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए भी जरूरी है। वहीं कई शोध बताते हैं कि जिन बच्चों में खेल जैसी शारीरिक गतिविधियां कम होती हैं, वो उम्र बढ़ने के साथ की तरह के कई तरह की जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। डायबिटीज और मोटापा दो ऐसी बीमारियां हैं, जो बच्चों में आज बड़ी तेजी से बढ़ती जा रही है। वहीं जो बच्चे खेल-कूद में हमेशा लगते रहते हैं उनके शारीरिक पोषण की मांग अलग होती है। दरअसल खेल के लिए आवश्यक कौशल विकसित करने में शरीर को खास न्यूट्रिएंट्स और पोषण की जरूरत होती है। वहीं माता-पिता को अपने एथलीट बच्चों के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए उनके आहार, आराम, और मनोवैज्ञानिक कल्याण पर खास ध्यान देना चाहिए।
अपने बच्चे को खाना खिलाने का तरीका सही करें
माता-पिता आमतौर पर सोचते हैं कि यह महत्वपूर्ण है कि एक बच्चा सब कुछ खाए। हालांकि, यह हमेशा सही नहीं होता है। ऐसे में सबसे पहले बच्चे को अच्छी भोजन की आदतों के बारे में शिक्षित करें। उसके बाद उनके लिए एक डाइट चार्ट तैयार करें और फिर उन्हें उसी हिसाब से खाने को दें। खाने में ध्यान रखें कि एक एथलीट को प्रोटीन, फैट और कार्बोहाइड्रेट हर चीज की खास जरूरत होती है।
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कार्बोहाइड्रेट का मतलब अनावश्यक फैट से नहीं होता है
जब एक शारीरिक गतिविधियों की बात आती है, तो ईंधन का सबसे पसंदीदा स्रोत कार्बोहाइड्रेट होता है। कार्बोहाइड्रेट से भरपूर स्नैक बच्चे को प्रशिक्षण देने में मदद करेगा और ऊर्जा के स्तर को भी बनाए रखेगा। इसके अलावा बच्चों को अपने खेल गतिविधियों के बाद कुछ हल्का खा-पी लेना चाहिए।
हाइड्रेटेड रहना महत्वपूर्ण है
सुनिश्चित करें कि आपके बच्चे को हाइड्रेशन की उसकी दैनिक खुराक मिलती है। चूंकि सत्र की तीव्रता और अवधि के आधार पर तरल पदार्थों की संख्या अलग-अलग होगी, यह सुनिश्चित करें कि अभ्यास सत्र के दौरान बच्चे को पर्याप्त तरल पदार्थ लेते रहें। इसके लिए बिना शुगर वाला एनर्जी ड्रिंक बच्चों को पीने दें।
प्रशिक्षण के बाद प्रोटीन
सुनिश्चित करें कि सभी प्रमुख भोजन में अच्छी गुणवत्ता वाले प्रोटीन का स्रोत हो। उन्हें दूध, डेयरी उत्पाद, अंडे, मांस, चिकन और मछली आदि खाने को दें। अंडे या दूध के साथ बच्चे को खाने के लिए दालों भी दें। ऐसा इसलिए भी क्योंकि प्रोटीनों को शरीर में जल्दी से अवशोषित किया जाता है इसलिए कोशिश करें कि उनके प्रोटीन डाइट का खास ख्याल रखें।
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जब पोषण की बात आती है, तो कोई खास डाइट योजना नहीं है। वहीं व्यक्तिगत पोषक तत्वों की जरूरत खेल, प्रकार, और गतिविधि की तीव्रता, उम्र, शरीर के आकार, लक्ष्यों और प्रशिक्षण मात्रा से भिन्न होती है। सामान्यतया, गतिविधि जितनी अधिक तीव्र होती है और जितने अधिक घंटे आप प्रशिक्षित करते हैं, आपके कार्बोहाइड्रेट और कुल कैलोरी उतनी ही अधिक होगी।व्यक्तिगत परामर्श के लिए स्पोर्ट्स डायटेटिक्स (सीएसएसडी) की मानें, तो युवा एथलीटों के लिए प्रत्येक दिन खाने के लिए विशिष्ट, उचित मात्रा में कैलोरी और पोषक तत्वों का निर्धारण करना चाहिए।
युवा एथलीटों की विशेष डाइट प्लान
- -साबुत अनाज और अन्य जटिल कार्बोहाइड्रेट (जई, ब्राउन चावल, क्विनोआ, गेहूं की रोटी, साबुत अनाज नाश्ता, मीठे आलू, स्क्वैश और बीन्स)
- -फल (प्रति दिन 2 से 4 सर्विंग)
- -सब्जियां (प्रति दिन 3 से 5 सर्विंग्स)
- -प्रोटीन (चिकन, मछली, सेम / दाल, टोफू, अंडे, दही और दूध)
- -स्वस्थ फैट (नट, अखरोट मक्खन, बीज, जैतून का तेल और एवोकैडो)
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