पीरियड्स लड़कियों में होने वाली एक आम प्रक्रिया है। जिसके बारे में अक्सर सभी लोग बात करने में हिचकिचाते और शर्मिंदगी महसूस करते हैं। लेकिन पहले पीरियड्स में लड़कियांं बहुत तनाव से गुजरती हैं, उनके मन में पीरियड्स को लेकर काफी सवाल होते हैं। जानकारी न होने के कारण वह बहुत डर जाती हैं, इस बारे में किसी से बात करने में शर्माती हैं और मानसिक रूप से भी परेशान हो जाती हैं। ऐसे में मां का फर्ज होता है कि वह अपनी बेटी की सहेली बने यानि कि बेटी के पहले पीरियड्स के लिए उसे पहले से तैयार करे। इसलिए जब आपको लगे कि बेटी बड़ी हो रही है यानि कि 10 साल की उम्र पर पहुंच गयी है, तो आप उससे उसके शरीर के बदलावों के बारे में बात करना शुरू कर दें। क्योंकि 10 से 15 साल की उम्र में उसके पहले पीरियड्स आ सकते हैं। मां का फर्ज है कि वह बेटी से इन विषयों पर खुलकर बात करे। जिससे कि बेटी को पीरियड्स व अपने शरीर में होने वाले बदलावों के बारे में पूरी जानकारी हो।
परिवर्तनों को समझाएं
जैसे-जैसे लड़कियां बड़ी होती हैं, तो उनके शरीर में कई परिवर्तन आते हैं। 10 साल की उम्र पर आते ही आप अपनी बेटी को उसके शरीर में होने वाले शारीरिक विकास के बारे में समझाएं। शरीर में होने वाले परिवर्तनों जैसे ब्रेस्ट साइज का बढ़ना या गुप्त अंगो पर बाल के बारे में यदि बच्चों को पहले से पता होगा, तो वह उसके लिए मानसिक रूप से तैयार हो जाते हैं। मां का फर्ज हे कि वह बेटी को पीरियड्स के बारे में जानकारी दे और साथ ही बताए कि उसे इन सब चीजों में घबराने की जरूरत नहीं है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है।
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सवालों के जवाब दें
अगर आपकी बेटी के मन में पीरियड्स व अपने शरीर को लेकर कोई सवाल है, तो आप उसके सवालों को नजरअंदाज न करें। कई बार बेटी का सवाल का जवाब देना आपको अजीब या जरूरी नहीं लगता और आप उस पर गुस्सा हो जाती हैं। ऐसे में गुस्सा होने के बजाय समझदारी के साथ उसकी दोस्त बनकर उसके सवालों का जवाब दें। जिससे उसका मन हल्का हो और उसे अपने सवालों को मन में रखकर परेशान न होना पड़े।
मिथक व समस्याओं पर बात करें
पीरियड्स को लेकर समाज में कई मिथक होते हैं। जैसे कि पीरियड्स के दौरान आपको अशुद्ध व गंदा माना जाता है, लेकिन यह सही नहीं है। आप अपनी बेटी को बताएं यह सामान्य प्रक्रिया है, इसमें कुछ गंदा नहीं है और इस दौरान साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें। इसके अलावा पीरियड्स से जुड़ी समस्याओं पर भी बेटी से बात करें और उसे सही सलाह दें। पीरियड्स में होने वाले पेट दर्द व थकान के बारे में बताएं कि यह सामान्य बात है। इसके अलावा कितने समय के अंतराल में और कितने दिन तक पीरियड्स आ सकते हैं, इस सबकी पूरी जानकारी दें।
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सैनिटरी नैपकिन की जानकारी
सबसे अहम और जरूरी बात आप अपनी बेटी को उसके पहले पीरियड्स के लिए सैनिटरी नैपकिन की पूरी जानकारी जरूर दें। यानि सैनिटरी नैपकिन के चुनाव से लेकर उसके इस्तेमाल तक सभी जानकारी दें। आजकल बाजार में कई वैराइटी के सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध हैं, लेकिन आप उसे बेस्ट सैनिटरी नैपकिन इस्तेमाल करने की सलाह दें। जैसे सैनिटरी पैड का साइज, ब्रांड क अलावा बता सकते हैं कि कॉटन लेयर और स्लिम सैनिटरी पैड का इस्तेमाल करे। इसके अलावा एक और जरूरी बात आप अपनी बेटी को बताएं कि पीरियड्स के दौरान हर 6 घंटे के अंतराल में सैनिटरी पैउ जरूर बदलें।
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