
बच्चे एक नन्हे पौधे के समान होते हैं, दोनों को अगर सही देखभाल, खाद, पानी, वातावरण और पोषण मिलता है, तो वह आगे जाकर फलते-फूलते हैं। व्यक्ति की शारीरिक सुंदरता को कई पैमानों में मापा जाता है, उनमें से एक हर अच्छी कद—काठी का होना। आइए आज हम आपक
बच्चे एक नन्हे पौधे के समान होते हैं, दोनों को अगर सही देखभाल, खाद, पानी, वातावरण और पोषण मिलता है, तो वह आगे जाकर फलते-फूलते हैं। व्यक्ति की शारीरिक सुंदरता को कई पैमानों में मापा जाता है, उनमें से एक हर अच्छी कद-काठी का होना। लड़का हो या लड़की दोनों ही अच्छी हाइट चाहते हैं, क्योंकि आकर्षक दिखने के अलावा कुछ नौकरियों में लंबाई को एक आवश्यक शर्त माना जाता है। बच्चे की लंबाई कुछ अनुवांशिक व गैर-अनुवांशिक कारणों पर निर्भर करती है। लंबाई को प्रभावित करने वाले यह दोनों ही मुख्य कारण होते हैं।
अनुवांशिक
आपके बच्चे की लंबाई काफी हद तक जीन्स पर निर्भर करती है। यदि आपके परिवार के सदस्यों का कद छोटा होता है, तो हो सकता है कि आपके बच्चे का कद भी छोटा हो। लेकिन ऐसा ही हो जरूरी नहीं है, ऐसा होने की आंशका रहती है।
गैर अनुवांशिक
अनुवांशिक फैक्टर पर किसी का नियंत्रण नहीं होता लेकिन गैर-अनुवांशिक फैक्टर को रोका जा सकता है। यदि आप अपने बच्चे को संतुलित खानपान के साथ अच्छी जीवनशैली दें। अनुवांशिक फैक्टर कई तरह के हो सकते हैं। जैसे- भोजन में पौष्टिक तत्वों की कमी, शरीरिक गतिविधियां न करना, सही पोश्चर में न बैठना, ग्रोळा हार्मोन की कमी, बचपन की कोई बीमारी या मानसिक रूप से अस्वस्थ होना बच्चे के बढ़ते कद पर असर डाल सकता है।
लंबाई बढ़ाने के प्राकृतिक तरीके
स्वस्थ खानपान
संतुलित खानपान न केवल स्वस्थ रहने बल्कि अच्छी लंबाई के लिए भी जरूरी है। इससे शरीर को सभी पोषक तत्व मिलते हैं। संतुलित व स्वस्थ विकास के लिए बच्चे को विटामिन्स व मिनरल्स युक्त भोज्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा कार्बोनेट युक्त, वसा युक्त व अणिक मीठी चीजों के सेवन से परहेज करना चाहिए। बच्चों के विकास के लिए उन्हें जिंक युक्त खाद्य पदार्थ जैसे अंडा, ऑइस्टर का सेवन फायदेमंद होता है। इसके अलावा सभी पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा और शरीर में हार्मोंस के विकास के लिए विटामिन डी व प्रोटीन की जरूरत होती है।
खेलकूद व व्यायाम
खुद को शारीरिक रूप से सेहतमंद रखना भी लंबा होने के तरीकों में से एक है। इसके लिए खेलकूद व नियमित रूप से व्यायाम करना बेहद जरूरी है। यह एक प्राकृतिक उपाय है। एरोबिक्स, टेनिस, क्रिकेट, फुटबॉल व बास्केटबॉल जैसे खेल खेलने से शरीर एक्टिव होता है और आपके बच्चे का विकास अच्छे से होता है। स्पेनिश में हुए एक अध्ययन के अनुसार, शारीरिक गतिविधियों व हड्डियों के विकास का सीधा संबध होता है। इस प्रकार के खेलों से मांसपेशियां भी मजबूत होती है, जो लंबाई बढ़ाने में मददगार होती हैं। इसके अलावा लंबाई बढ़ाने के लिए स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज, लटकना फायदेमंद होता है।
भरपूर नींद
संतुलित भोजन, योगाभ्यास व व्यायाम के साथ शरीर के संपूर्ण विकास के लिए भरपूर नींद भी जरूरी होती है। जब आप गहरी नींद में होते हैं, तो ह्यूमन ग्रोथ हार्मोन नैचुरल तरीके से उत्पन्न होत हैं। इसलिए अच्छी लंबाई के लिए बच्चों को 8-10 घंटे की नींद लेना जरूरी माना जाता है। नीद पूरी होने से शरीर को पूरी तरह आराम मिलता है और अच्छे टिश्यू का निर्माण होता है।
सही पोश्चर
सही पोश्चर का लंबाई में अहम योगदान है। इसलिए बच्चों को शुरूआत से ही सही पोश्चर में उठना, बैठना व चलना सिखाएं। सही पोश्चर में उठने-बैठने से आप लंबे व सुंदर और आत्मविश्वास से भरे दिखेंगे। ध्यान रखें कि आपका बच्चा झुक कर न चले, चलते समय कंधे झुके और मुड़े न हों। बच्चे हमेशा कमर सीधी रखें, अगर कमर सीध हो तो कमर की हड्डी मजबूत होती है और लंबाई बढ़ने में आसानी होती है।
नियमित योगाभ्यास
योगाभ्यास से किसी भी तरह की बीमारी व समस्या से निजात पाया जा सकता है। ठीक इसी प्रकार लंबाई बढ़ाने के लिए भी योग फायदेमंद है। लंबाई बढ़ाने के लिए कुछ विशेष आसन होते हैं जैसे- त्रिकोणासन, भुजंगासन, सुखासन,वृक्षासन,नटराजासन, व सूर्य नमस्कार। इन्हें करने से मांसपेशियां मजबूत होती है और लंबाई बढ़ाने वाले हार्मोंस एक्टिव होते हैं।
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