अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के मुताबिक, हर साल वहां प्रोस्टेट कैंसर के 190,000 से भी अधिक मामले सामने आते हैं। भारत में भी यह आंकड़े चिंताजनक ही हैं। लेकिन सौभाग्य से, आप अपने प्रोस्टेट को स्वस्थ रखने के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं।
प्रोस्टेट अर्थात मूत्रमार्ग में अवरोध। आज कल पुरुषों में उम्र बढ़ने के साथ प्रोस्टेट कैंसर का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। उम्र 30 के ऊपर होने पर आपको विशेष तौरपर इसके बारे में जानकारी रखनी चाहिये। आपको इसके लक्षणों तथा प्रोस्टेट स्वास्थ्य में सुधार के तरीके के बारे में जानकारी होनी चाहिये। यदि आप प्रोस्टेट संबंधी समस्याओं और प्रोस्टेट कैंसर से बचना चाहते हैं तो आपको अपनी लाइफस्टाइल में सुधार करना होगा। तो चलिये जानें कुछ आसान से टिप्स जिससे आप प्रोस्टेट ग्रंथी की खराबी से बच सकते हैं और प्रोस्टेट स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं।
क्या है प्रोस्टेट
पौरुष ग्रंथि यानी प्रोस्टेट, पुरुषों के जनानांगों का अखरोट के आकार का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।यह ग्रंथि सीनम निर्माण में सहायक होती है, जिससे सेक्सुअल क्लाइमेक्स के दौरान वीर्य आगे बढ़ता है। इस ग्रंथि में सामान्य बैक्टीरियल इंफेक्शन से लेकर कैंसर जैसे गंभीर रोग हो सकते हैं। प्रोस्टेट में समस्या होने पर पुरुषों में सामान्य तौर पर दो रोग देखने को मिलते हैं। पहला, प्रोस्टेटिक हाईपेथ्रोफी (बीपीएच) तथा दूसरे प्रोस्टेट कैंसर होता है। पहले प्रकार की बीमारी में प्रोस्टेट का आकार सामान्य से बड़ा हो जाता है, जिस वजह से मूत्रमार्ग संकरा हो जाता है। और पेशाब करने में दिक्कत और दर्द होता है। वहीं दूसरी प्रकार की बीमारी यानी प्रोस्टेट कैंसर में प्रोस्टेट ग्रंथि कैंसरग्रस्त हो जाती है और यदि सही समय पर इलाज और देख-भाल न हो, तो यह आसपास के अंगों को भी प्रभावित ककरने लगती है।
खानपान का ध्यान रखें
खाराब खान-पान के कारण भी प्रोस्टेट की समस्या हो सकती है, इसलिए खानपान पर विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। प्रोस्टेट स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए ज्यादा रेड या नॉनऑर्गेनिक माट न खाएं। इसके अलावा अधिक तला हुआ न खायें। बाजार में डिब्बाबंद आहार खाने से परहेज करें। पैक्ड फूड से बचें, क्योंकि टीन के डब्बे की परत में एक सिंथेटिक एस्ट्रोजन बीस्फेनॉल-ए (बीपीए) पाया जाता है जो प्रोस्टेट के लिए हानिकारक होता है। साथ ही निम्न ततवों को भी लें-
लाइकोपीन
शरीर के विषाक्त पदार्थों को खत्म करने में मदद करता है और कार्सिनोजन को नष्ट कर कैंसर को रोकता है।
जिंक
जिंक से भरे आहार खाएं जिंक एक मुख्य खनिज है जो टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है। हर दिन 50 से 100 मिली ग्राम जिंक जरुर लेना चाहिये।
सेलेनियम
सेलेनियम एक प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट है और सीधे कैंसर के कुछ रूपों को रोकता है। यह कोशिका क्षति की मरम्मत में सहायक होता है और प्रोस्टेट स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
विटामिन बी व विटामिन ई
विटामिन बी और विटामिन ई चयापचय को बोहतर बनाता है और महत्वपूर्ण अंगों को ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करता है।
कच्चा लहसुन
कच्चे लहसुन का सेवन करने से न सिर्फ प्रोस्टेट स्वास्थ्य बेहतर बनाता है, बल्कि यह पेट और हृदय के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है। लहसुन 20 प्रतिशत तक प्रोस्टेट कैंसर के विकास की संभावनाओं को कम कर सकता है। रोजाना लहसुन को कच्चा ही खाएं।
ओरीगेनो
यह एक अंटी-कैंसर एजेंट होता है। यह प्रोसटेट कैंसर पैदा करने वाली सेल को मारता है। अपने भोजन में खूब सारा ओरीगेनो डाल कर खाएं और अपने प्रोस्टेट स्वास्थ्य को बेहतर बनाएं।
सॉ पालमेटो
यह एक प्रकार का पेड़ होता है, जिसका अर्क प्रोस्ट्रेट ग्रंथी की जलन को कम करता सकता है। यह प्राकृतिक रूप से बढ़े हुए प्रोस्टेट समस्या को भी दूर करता है। आप प्रोस्टेट स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए भी आप इसका सेवन कर सकते हैं।
खूब पानी पियें
आपको दि में खूब सारा पानी पीना चाहिये। इससे न सिर्फ प्रोस्टेट स्वास्थ्य को बेहतर होता है बलकी त्वचा स्वस्थ होती है और किडनी आदि से संबंधित समस्याएं भी नहीं होतीं। जब आप पर्याप्त पानी नहीं पीते हैं तो मूत्र की मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं।
सीताफल के बीज
सीताफल के बीज इस प्रोस्टेट संबंधी बीमारी में बेहद लाभदायक होते हैं। सीताफल के कच्चे बीज को अगर हर दिन भोजन में उपयोग किया जाए, तो यह काफी हद तक यह प्रोस्टेट की समस्या से बचाव करने में मददगार होता है। इन बीजों में ऐसे 'प्लांट केमिकल' होते हैं, जो शरीर में जाकर टेस्टोस्टेरोन को डिहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन में बदलने से रोकते हैं, जिससे प्रोस्टेट कोशिकाएं नहीं बन पातीं।
अंडरवियर का चुनाव
सही अंडरवियर पहने अगर क्योंकि यदि आपका अंडरवियर काफी तंग होगी तो आपकी जननेन्द्रिय दबी रहेगीं और साथ ही वे गरम भी हो जाएंगी। जननेन्द्रिय को ओवरहीटिंग से बचाने के लिए फिट और कॉटन अंडवियर ही पहनें।
भरपूर मात्रा में फल और सब्जियां खाएं (विशेषतौर पर टमाटर)
शोधों के अनुसार फल और सब्जी भरपूर मात्रा में खाने वालों में भी कैंसर का जोखिम, सब्जी और फल आदि न खाने वालों की तुलना में 24 प्रतिशत तक कम पाया जाता है। ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के शोधर्ताओं ने 50 से 69 साल की उम्र के बीस हजार ब्रिटिश पुरुषों पर शोध किया और पाया कि नियमित रूप से टमाटर खाने वाले पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर होने का जोखिम 18 प्रतिशत तक कम हो जाता है। दरअसल टमाटर के अंदर कैंसर प्रतिरोधी गुण वाला लाइकोपेन होता है जो कि एक एंटीऑक्सीडेंट है और डीएनए और कोशिका को क्षति पहुंचाने से रोक सकता है।
क्या न करें
धूम्रपान बिल्कुल न करें। धूम्रपान करने से आपके पूरे शरीर को भारी नुकसान होता है। यदि आप धूम्रपान के आदि हैं तो आपकी प्रोस्ट्रेट ग्रंथी खराब होने की संभावना बेहद बढ़ जाती है। साथ ही कैफीन और शराब सेवन भी कम कर दें। दिन में केवल एक कप कॉफी पीना तक ही सही रहता है। इसके अलावा मोबाइल रेडियेशन से भी बचें। देखा जाता है कि कई पुरुष अपने मोबाइल फोन को हमेशा अपनी पैंट की पॉकेट में ही रखते हैं। यह आदत खराब है क्योंकि इससे निकलने वाली रेडियेशन प्रोस्टेट ग्रंथी को नुकसान पहुंचा सकती है। हालांकि मोबाइल रेडियेशन के इस कारम पर आभी भी कई अलग-अलग मत हैं। नियमित व्यायाम करने से भी प्रोस्टेट हैल्थ बेहतर होती है। इसके लिे आप कीगल एक्सरसाइज कर सकते हैं।