माता पिता और बच्चों के बीच दूरी बढ़ाता है जेनरेशन गैप, जानें इस दूरी को मिटाने के खास टिप्स

बदलते समय के साथ मां बाप और नई पीढ़ी के बच्चों की सोच काफी ज्यादा अलग होती जा रही है। इन विचारों की खाई को भरना जरूरी है।
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माता पिता और बच्चों के बीच दूरी बढ़ाता है जेनरेशन गैप, जानें इस दूरी को मिटाने के खास टिप्स

समय बहुत जल्दी आगे बढ़ता रहता है और तेजी से बदलता भी रहता है। इस समय के बदलाव में काफी चीजें बदलती हैं। जैसे हमारा माइंड सेट, फैशन, आउटलुक, हमारी ड्रेसिंग सेंस और हमारा टेस्ट।  लेकिन पिछली पीढ़ी यानी माता पिता अभी भी अपने जमाने में ही रहते हैं। इन बदलावों को स्वीकार नहीं कर पाते हैं। जबकि उनके बच्चे समय के साथ खुद को बदल रहे होते हैं। इसलिए इन दोनों पीढ़ियों के बीच एक गैप बन जाता है जिसे जेनरेशन गैप कहते हैं। ऐसे में मां बाप बच्चे को समझ नहीं पाते हैं, बच्चों की गलतियों को बर्दाश्त नहीं करते हैं। बहुत अधिक तुलना करते हैं और उनके साथ खुले दिमाग से बात नहीं कर पाते हैं। यही कारण हैं जिससे जेनरेशन गैप दोनों के बीच बढ़ता चला जाता है। इसे भरने के लिए निम्न टिप्स का पालन जरूर करें।

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एक्सपर्ट एडवाइज

फाउंडर, गेट सेट पेरेंट, उपाध्यक्ष, अर्ली चाइल्डहुड एसोसिएशन ऑफ इंडिया, डॉ. पल्लवी राव चतुर्वेदी के मुताबिक माता-पिता और बच्चों के बीच में पनप आई दूरी की वजह है हमारा समाज। जो वक्त के साथ तेजी से बदल रहा है। पहले के समय में दो और तीन पीढ़ियां एक साथ एक ही परिवार में रहते थे। लेकिन आज के समय में न्यूक्लियर फैमिली हो गई है। जिसकी वजह से बच्चों की सहनशक्ति कम हुई है। बच्चे हर समय गैजेट के साथ समय बिताते हैं। जितना बच्चे गैजेट्स का प्रयोग कर रहे हैं, आजकल के मां-बाप उतने अपडेटेड नहीं है। अपने समय से हर वक्त बच्चे की तुलना बंद करें और ठंडे दिमाग व शांति से काम लें।

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खुला दिमाग रखें 

आम तौर पर माता पिता यह बात सुनाते हैं कि हम तुम्हारी उम्र से गुजर चुके है। इसलिए हमें पता है तुम किस स्थिति में हो या तुम क्या सोच रहे हो। लेकिन अब समय बदल चुका है और आपको एक खुला दिमाग रखने की आवश्यता है। हो सकता है आपके बच्चा इस बात को सुन सुन कर ही इरिटेट होता हो। बच्चे का समय आपके समय से अलग है। इसलिए उसकी सोच भी आपसे अलग ही मिलेगी इसलिए आपको पहले से ही कुछ अंदाजे न लगा कर बच्चे की बात को खुले दिमाग से सुनना और समझना चाहिए।

उनसे बातें करें

कुछ विषय ऐसे होते हैं जो बच्चे मां बाप से शेयर नहीं कर सकते हैं। यह बातें केवल उनके मां बाप ने ही उन्हें सिखाई होती है। ऐसी स्थिति में वह किसी और के पास मदद मांगने जाते हैं। जोकि उन्हें गलत राय दे सकते हैं। इसलिए आपको बच्चों को यह सिखाना चाहिए कि वह आपसे अपनी हर बात शेयर कर सकते हैं और आप उन्हें किसी गलती के लिए जज नहीं करेंगे। बच्चे आपसे डरते हैं क्योंकि आप उन्हें एक सुरक्षित स्थान नहीं प्रदान कर रहे हैं। इसलिए वह गलतियां अधिक कर बैठते हैं इसलिए उनसे हर विषय के बारे में बात करें और समझाएं।

उनकी बात सुनें

अगर आपका बच्चा कोई गलती कर देता है या किसी टेस्ट में फेल हो जाता है। तो मां बाप उसके बिल्कुल सिर पर ही चढ़ जाते हैं। उसकी एक भी बात नहीं सुनते हैं कि क्यों उसने ऐसा किया और वह किस स्थिति से गुजर रहा था। अगर वह अपनी कोई राय रखते हैं या फिर अपनी बात रखने की कोशिश करते हैं तो फिर आप उन्हें यह समझ कर चुप करा देते हैं। वह आपसे जुबान लड़ा रहे हैं। लेकिन ऐसा नहीं होता है, आपको उनकी भी बात सुननी चाहिए।

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उन्हें समझें 

केवल उनकी बात सुनने से काम नहीं चलेगा। बल्कि आपको उनकी बातें समझनी भी होंगी। आपको एक बार अपने आप को ही उनकी जगह पर रख कर देखना होता है। यह सोचें कि वह आपको क्या बात बताने को कोशिश कर रहे हैं और इस स्थिति में वह आपसे क्या चाहते हैं। अगर वह किसी चीज की आशा रख रहे हैं या अनुमति मांग रहे हैं तो आपको उन्हें समझना चाहिए और अनुमति दे देनी चाहिए।

उन्हें बिना किसी कंडीशन के प्रेम करें

अपने बच्चे को अपना प्यार दिखाना सबसे आवश्यक होता है। इससे आपके बच्चे आपको सब कुछ शेयर करने में सुरक्षित महसूस करते हैं। जेनरेशन गैप को भरने का सबसे बढ़िया तरीका होता है प्रेम दिखाना। अगर आपके बच्चे कोई बड़ी गलती कर देते हैं तो उन्हें ऐसा महसूस न होने दें कि उसके बाद आप उन्हें इग्नोर करेंगे या प्यार कम कर देंगे। ऐसा करने से वह मन ही मन टूट जाते है।। इसलिए अपना अनकंडीशनल प्यार बच्चों को दिखाएं और जताएं।

आपको इन सभी टिप्स का प्रयोग करना चाहिए ताकि आपके बच्चे और आपके बीच ज्यादा तनाव न रह कर अधिक अपनापन और खुलापन आ सके।

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