डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए नियमित रूप से ब्लड ग्लूकोज की जांच के महत्व पर ज्यादा जोर नहीं दिया जाता। ब्लड ग्लूकोज की जांच आपकी डाइड, एक्सरसाइज और दवाओं के साथ -साथ आपका ब्लड ग्लूकोज स्तर कितना बेहतर है इसे जानने में मदद करती है। और इसलिए घर पर ही ग्लूकोमीटर के जरिए ब्लड ग्लूकोज स्तर को जांचना कोई बुरा विकल्प नहीं है। लेकिन कभी-कभार ऐसा होता है कि ग्लूकोमीटर का प्रयोग करते वक्त सही नतीजें सामने नहीं आ पाते हैं। इसलिए हम हमेशा ग्लूकोमीटर को ही दोषी ठहराते हैं। लेकिन इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि हर बार गलती ग्लूकोमीटर की नहीं होती। सही नतीजे सामने नहीं आने के पीछे ब्लड ग्लूकोज लेवल जांचते वक्त आपके द्वारा की गई गलतियां हो सकती हैं और इन गलतियों से बचकर आप सही नतीजे पा सकते हैं। अगर आप सोच रहे हैं कि ग्लूकोमीटर से जांचते वक्त ऐसी कौन सी गलतियां है तो हम आपको ऐसी 4 गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आप अक्सर करते हैं। आप इन गलतियों को सुधार कर आसानी से अपना सटीक ब्लड ग्लूकोज लेवल जांच सकते हैं।
ग्लूकोमीटर का प्रयोग करते वक्त अक्सर होने वाली 4 गलतियां
जांच से पहले हाथ न धोना
ग्लूकोमीटर के जरिए अपने ग्लूकोज लेवल की जांच करते वक्त सबसे जरूरी है कि अपने हाथों को अच्छी तरह से धोएं, भले ही आपके हाथ गंदे न हो। ऐसा इसलिए है क्योंकि जांच से पहले हाथ नहीं धोने के कारण परिणाम खराब हो सकते हैं। 2011 में डायबिटीज केयर जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, ब्लज शुगर की जांच करने के लिए उपयोग की जाने वाली पहली बूंद और दूसरी बूंद में 10 प्रतिशत से अधिक का अंतर होता है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि हाथों को साबुन और पानी से धोएं, उन्हें सुखाएं और ब्लड ग्लूकोज लेवल की जांच के लिए ग्लूकोमीटर का उपयोग करते समय खून की पहली बूंद का ही उपयोग करें। अगर हाथ धोना संभव नहीं है और आप शुगर युक्त उत्पाद के संपर्क में नहीं हैं तब आप खून की दूसरी बूंद का उपयोग कर सकते हैं।
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खाना खाने के तुरंत बाद जांच करना
ज्यादातर लोग खाना खाने के आधे घंटे और एक घंटे के भीतर ही ब्लड ग्लूकोज की जांच करते या करवाते हैं। हालांकि खाना खाने के तुरंत जांच करने से ब्लड ग्लूकोज लेवल काफी बढ़ा हुआ होता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, सही परिणाम प्राप्त करने के लिए हमेशा खाना खाने के दो घंटे बाद ग्लूकोज लेवल की जांच करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा हमेशा खाना खाने से पहले ग्लूकोज लेवल जांचना अच्छा माना जाता है।
जांच के लिए खून निकालते वक्त उंगली को दबाना
कुछ मामलों में जिन लोगों के हाथ ठंडे होते हैं या फिर उनका ब्लड सर्कुलेशन खराब होता है तब पर्याप्त रक्त प्राप्त करने के लिए उनकी उंगलियों को दबाया जाता है। हालांकि यह सही नहीं है क्योंकि बाहरी दबाव डालने से रीडिंग खराब हो सकती है। 2011 के एक अध्ययन से पता चलता है कि हमेशा जांच से पहले हाथों को धीरे से गर्म करें या अपने हाथों को रगड़ें ताकि आपको उन्हें दबाना न पड़े। उंगलियों को दबाने से खून के बजाय अंतरालीय द्रव निकल सकता है, जिससे परिणाम खराब आ सकते हैं। इसके अलावा इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि ग्लूकोज माप के लिए किस उंगली का उपयोग किया जा रहा है लेकिन हर समय एक ही उंगली का उपयोग करने से दर्द, बेचैनी और चुभन हो सकती है। इसके अलावा ब्लड ग्लूकोज की जांच करते वक्त उंगलियों के किनारों पर सुई लगानी चाहिए न कि उंगलियों में मौजूद नसों पर। इससे आपको अधिक दर्द हो सकता है।
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पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना
आसान भाषा में कहें तो पानी की कमी आपका ब्लड ग्लूकोज लेवल बढ़ा सकती है। जब आप पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीएंगे तो आपके ब्लड में ग्लूकोज का स्तर काफी बढ़ जाएगा। जिसके परिणामस्वरूप ब्लड सर्कुलेशन में ग्लूकोज की सघनता बढ़ जाएगी। इसके कारण आपको अधिक पेशाब आएगा और आपके शरीर में पानी की कमी हो जाएगी। इसलिए पानी की कमी से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पीने की सलाह दी जाती है, जिससे आपके ब्लड ग्लूकोज लेवल में परिवर्तन होता रहता है।
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