महिलाओं में पीरियड्स के दौरान पीरियड क्रैम्प्स बहुत ही आम है। विश्वभर में 80% से अधिक महिलाएं इनसे पीड़ित हैं। वास्तव में, 10% महिलाएं इस दौरान ऐंठन, मतली और पेट में दर्द आदि का अनुभव करती हैं, जो उनके रोजमर्रा के जीवन को बाधित करती हैं। स्वास्थ्यवर्धक, बिना किसी दुष्परिणाम के पीरियड क्रैम्प से निपटने का एक तरीके योग हो सकता है। जर्नल ऑफ अल्टरनेटिव एंड कॉम्प्लिमेंट्री मेडिसिन में प्रकाशित शोध के अनुसार, योग क्रैम्प और प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमएस) दोनों में मदद कर सकता है। यह दर्द को कम करने का एक अच्छा चिकित्सीय विकल्प हो सकती है और लंबे समय तक योग करने से ये दर्द को पूरी तरह से खत्म करने में मदद कर सकता है। आइए हम आपको बताते हैं, पीरिएड्स के दौरान ऐंठन और दर्द से बचने के लिए तीन तरह के योग।
तितली आसन (Baddha konasana or butterfly pose)
पीरियड्स के दौरान शरीर का निचला आधार में दर्द होता है, जो अक्सर भारी और फूला हुआ महसूस होता है। वहीं तितली आसन वजाइनल क्षेत्र को खोलने और आपके पेट के अंगों, अंडाशय और मूत्राशय को उत्तेजित करने में बहुत मदद करता है। जिससे पीरिएड्स सॉफ्ट होने लगते हैं।
तितली आसन करने का तरीका-
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- पैरों को सामने की ओर फैलाते हुए बैठ जाएं और रीढ़ की हड्डी को सीधे रखें।
- घुटनों को मोड़ें और दोनों पैरों को वजाइना की ओर लाएं।
- फिर पांव के तलवों को एक दुसरे को छूते हुए रखें।
- दोनों हाथों से अपने दोनों पांव को कस कर पकड़ लें। (सहारे के लिए अपने हाथों को पांव के नीचे रख लें)
- फिर लंबी और गहरी सांस लें।
- सांस छोड़ते हुए घुटनो एवं जांघो को फर्श की ओर ले जाएं।
- तितली के पंखों की तरह दोनों पैरों को ऊपर नीचे हिलाना शुरू करें। धीरे धीरे गति बढ़ाते जाएं और सांस लेते रहें।
- जितना संभव हो उतनी तेज़ी से इस प्रक्रिया को करते रहें।

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उपविष्ठ कोनासन या चौड़े कोण आगे की ओर झुकना (Upavistha konasana)
ये योगा पोज आपके पीरियड की ऐंठन को कम करने में और आपके पेट के अंगों को उत्तेजित करने में मदद करता है। वास्तव में, ये आप तब भी कर सकते हैं, जब आप तनाव महसूस कर रहे हों क्योंकि यह मुद्रा आपके शरीर को पूरी तरह आराम करने में मदद करती है। आइए जानते हैं इसे करने का तरीका-
- उपविष्ठ कोणासन को करने के लिए सबसे पहले बैठ जाइए, फिर पैरों को फैला लीजिए।
- पैरों को इस तरह फैलाये की जैसे वे आपके श्रोणि (Pelvic) के साथ ये 90 डिग्री का कोण बनाये।
- अपने पैरों को सीधा रखें और उंगलियों को अंदर की और मोड़े।
- इस तरह पीठ के निचले हिस्से में एक कर्व बना लें।
- इसके बाद हथेलियों को फर्श पर इस तरह रखें कि ये आपके कूल्हों के पीछे रहे।
- अंत में लम्बी और गहरी श्वास ले और अपनी स्पाइन को कुछ सेकंड के लिए स्थिरता से खींचते रहें।
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बालासन (Balasana)
बालासन योग में आराम करने वाली मुद्रा है। यह विशेष रूप से मासिक धर्म के दर्द को दूर करने का एक शानदार तरीका है। अगर आपकी पीठ में बहुत दर्द रहता है तो ये आपके लिए बेहद सही आसान है। यह आसन आपकी पीठ की मांसपेशियों को फैलने की अनुमति देता है, जबकि आपको आराम करने में भी मदद करता है। इस मुद्रा को करते समय गहरी सांस लेना याद रखें। आइए जानते हैं इसे करने का तरीका-
- अपनी एड़ियों पर बैठ जाएं और कूल्हों पर एड़ी को रखें।
- आगे की ओर झुके और माथे को जमीन पर लगाएं।
- हाथों को शरीर के दोनों ओर से आगे की ओर बढ़ाते हुए जमीन पर रखें।
- हथेली आकाश की ओर करते हुए दूसरी हथेली को साथ में रखकर माथे की ओर ले जाएं।
- इसके बाद धीरे-धीरे छाती से जांघो पर दबाव डालें।
- अंत में उठकर अपनी एड़ी पर बैठ जाएं और रीढ़ की हड्डी को धीरे धीरे सीधा कर के विश्राम की मुद्रा में आ जाएं।
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