2024 के अंत तक मिल पाएगी हर व्यक्ति को कोरोना वायरस की वैक्सीन, सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ का दावा

दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन उत्पादक कंपनी के सीईओ का दावा, साल 2024 के अंत तक भी हर व्यक्ति के लिए पर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो पाएगी।
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2024 के अंत तक मिल पाएगी हर व्यक्ति को कोरोना वायरस की वैक्सीन, सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ का दावा

कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर दुनिया का लगभग हर देश, हर इंसान प्रतीक्षारत है। पिछले दिनों भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बयान दिया था कि 2021 में वैक्सीन आ जाएगी और सबसे पहले बूढ़ों और जरूरतमंदों को इसकी डोज दी जाएगी। मगर दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन कंपनी 'सीरम इंस्टीट्यूट' के प्रमुख अदार पूनावाला ने दावा किया है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन हर व्यक्ति तक लगभग साल 2024 के अंत तक पहुंच पाएगी। आपको बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट वो कंपनी है, जो ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर कोरोना वायरस की वैक्सीन बना रही है और इसी वैक्सीन से सबसे ज्यादा उम्मीदें हैं क्योंकि वैक्सीन का फेज-3 ट्रायल चल रहा है।

coronavirus vaccine trial

वैक्सीन बनने के बाद भी 4-5 साल लगेंगे

अदार पूनावाला के अनुमान के मुताबिक अगर हर व्यक्ति को वैक्सीन के 2 शॉट देने पड़ेंगे, तो दुनिया को लगभग 15 अरब वैक्सीन्स की जरूरत पड़ेगी (दुनिया की आबादी लगभग 7.5 अरब है)। ऐसे में अगर व्यक्ति तक कोरोना वायरस की वैक्सीन पहुंचाने है तो इसमें 4 से 5 साल का समय लगेगा। फाइनेंशियल टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक अदार पूनावाला ने कहा, "इस ग्रह पर हर व्यक्ति तक वैक्सीन को पहुंचने में 4-5 साल लगेंगे।

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50 करोड़ वैक्सीन भारत को देने का किया था दावा

सीरम इंस्टीट्यूट पुणे की कंपनी है और संख्या के लिहाज से दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन बनाने वाला संस्थान भी है। कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर इस फार्मा कंपनी ने दुनिया के 5 फार्मास्युटिकल कंपनी के साथ हाथ मिलाया है, जिसमें AstraZeneca और Novavax जैसी बड़ी कंपनियां भी शामिल हैं। पिछले दिनों अदार पूनावाला तब चर्चा में आए थे जब उन्होंने दावा किया था कि उनकी कंपनी 1 अरब वैक्सीन्स का निर्माण करेगी, जिसमें से आधी यानी 50 करोड़ वैक्सीन्स भारत के लिए होंगी।

एक व्यक्ति के बीमार होने से भारत में रुक गया है ट्रायल

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा बनाई गई वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल AstraZeneca कंपनी कर रही है। पिछले सप्ताह इसी ट्रायल के दौरान एक व्यक्ति में कुछ रिएक्शन देखे गए और वो बीमार हो गया, जिसके बाद वैक्सीन का ट्रायल अभी रोक दिया गया है। भारत में इसी वैक्सीन का ट्रायल सीरम इंस्टीट्यूट कर रहा था। उक्त मामला सामने आने के बाद भारत के ड्रग कंट्रोलर ने भी भारत में इस वैक्सीन के ट्रायल पर रोक लगा दी है। हालांकि ताजा जानकारी के अनुसार वैक्सीन का ट्रायल ब्रिटेन में फिर से शुरू हो चुका है।

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ट्रायल के बीच में ही निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए

यूके में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन से एक व्यक्ति के बीमार होने की घटना के बाद अदार पूनावाला ने ट्वीट कर लिखा था, "जैसा कि मैंने पहले ही कहा था, जब तक ट्रायल्स पूरे नहीं हो जाते हैं, तब तक हमें उछलकर किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंचना चाहिए। हाल में हुई घटनाओं की चेन इस बात का उदाहरण है कि हमें बायस नहीं होना चाहिए और वैक्सीन के प्रॉसेस का सम्मान करना चाहिए।"

ओनलीमायहेल्थ भी अपने पाठकों से यही कहना चाहता है कि कोरोना वायरस से होने वाला कोविड-19 संक्रमण किसी-किसी के लिए गंभीर हो सकता है। इसलिए जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती है, तब तक आपको सुरक्षा के लिए जरूरी सभी एहतियातों और सरकारी निर्देशों का ध्यान रखना चाहिए।

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