कोरोनावायरस के संक्रमण से बचने वाली एक महिला की कहानी: जानें कैसे बची उसकी जान

इंटरनेशनल फ्लाइट मैनेजर, ममता सचदेवा में कोरोनावायरस के लक्षण थे, जिसके बाद उन्‍हें आइसोलेशन में रखा गया और अब वह बिल्‍कुल ठीक हैं।
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कोरोनावायरस के संक्रमण से बचने वाली एक महिला की कहानी: जानें कैसे बची उसकी जान

एक तरफ जहां लोग कोरोनावायरस (Coronavirus) से मर रहे हैं, जगह-जगह लोग दहशत में जी रहे हैं वहीं दूसरी ओर एक महिला 2 दिन आइसोलेशन में रहने के बाद अस्‍पताल से अपने घर लौट गई है। महिला ने चीन की यात्रा की थी जिसके बाद उसमें COVID-19 के लक्षण दिखे थे। 

दरअसल, इंटरनेशनल फ्लाइट मैनेजर, ममता सचदेवा नाम की एक महिला ने अपने यूट्यूब चैनल के माध्‍यम से अपने देखरेख और आइसोलेशन में रहने की जर्नी को साझा किया है, महिला ने बताया है कि किस तरह से डॉक्‍टर्स ने कोरोनावायरस सस्‍पेक्‍ट होने पर उन्‍हें निगरानी में रखा और बाद में उसके सारे टेस्‍ट निगेटिव पाए गए।

बेटे का इलाज करने गई थी और खुद को एडमिट होना पड़ा

ममता सचदेवा ने बताया कि, वह चीन से यात्रा कर के लौटी थी, जिसके बाद उनकी तबियत खराब हुई थी। हालांकि, चीन जाने से पहले उनमें कफ और कोल्‍ड था! चीन से लौटकर आने के बाद भी कई दिनों तक कफ-कोल्‍ड था, मगर फीवर नहीं था।  जब वह घर आईं तो उन्‍होंने देखा कि उनके बेटे की भी तबियत खराब हो गई है, उसे बुखार आ रहा है, जिसका इलाज कराने के लिए वह हॉस्पिटल गईं। जहां बात-बात में उन्‍होंने डॉक्‍टर को बताया कि वह अभी चीन से लौटी हैं। इसके बाद डॉक्‍टर सतर्क हुए और ममता को आइसोलेशन में रख दिया। ममता ने बताया कि, आमतौर पर आइसोलेशन में 14 दिन तक रखा जाता है मगर उन्‍हें अगले दिन ही अस्‍पताल से छुट्टी मिल गई।

"दो दिन मैं काफी डरी हुई थी" 

ममता ने बताया कि उन्‍हें सेमी आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था। उन्‍होंने कहा, आइसोलेशन में रहने के दौरान वह किसी से मिलना या बात नहीं कर सकती थी। डॉक्‍टर एक अलग तरह का कॉस्‍ट्यूम पहनकर इलाज और टेस्‍ट के लिए अंदर आते थे। ममता कहती हैं, "इस दौरान मैं पूरा दिन खुद को समझा रही थी कि पता नहीं दो दिन लगेंगे, चार दिन लगेंगे या 14 दिन लगेंगे। मगर एक फोन की घंटी ने मेरी जान वापिस दे दी। डॉक्‍टर का फोन था और उन्‍होंने बताया कि आपके सभी टेस्‍ट निगेटिव हैं।" इलाज पूरी तरह से डॉक्‍टर की निगरानी में हो रहा था। इस दौरान ममता के अंदर एक डर भी था, मगर उन्‍होंने उम्‍मीद नहीं हारी।

अंत में सारी जांच हुई निगेटिव

ममता ने कहा कि आइसोलेशन में रहने के दौरान समय-समय पर नर्स दवाईयां देते थे। डॉक्‍टर ने नाक और थ्रोट से सैंपल लिए थे। ब्‍लड के सैंपल भी लिए गए थे। अचानक उनके लैंडलाइन पर उनकी डॉक्‍टर का फोन आया कि वह अब बिल्‍कुल ठीक हैं। उनके सारे टेस्‍ट निगेटिव हैं। डॉक्‍टर की ये बात सुनने के बाद उन्‍होंने लोगों को कोरोनावायरस के न डरने का संदेश भी दिया साथ ही जीवन कितना मूल्‍यवान है यह भी बताया और खुद का और अपने परिवार का ख्‍याल रखने की सलाह दी। 

आपको बता दें कि ममता सचदेवा यूएई में रहती हैं और वह पंजाब की रहने वाली हैं। यूएई में कोरोनावायरस का खतरा और संक्रमण अधिक था। ये उस समय की बात है जब फरवरी में अरब में पब्लिक इवेंट और अन्‍य कार्यक्रमों पर पाबंदी लगा दी गई थी। हालांकि, दुबई में रोकथाम के उपाय किए जा रहे हैं। 

यहां हम आपको कोरोनावायरस से बचाव की सलाह दे रहे हैं:

डब्‍ल्‍यूएचओ ने कोरोना वायरस से बचने के लिए कुछ दिशानिर्देश दिए हैं:

  • हाथों को साबुन और पानी से धोएं या अल्‍कोहल बेस्‍ड हैंड सैनेटाइजर का इस्‍तेमाल करें। 
  • खांसते और झींकते समय नाक और मुंह रूमाल या टिश्‍यू पेपर से ढककर रखें, या हाथों को इस्‍तेमाल करें।
  • जिन व्‍यक्तियों में कोल्‍ड और फ्लू के लक्षण हों उनसे दूरी बनाकर रखें। 
  • अंडे और मांस का सेवन बिल्‍कुल न करें।
  • जंगली जानवरों के साथ असुरक्षित संपर्क से बचें

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