पेट में कीड़े होने के संकेत हैं शरीर में दिखने वाले ये 5 लक्षण, जानें कारण और उपचार

टेपवर्म संक्रमित जानवरों के अधपके या कच्‍चे मांस के सेवन से होता है। अामतौर पर यह बीमारी गंभीर नहीं होती, लेकिन कुछ टेपवर्म जानलेवा भी हो सकते हैं। इसलिए इसके लक्षण नजर आते ही फौरन डॉक्‍टर को दिखाना चाहिये।
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पेट में कीड़े होने के संकेत हैं शरीर में दिखने वाले ये 5 लक्षण, जानें कारण और उपचार

टेपवर्म खंडित वर्म अथवा कीड़े होते हैं, जो कुछ जानवरों की आंतों में रहते हैं। जानवर चारागाहो में चरते समय या दूषित पानी पीकर इन परजीवियों से संक्रमित हो सकते हैं। संक्रमित पशुओं का कच्‍चा या अधपका मांस खाने से ही ये टेपवर्म मनुष्‍यों के शरीर में प्रवेश करते हैं। हालांकि, टेपवर्म के कारण मनुष्‍यों में जो लक्षण नजर आते हैं, उन्‍हें आसानी से ठीक किया जा सकता है। लेकिन, कई बार ये काफी गंभीर भी हो सकते हैं। और कई बार ये जानलेवा भी हो सकता है। इसलिए टेपवर्म के लक्षणों को पहचानना जरूरी है ताकि आप स्‍वयं को और अपने परिवार को इसके दुष्‍प्रभावों से सुरक्षित रख पायें।

टेपवर्म के कारण

मनुष्‍यों को छह प्रकार के टेपवर्म प्रभावित कर सकते हैं। इन्‍हें उन पशुओं के जरिये पहचाना जाता है, जिसके जरिये ये मनुष्‍य के शरीर में प्रवेश करते हैं। टिनिया सेगिनाता (Taenia saginata) गौमांस से, टिनिया सोलिलयम (Taenia solium) सुअर से, और डिफिलोबोट्रियम लॉटम (मछली) से इनसानी शरीर में प्रवेश करता है।

टेपवर्म का जीवन तीन-स्‍तरीय होता है। अंडा, शुरुआती स्थिति जिसे लार्वा कहा जाता है, व्‍यस्‍क स्थिति में कीड़ा और अंडे देने लगता है। क्‍योंकि यह लार्वा मांसपेशियों में प्रवेश कर जाता है, इसलिए जब आप कच्‍चा या अधपका मांस खाते हैं, तो संक्रमण होने की आशंका काफी बढ़ जाती है।

यदि संक्रमित व्‍यक्ति शौच के बाद अच्‍छे से हाथ धोये बिना खाना पकाता है, तो ये वर्म उस खाने में प्रवेश कर बाकी लोगों को भी संक्रमित कर सकते हैं।

टेपवर्म के लक्षण

टेपवर्म के लक्षण और संकेत इस प्रकार हैं

  • मतली
  • कमजोरी
  • डा‍यरिया
  • पेट में दर्द
  • अधिक भूख या भूख खत्‍म हो जाना
  • थकान
  • वजन कम होना
  • विटामिन और मिनरल की कमी होना

लक्षण कम आते हैं नजर

हालांकि, आमतौर पर टेपवर्म किसी प्रकार के लक्षण नहीं दिखाता। इसका एकमात्र संकेत शौच में घूमते कीड़े हो सकता है। दुर्लभ मामलों में टेपवर्म गंभीर हालात भी पैदा कर सकता है। इसमें आंतों का अवरुद्ध होना भी शामिल है। यदि सुअर का टेपवर्म गलती से आपके शरीर में प्रवेश कर जाता है, तो यह आपके शरीर के भीतर गतिमान हो जाता है। इससे लिवर, आंखें, दिल और मस्तिष्‍क तक प्रभावित हो सकते हैं। ये संकेत वाकई जानलेवा हो सकते हैं।

टेपवर्म का इलाज

यदि आपको अपने शरीर के भीतर टेपवर्म होन की आशंका हो, तो आपको डॉक्‍टर से संपर्क करना चाहिये। क्‍योकि टेपवर्म कई प्रकार के होते हैं, तो इस बात की पुष्टि करने के लिए कि आपको कौन सा टेपवर्म है डॉक्‍टर स्‍थूल की जांच कर सकता है।

जांच जरूरी

यदि वर्म की जांच स्‍थूल के जरिये न हो पाये, तो डॉक्‍टर रक्‍तजांच के जरिये भी टेपवर्म संक्रमण का पता लगा सकता है। गंभीर मामलों में डॉक्‍टर कंप्‍यूटेड टोमोग्राफी यानी सीटी अथवा एमआरआई करवाने को भी कह सकता है। इससे उसे यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि कहीं इन कीड़ों ने पाचन-क्रिया के अंगों के अलावा अन्‍य अंगों को तो प्रभावित नहीं किया। 

कितना लंबा ईलाज

चिकित्‍सा का प्रकार और समय टेपवर्म के प्रकार पर निर्भर करता है। आमतौर पर टेपवर्म का इलाज गोलियों द्वारा ही किया जाता है।

ये दवायें टेपवर्म को मारती हैं। ये मृत टेपवर्म या तो घुल जाते हैं या फिर शौच द्वारा शरीर से बाहर निकल जाते हैं। यदि कीड़े बड़े हों तो शरीर से उनके बाहर निकलते समय अकड़न भी हो सकती है। जब टेपवर्म आंतों तक ही सीमित हों, तो सही इलाज से 95 फीसदी लोगों को इससे राहत मिलती है। इलाज पूरा होने के एक और तीन महीने बाद आपका डॉक्‍टर एक बार फिर स्‍थूल की जांच करता है। वह यह पुष्टि करना चाहता है कि कीड़े पूरी तरह समाप्‍त हो गए हैं अथवा नहीं।

टेपवर्म के गंभीर संक्रमणों को भी दवाओं के जरिये ठीक किया जाता है।

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कैसे बचें

टेपवर्म से बचने के लिए आपको जरूरी सावधानियां बरतनी चाहिये। खाना पकाने और खाने से पहले व शौच के बाद हाथ अच्‍छी तरह से धोयें। मीट, चिकन, मछली या किसी भी प्रकार के मांस को अच्‍छी तरह पकायें।

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