
Leukemia in Children in Hindi: कैंसर के मामले दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहे हैं। व्यस्कों के साथ-साथ ये गंभीर अब बच्चों में भी देखने को मिल रही है। बच्चों में होने वाले कैंसर में सबसे आम है ब्लड कैंसर, जिसे ल्यूकेमिया भी कहा जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, दुनियाभर में प्रतिदिन 1 हजार बच्चों में ल्यूकेमिया की पहचान होती है। भारत के आंकड़ों पर गौर करें तो हर साल देश में 70 हजार से ज्यादा बच्चों में ब्लड कैंसर के मामले दर्ज किया जाते हैं। इनमें 35 से 40 प्रतिशत मामले ल्यूकेमिया के होते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि ल्यूकेमिया के लक्षणों की पहचान अगर शुरुआत में ही कर ली जाए तो इसका इलाज संभव है, लेकिन इसमें देरी हो जाए तो ये मौत का कारण बन सकती है। आइए जानते हैं बच्चों में ल्यूकेमिया के लक्षण और इससे बचाव के टिप्स के बारे में।
क्या होता है ल्यूकेमिया - क्या है ब्लड कैंसर - What is Leukemia
दिल्ली स्थित बीएलके मैक्स हॉस्पिटल में सेंटर फॉर बोन मैरो ट्रांसप्लांट के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ पवन कुमार सिंह का कहना है, ल्यूकेमिया शरीर के खून में बनने वाला एक कैंसर है। ल्यूकेमिया में शरीर के ब्लड सेल्स असामान्य तरह से बढ़ते हैं। ये बल्ड सेल्स शरीर के अच्छे ब्लड सेल्स को सही तरीके से काम नहीं करने देते हैं। जिसकी वजह से शरीर में इंफेक्शन, वायरल और फ्लू जैसी बीमारियों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है।
बच्चों में ल्यूकेमिया के लक्षण क्या हैं? - Symptoms of Childhood Leukemia
डॉ पवन कुमार सिंह के मुताबिक बच्चों में ल्यूकेमिया के लक्षण विभिन्न हो सकते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में...
1. मांसपेशियों में दर्द
2. बुखार
3. बार-बार संक्रमण होना
4. सांस फूलना
5. सेल काउंट और किसी भी अंग के संक्रमण से संबंधित लक्षण जैसे खांसी, दस्त, मतली और उल्टी होना।
6. ब्लीडिंग होना (नाक, मसूड़ों और पेशाब के जरिए)
7. किसी घाव या जख्म के भरने में अधिक समय लग
8. ज्वाइंट पेन
9. सूजन
10. वजन कम होना
11. हड्डियों में दर्द
12. सिरदर्द
डॉक्टर के मुताबिक, ल्यूकेमिया में बच्चों के लीवर और किडनी में सूजन हो जाती है, जिसकी वजह से कई बार बेचैनी महसूस होना और भूख न लगना जैसी समस्या भी होती है।
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कैसे होती है ल्यूकेमिया की पहचान?
डॉक्टर का कहना है कि अगर किसी बच्चे में ऊपर दिए गए लक्षण दिखाई देते हैं, तो पेरेंट्स को तुरंत नजदीकी अस्पताल में संपर्क करना चाहिए। उन्होंने बताया कि बच्चों में ल्यूकेमिया की पहचान करने के लिए दो तरह के टेस्ट किए जाते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में।
ब्लड टेस्ट : ल्यूकेमिया या किसी भी अन्य प्रकार के कैंसर के शुरुआती स्टेज पर पहचानने के लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है। इसमें WBC देखकर ल्यूकेमिया का पता लगाया जाता है।
बोन मैरो टेस्ट : अगर किसी बच्चे के ब्लड टेस्ट में WBC की संख्या कम और ज्यादा होती है तब डॉक्टर बोन मैरो टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं। बोन मैरो टेस्ट में पेडू से हड्डी पानी निकालकर इसका टेस्ट किया जाता है। इस टेस्ट के जरिए पता चल जाता है कि बच्चे को ब्लड कैंसर है या नहीं।
ब्लड कैंसर से बचने के लिए क्या करें? - Prevention Tips For Blood Cancer
बच्चों को ब्लड कैंसर जैसी गंभीर बीमारी न हो इसके लिए पेरेंट्स कुछ खास टिप्स अपना सकते हैं।
डाइट - बच्चों की डाइट में हरी सब्जियां, दालें और मोटे अनाज को शामिल करें। इसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं जो कैंसर के सेल्स को बढ़ने से रोकने में मदद करते हैं।
फिजिकल एक्टिविटी - जितना संभव हो बच्चों को फिजिकल एक्टिव बनाएं। बच्चों को सुबह और शाम पार्क में टहलने लेकर जाएं। उन्हें थोड़ी रनिंग करवाएं। घर के कामों में बच्चों की मदद लें, ताकि वो एक्टिव रहें।
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जंक फूड - बच्चों को बाहर के जंक फूड जैसे की पिज्जा, बर्गर, नूडल्स और फ्रेंच फ्राइज जैसी चीजें खाने के लिए न दें। अगर आपका बच्चा जंक फूड खाने की जिद करता है तो इसे घर पर ही बनाएं।
रेगुलर मेडिकल चेकअप - अगर बच्चे को बार-बार बुखार, सर्दी, खांसी और फ्लू जैसी बीमारियां होती हैं तो उनका हर 4 महीने में मेडिकल चेकअप करवाएं।
With Inputs: Dr Pawan Kumar Singh, Associate Director, Center for Bone Marrow Transplant, BLK Max Hospital, Delhi