मौसमी एलर्जी से होने वाले 'हे फीवर' से बचने के लिए बरतें ये सावधानियां

वसंत, गर्मी और पतझड़ के मौसम में जब हवाएं चलती हैं, तो पेड़, झाड़ी और घास के पत्ते हवा में पराग कण छोड़ने लगते हैं। ये इतने महीन होते हैं कि सांस लेने के दौरान हमारे नाक और गले में पहुंच जाते हैं और एलर्जी का कारण बनते हैं। इन कणों से होने वाले एलर्जी को ही 'हे फीवर' या एलर्जिक राइनाइटिस कहते हैं।
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मौसमी एलर्जी से होने वाले 'हे फीवर' से बचने के लिए बरतें ये सावधानियां


मौसम के कारण कई तरह की बीमारियां हमारे शरीर को घेरती हैं। पेड़ पौधे हमें सांस लेने के लिए ऑक्सीजन देते हैं मगर कई बार ये हमें बीमारियां भी देते हैं। हे फीवर या परागज ज्वर ऐसी ही एक बीमारी है, जो पेड़ और झाड़ियों के कारण हो जाती है। कई बार ये बीमारी पालतू जानवरों के कारण भी हो जाती है। दरअसल वसंत, गर्मी और पतझड़ के मौसम में जब हवाएं चलती हैं, तो पेड़, झाड़ी और घास के पत्ते हवा में पराग कण छोड़ने लगते हैं। ये इतने महीन होते हैं कि सांस लेने के दौरान हमारे नाक और गले में पहुंच जाते हैं और एलर्जी का कारण बनते हैं। इन कणों से होने वाले एलर्जी को ही 'हे फीवर' या एलर्जिक राइनाइटिस कहते हैं। ये एलर्जी ज्यादा दिन तक रहे, तो सांसों की बीमारी का खतरा होता है इसलिए इसके लक्षणों को पहचानकर इसका तुंरत उपचार जरूरी है। कुछ आसान घरेलू नुस्खों द्वारा आप इस बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं।

ये हैं एलर्जिक राइनाइटिस के लक्षण

  • बार-बार नाक बहने की समस्या
  • बंद या जमी हुई नाक
  • जल्दी-जल्दी छींक आना
  • लगातार खांसी आना
  • आंख, नाक और गले में खुजली
  • लाल और पानी से भरी हुई आंखें
  • आंखों के नीचे काले घेरे

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एलर्जिक राइनाइटिस में सावधानियां

  • अक्‍सर धूल से यह समस्‍या होती है इसलिए यदि घर में वैक्‍यूम क्‍लीनर हो तो झाडू की जगह उसका इस्तेमाल करें।   
  • धूल व धुंए से बचें और तापमान में अचानक परिवर्तन होने पर बचाव करें।
  • बाइक चलाते समय धूल से बचने के लिए मुंह और नाक पर रुमाल बांधे, आंखों पर धूप का अच्छी क्‍वालिटी का चश्मा लगायेंl
  • पर्दे, चादर, बेडशीट व कालीन को नमी से बचाने के लिए समय-समय पर इन्हें धूप में रखें।  
  • बाल वाले जानवरों से दूर ही रहें। पालतू जानवरों से एलर्जी है तो उन्हें घर में ना रखें।
  • एकदम गर्म से ठंडे और ठंडे से गर्म वातावरण में ना जाएं।
  • अधिक एलर्जी होने पर सुरक्ष‍ित दवाओं का प्रयोग करें या नाक, कान व गला रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें।
  • वर्ल्‍ड एलर्जी आर्गेनाइजेशन जर्नल में हुए एक अध्‍ययन के अनुसार, विटामिन सी सूजन और एलर्जी प्रतिक्रियाओं को कम करता है। इसके अलावा एलर्जिक राइनाइटिस को कम करने में विटामिन सी के अलावा विटामिन ई तथा मछली का तेल जादुई रूप से असर करता है।

 

बाहर निकलते समय मुंह को ढकें

जब बाहर हवा चल रही हो, तो घर से निकलते समय मुंह और नाक को अच्छी तरह ढक कर ही निकलें। इससे धूल कणों और पराण कणों से बचाव रहेगा और एलर्जी की समस्या नहीं होगी। साथ ही इससे आपका चेहरा भी प्रदूषण से होने वाले प्रभावों से बचा रहेगा।

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धूम्रपान न करें

धूम्रपान करने से भी इस एलर्जी के होने की संभावना बढ़ जाती है क्योंकि धूम्रपान के जरिये आसपास मौजूद पराग कण आपके मुंह और नाक में प्रवेश कर सकते हैं। इसके अलावा इससे सामान्य एलर्जी की आशंका भी बढ़ जाती है क्योंकि धूम्रपान आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर सकता है।

हे फीवर के लिए योग

हे फीवर या एलर्जिक राइनाइटिस से कुछ आसान योगासनों द्वारा आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके लिए आप सेतुबंधासन, कपालभांति प्रणायाम, सर्वांगासन, वीरभद्रासन और अनुलोम-विलोम कर सकते हैं। ये योगासन आपकी श्वसन प्रणाली को तो सुधारते ही हैं, साथ ही इससे नाक की गंदगी भी साफ हो जाती हैं।

हर्बल चाय

एलर्जी की समस्या से बचने व इसे दूर करने के लिए घर में ही मौजूद अदरक, काली मिर्च, तुलसी के पत्ते, लौंग व मिश्री को मिलाकर बनायी गयी 'हर्बल चाय' पीनी चाहिए। इस चाय से न सिर्फ एलर्जी से निजात मिलती है बल्कि एनर्जी भी मिलती है।

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