
सर्दियों में ठंड या इंफेक्शन के कारण पैरों में सूजन की समस्या अक्सर लोगों को हो जाती है। इसके अलावा नसों में दबाव, देर तक खड़े रहने या चलने से भी पैरों में सूजन की समस्या हो जाती है। लेकिन यदि पैरों में सूजन लंबे समय तक (आमतौर पर 5-6 दिन या इससे ज
सर्दियों में ठंड या इंफेक्शन के कारण पैरों में सूजन की समस्या अक्सर लोगों को हो जाती है। इसके अलावा नसों में दबाव, देर तक खड़े रहने या चलने से भी पैरों में सूजन की समस्या हो जाती है। लेकिन यदि पैरों में सूजन लंबे समय तक (आमतौर पर 5-6 दिन या इससे ज्यादा) बनी रहे, तो ये किसी अन्य गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। आइए आपको बताते हैं पैरों में सूजन होने के प्रमुख कारण और इनसे बचाव के लिए जरूरी बातें।
ज्यादा सर्दी के कारण सूजन
ठंड की वजह से हाथ-पैरों में सूजन होने की समस्या को चिलब्लेन कहते हैं। ये ज्यादा बच्चों और बुजर्गों में देखी जाती है। इसकी वजह से हाथ और खासतौर से पैरों की उंगलियों में लाल निशान पड़ जाते हैं और सूजन के साथ-साथ खुजली भी होती है। कई बार ज्यादा खुजली से घाव भी हो जाते हैं। सर्दियों में अगर घर से बाहर जाना हो तो मोजे और दस्ताने पहनकर ही निकलें।
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किडनी के रोग
किडनी से संबधित बीमारियों के होने पर भी पैरों में सूजन होने की समस्या देखी जा सकती है। क्रॉनिक किडनी डिजीज होने पर चेहरे और पैरों में सूजन आना आम लक्षण होता है। ऐसे में जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह और उचित जांच करानी चाहिए।
सायटिका
सायटिका नसों से जुड़ी एक गंभीर समस्या है, जिसमें सूजन के साथ-साथ अंगों में तेज दर्द भी होता है। किसी भी व्यक्ति के शरीर में जहां-जहां हड्डियों का जोड़ होता है, वहां एक चिकनी सतह होती है जो हड्डियों को जोड़े रखती है और घुमाने-फिराने में मदद करती है। जब यह चिकनी सतह घिसने लगती है तो हड्डियों पर इसका बुरा प्रभाव होता है और अंगों में सूजन और असहनीय दर्द का कारण बनता है। सायटिका की समस्या मुख्य रूप से रीढ़ की हड्डी व कमर की नसों से जुड़ी हुई है जिसका सीधा संबंध पैर से होता है। इसीलिए सायटिका में पैरों में सूजन और तीव्र दर्द होता है। कसरत और फिजियोथैरेपी से भी बहुत आराम मिलता है।
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प्रेग्नेंसी में प्रीक्लेम्पसिया
टखने और पैर में सूजन गर्भावस्था के दौरान सामान्य बात है। हालांकि अचानक या अत्यधिक सूजन प्रीक्लेम्पसिया का संकेत हो सकती है। प्रीक्लेम्पसिया एक गंभीर स्थिति है जिसमें गर्भावस्था के 20 वें सप्ताह के बाद मूत्र में उच्च रक्तचाप और प्रोटीन विकसित हो जाता है। तो यदि आपको गंभीर सूजन या सूजन के साथ पेट दर्द, सिर दर्द, बार-बार पेशाब, मतली और उल्टी, या दृष्टि में परिवर्तन जैसे लक्षण हों तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें।
डीवीटी रोग
अचानक एक पैर में सूजन, लाली और गर्माहट तथा चलने-फिरने पर पैर में खिंचाव जैसे लक्षण डीप वेन थ्रोम्बोसिस (डी.वी.टी.) यानी टांगों की नसों में खून के कतरों का जमाव अत्यंत गंभीर स्थिति के सूचक हो सकते हैं। अक्सर लोग अज्ञानता के कारण इसे नस में खिंचाव, चोट, थकान, सामान्य संक्रमण या फाइलेरिया मान बैठते हैं और उसका इलाज कराने लगते हैं, जो गलत है। यह समस्या होने पर तुरंत किसी वैस्कुलर या कार्डियोवैस्कुलर सजर्न को दिखाना चाहिए।
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