मौसम बदलने पर भी जरूरी है सनस्क्रीन लगाना, जानें इससे मिलने वाले फायदे

मौसम के बदलने के साथ हमारी स्किन भी बदल जाती है इसलिए उसकी केयर करना जरूरी हो जाता है।
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मौसम बदलने पर भी जरूरी है सनस्क्रीन लगाना, जानें इससे मिलने वाले फायदे

जैसे बदलते मौसम में आपके कपड़े मौसम अनुसार होते हैं। उसी तरह से बदलते मौसम में स्किन केयर भी मौसम के अनुसार ही जरूरी हो जाता है। मौसम में बदलाव के साथ, स्किन कभी अधिक ड्राई तो कभी नम होने लगती है। ध्यान न देने पर ऐसे में स्किन पर दाग धब्बों और निशानों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए बदलते हुए मौसम के साथ सभी को स्किन केयर रूटीन में भी बदलाव करते रहना चाहिए। अगर अधिक गर्मियों में स्किन के लिए सन प्रोटेक्शन क्रीम की जरूरत होती है तो अधिक खुश्क मौसम में स्किन को हाइड्रेट रखने की भी जरूरत पड़ती है। इसलिए मौसम के अनुसार स्किन केयर प्रोडक्ट्स का प्रयोग करना, बदलते मौसम में आपकी त्वचा को हेल्दी रख सकता है। स्किन केयर के लिए सबसे जरूरी है सनस्क्रीन क्रीम का प्रयोग। आइए जानते हैं विस्तार से।

सनस्क्रीन क्रीम का प्रयोग

स्किन केयर टिप्स में एक मुख्य स्टेप है सन स्क्रीन जिसका प्रयोग लोग केवल धूप में निकलते समय या फिर कभी कभार ही करते है। लेकिन सनस्क्रीन का प्रयोग रोजाना करना जरूरी है। चाहे धूप हो या फिर सर्दी या फिर बरसात का मौसम हो। कुछ लोगों का मानना है कि सुबह के समय सनस्क्रीन प्रयोग काफी है। लेकिन पूरे दिन में कई बार सनस्क्रीन लगाना जरूरी है जिससे आप अपनी त्वचा की रक्षा कर सकते हैं।

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हानिकारक अल्ट्रा वायलेट किरणों से बचाने के लिए सनस्क्रीन का उपयोग करना चाहिए क्योंकि अल्ट्रा वायलेट किरण सूर्य के दाग और स्किन कैंसर का रिस्क बढ़ाते हैं। जब सूरज दिखाई नहीं देता तब भी हमारे चारों तरफ अल्ट्रावायलेट किरणें रहती हैं। सनस्क्रीन इनका प्रभाव खत्म करने और उनके साथ आने वाली त्वचा की बीमारी को खत्म करने का काम करता हैं। 

धूप से सुरक्षित रहने के लिए सबसे अच्छा 30 रहता है एसपीएफ़ का प्रयोग। यह सनस्क्रीन अल्ट्रा वायलेट  किरणों से बचाने का काम करता है। अपने चेहरे के साथ-साथ अपने पूरे शरीर को ही सनस्क्रीन से ढकना चाहिए। आपके पास हर समय एक फेस के लिए सनस्क्रीन और एक बॉडी के लिए सनस्क्रीन होना चाहिए।

सनस्क्रीन के ज्यादा लाभ लेने के लिए, इसे बाहर जाने से कम से कम 10 मिनट पहले लगाना चाहिए और हर दो घंटे में फिर से लगाना चाहिए। पहले सनस्क्रीन का उपयोग करना चाहिए, फिर मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल कर सकते हैं। मेकअप करने वालों को भी सनस्क्रीन का उपयोग करना चाहिए। मौसम कैसा भी हो इसका उपयोग हर रोज करना चाहिए।

सनस्क्रीन क्रीम से मिलने वाले फायदे

  • अल्ट्रा वायलेट किरणें दो प्रकार की होती हैं अल्ट्रा-वायलेट ए और अल्ट्रा-वायलेट बी। सनस्क्रीन अल्ट्रा वायलेट ए और अल्ट्रा वायलेट बी किरणों को स्किन पर आने से रोकता है।
  • अल्ट्रा वायलेट ए किरणें 
  • उम्र बढ़ने वाले लक्षणों को बढ़ाती हैं जिससे हमारी त्वचा में झुर्रियां आ जाती है और त्वचा की नमी कम हो जाती हैं। 
  • अल्ट्रा वायलेट बी किरणों 
  • इनसे सनबर्न होता है। जब हर दिन सनस्क्रीन इस्तेमाल किया जाता है तो त्वचा को इन दोनों हानिकारक किरणों से बचाया जा सकता है।

फायदे

एक बार त्व्चा की नमी कम हो जाने पर सनबर्न के खतरनाक प्रभाव फीके नहीं पड़ते। त्वचा में अल्ट्रा वायलेट किरणों द्वारा त्वचा की सेल्स को नुकसान पहुंचता है जिससे हमारी त्वचा की सेल्स मर जाती है।

सूर्य की अल्ट्रा वायलेट किरणों से सनबर्न होता है।सूर्य की रोशनी को देखा जा सकता है, लेकिन अल्ट्रा वायलेट किरणों को देखा नहीं जा सकता। त्वचा पर सनबर्न के कारण झुर्रियों के अलावा स्किन कैंसर होने की संभावना रहती है। स्किन कैंसर का खतरनाक रूप मेलानोमा इसी में आता है।

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हर रोज सनस्क्रीन का उपयोग करने से यह फोटोएजिंग को रोकने में मदद करता है, जो सूरज की खतरनाक अल्ट्रा वायलेट किरणों के बार-बार संपर्क में आने के कारण होता है।  फोटोएजिंग लक्षणों में झुर्रियाँ, सुखी त्वचा और स्किन कैंसर शामिल हैं। 

आपको साल के हर दिन सनस्क्रीन का उपयोग करना चाहिए । त्वचा को अच्छा बनाए रखने  के लिए हमेशा सही प्रकार के सनस्क्रीन का उपयोग करना चाहिए जैसे कि एसपीएफ़ के साथ फेस मॉइस्चराइज़र, और बाहर जाते समय मिनरल सनस्क्रीन।

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