Sudden Heavy Period Causes: महिलाओं को एक उम्र के बाद हर 28 या 30 दिन बाद पीरियड्स का सामना करना पड़ता है। पीरियड्स के दौरान शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण मांसपेशियों में दर्द, मूड स्विंग और ब्लीडिंग का सामना करना पड़ता है। पीरियड्स के दौरान होने वाली समस्याएं वैसे तो आम हैं, लेकिन कई बार महिलाओं को पीरियड्स में हैवी ब्लीडिंग का सामना करना पड़ता है। हैवी ब्लीडिंग होने पर शरीर में कमजोरी, मूड स्विंग, मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन की समस्या भी बढ़ जाती है। पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग और ज्यादा परेशानियों की स्थिति को मेडिकल टर्म में मेनोरेजिया (Mmenorrhagia in Hindi) कहा जाता है। यह परेशानी शारीरिक स्थिति के अलावा शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण हो सकती है। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं आखिर किन कारणों से पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग का सामना करना पड़ता है।
पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग के कारण- Sudden Heavy Period Causes in Hindi
पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग और दर्द या ऐंठन की समस्या कई कारणों से बढ़ सकती है। इस स्थिति में महिलाओं को हर घंटे पैड्स या टैम्पोन बदलना पड़ता है। कुछ महिलाओं में मेनोरेजिया के कारण ब्लीडिंग रुकना बंद हो जाती है। ब्लीडिंग के कारण शरीर में खून की कमी यानी एनीमिया भी हो सकती है। पीरियड्स के दौरान होने वाली इन परेशानियों को सामान्य समझकर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इस स्थिति को नजरअंदाज करना जानलेवा हो सकता है।
इसे भी पढ़ें: पीरियड्स के दौरान हो रही है हैवी ब्लीडिंग? इसे रोकने के लिए अपनाएं ये 5 उपाय
स्टार मैटरनिटी हॉस्पिटल विजय लक्ष्मी के मुताबिक पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग के कुछ कारण इस तरह से हैं-
1. हॉर्मोन असंतुलन
शरीर में एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हॉर्मोन का स्तर कम या ज्यादा होने के कारण भी आपको पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग का खतरा रहता है। ये हॉर्मोन आपके पीरियड्स साइकिल को मेन्टेन करने का काम करते हैं।
2. गर्भाशय कैंसरस ग्रोथ
गर्भाशय में कैंसरस ग्रोथ के कारण भी आपको पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग और ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। फाइब्रॉएड और एडेनोमायोसिस जैसी स्थितियां इसके लिए जिम्मेदार हो सकती हैं।
3. इन्फेक्शन के कारण
पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग के पीछे यौन संचारित संक्रमण (STI) भी बड़ा कारण होता है। ट्राइकोमोनिएसिस, गोनोरिया, क्लैमाइडिया और एंडोमेट्रैटिस जैसी स्थितियां जिम्मेदार होती हैं।
4. प्रेगनेंसी से जुड़ी परेशानियां
प्रेगनेंसी से जुड़ी परेशानियों के कारण भी आपको इन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इससे बचने के लिए समय-समय पर डॉक्टर से जांच कराते रहना चाहिए।
इसे भी पढ़ें: पेट के बल न सोएं महिलाएं, लंबे समय में हो सकती हैं ये 5 समस्याएं
इस समस्या में आपको लक्षण दिखते ही डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। पीरियड्स से जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए आपको डाइट और लाइफस्टाइल का ध्यान रखना चाहिए। किसी भी तरह की परेशानी में बिना डॉक्टर की सलाह लिए दवा या आयुर्वेदिक औषधि का सेवन नहीं करना चाहिए।
(Image Courtesy: Freepik.com)
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version