
लैक्टोज एक प्राकृतिक शक्कर (शर्करा) है, जिसे कुछ लोगों का शरीर पचा लेता है और कुछ लोगों का शरीर नहीं पचा पाता है। लैक्टोज आमतौर पर डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दही, दूध और पनीर में पाया जाता है। आप लैक्टोज इन्टॉलरेंस तब होते हैं, जब लैक्टोज छोटी आंत में लैक्टोज एंजाइमों द्वारा विखंडित नहीं होता। यह एक तरह का पाचन संबंधी विकार है, जो लैक्टेज एंजाइम की कमी की वजह से होता है। फोर्टिस अस्पताल, नोएडा की हैड न्यूट्रिशनिस्ट नमिता नाडर कहती हैं, लैक्टोज डेयरी उत्पादों में मौजूद प्रमुख कार्बोहाइड्रेट है। इसकी वजह से पेट फूलना (ब्लोटिंग) और डायरिया की शिकायत भी हो सकती है। लैक्टोज इन्टॉलरेंस इन दिनों काफी कॉमन हो गया है और ऐसे में लैक्टोज फ्री फूड्स खाने की सलाह दी जाती है। यानी आपकी डाइट में डेयरी प्रोडक्ट्स नहीं होने चाहिए।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
न्यूट्रिशनिस्ट नमिता नाडर बताती हैं कि बच्चों को स्तनपान के बाद दूध पचाने के लिए इस एंजाइम की जरूरत होती है। लेकिन समय के साथ शरीर में बनने वाले एंजाइम की मात्रा कम हो सकती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि उम्र बढ़ती है, लोग अलग-अलग तरह का भोजन करते हैं और दूध पर उनकी निर्भरता कम होती जाती है, जिससे लैक्टोज में धीरे-धीरे कमी होती रहती है। इस तरह का लैक्टोज इन्टॉलरेंस एशियाई, अफ्रीकी और हिस्पैनिक मूल के लोगों में ज्यादा पाया जाता है। आंतों के रोग जैसे कि इब्स (इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम), सर्जरी या फिर छोटी आंत में चोट की वजह से भी लैक्टोज इन्टॉलरेंस हो सकता है। कई बार एक अन्य तरह का लैक्टोज इन्टॉलरेंस भी हो सकता है, जिसे डेवलपमेंटल लैक्टोज इन्टॉलरेंस कहते हैं। यह तब होता है, जब शिशु प्रीमिच्योर जन्म लेता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि गर्भस्थ शिशु में लैक्टोज प्रोडक्शन की प्रक्रिया देर से यानी गर्भ के 34 सप्ताह बाद से शुरू होती है।
कैसे जानें आप लैक्टोज इन्टॉलरेंस हैं या नहीं?
लैक्टोज इन्टॉलरेंस की स्थिति में आपको अपने खानपान में किस तरह के बदलाव लाने हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप लैक्टोज को लेकर कितने सेंसिटिव हैं। कुछ लोग अपने भोजन में मौजूद लैक्टोज को बिना किसी समस्या के ही पचा लेते हैं, लेकिन कुछ लोगों में इसकी मामूली मात्रा से भी परेशानी के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। अगर आप यह पता लगाना चाहते हैं कि आप क्या खा सकते हैं और क्या नहीं, तो धीरे-धीरे नए खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करें। एक साथ सब कुछ का सेवन न करने लगें। इस तरह, अगर आप किसी खास भोज्य पदार्थ को लेकर सेंसिटिव होंगे, तो इससे आप किसी भी तरह की समस्या पैदा करने वाले तत्वों की पहचान कर पाएंगे। अगर आप या आपका बच्चा लैक्टोज को लेकर काफी सेंसिटिव हैं, तो अपनी डायटिशियन से पता करें कि आप क्या खा सकते हैं और क्या नहीं।
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लैक्टोज के स्रोत
लैक्टोज का प्रमुख सोर्स दूध होता है, इसमें गाय, बकरी और भेड़ का दूध हो सकता है। आपके शरीर में लैक्टोज इन्टॉलरेंस कितना गंभीर है, उसके हिसाब से आप अपनी डाइट में दूध की मात्रा घटा या बढ़ा सकते हैं।
- - आप चाय, कॉफी में दूध ले सकते हैं, लेकिन सीरियल्स (cereals) के साथ इसे लेने से बचें।
- - कुछ ऐसे पदार्थ भी होते हैं, जिनमें दूध शामिल होता है। ऐसे में आपको इन चीजों को लेने से बचना चाहिए। जैसे चॉकलेट में दूध पाया जाता है, इसलिए इसे कम मात्रा में ही लें।
- - इसके अलावा दूध से बने पदार्थों जैसे- क्रीम, चीज, योगर्ट, आईसक्रीम और बटर में भी लैक्टोज होता है और अगर आप लैक्टोज इन्टॉलरेंस हैं, तो इनके सेवन से बचें। लेकिन जिन पदार्थों में लैक्टोज का स्तर कम होता है आप उसे आसानी से ले सकते हैं।
इनमें भी शामिल हैं लैक्टोज
- - सलाद क्रीम, सलाद ड्रैसिंग और मियोनिज
- - बिस्किट
- - चॉकलेट
- - बॉयल्ड स्वीट्स
- - केक
- - कुछ खास तरह की ब्रेड तथा अन्य बेक्ड पदार्थ
- - कुछ ब्रेकफास्ट सीरियल्स (cereals)
- - इंस्टेंट पटेटो तथा इंस्टेंट सूप
- - कुछ प्रोसेस्ड मीट जैसे-स्लाइस्ड हैम

ऐसे पता करें खाद्य पदार्थ में लैक्टोज है या नहीं
वैसे तो फूड लेबल पर लैक्टोज अलग से प्रदर्शित नहीं किया गया होता है, लेकिन आपको दूध, दही, पनीर, मक्खन और क्रीम को अच्छे से देखना होगा कि इसमें लैक्टोज है या नहीं। कई बार फूड लेबल पर लैक्टिक एसिड, सोडियम लैक्टेट और कोको बटर लिखा होता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि ये लैक्टोज है। अगर आप लैक्टोज इन्टॉलरेंस हैं, तो इनका सेवन कर सकते हैं। कुछ दवाईयों में भी लैक्टोज मामूली मात्रा में मौजूद होता है, लेकिन ज्यादातर लोगों में लैक्टोज इन्टॉलरेंस के लक्षण पैदा करने का कारण नहीं बनते हैं। लेकिन अगर आप अलग-अलग तरह की दवाईयां लेते हैं, आपका लैक्टोज इन्टॉलरेंस काफी गंभीर है, तो ऐसे में आपकी परेशानी बढ़ सकती है।
डेयरी प्रोडक्ट्स के विकल्प (dairy products substitute)
बाजार में ऐसे कई लैक्टोज फ्री डेयरी प्रोडक्ट्स भी उपलब्ध हैं, जो लैक्टोज इन्टॉलरेंस लोगों के लिए उपयुक्त हैं। इनमें भी वही विटामिंस और मिनिरल्स होते हैं, जो डेयरी प्रोडक्ट्स में पाए जाते हैं। साथ ही इनमें एक एंजाइम लैक्टोज भी अलग से मौजूद होता है, जो शरीर में समाने वाले लैक्टोज को डायजेस्ट करने मददगार होता है। अगर आपको भी लैक्टोज इन्टॉलरेंस हैं, तो आपको डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करने की मनाही होगी, लेकिन डेयरी प्रोडक्ट्स शरीर के लिए काफी अच्छा माना जाता है। इसलिए आप कुछ दूसरे खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं, जो डेयरी प्रोडक्ट्स के सब्सीट्यूट माने जाते हैं। जैसे-
- - सोया योगर्ट और चीज
- - नारियल युक्त योगर्ट और चीज
- - बादाम दूध, योगर्ट (yogurt) और चीज
- - राइस मिल्क
- - ओट मिल्क
- - हेजलनट मिल्क (hazelnut milk)
- - डेयरी फ्री या वीगन्स (vegans) के लिए उपयुक्त लेबल वाले भोज्य पदार्थ
- - कैरॉब बार (carob bar)
क्यों जरूरी है कैल्शियम
डेयरी प्रोडक्ट्स में कैल्शियम पाया जाता है, यह हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है, इसकी कमी से हमें कई तरह की समस्याएं होने लगती है। कैल्शियम जरूरी है-
- - मजबूत हड्डियों और दांतों के निर्माण के लिए
- - मांसपेशियों का सिकुड़ना विनियमित करने के लिए
- - खून के थक्के जमने में मददगार
इनसे पूरी होगी कैल्शियम की कमी
अगर आप लैक्टोज इन्टॉलरेंस हैं, तो आप डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन नहीं कर सकते हैं। इससे आपको कैल्शियम की कमी महसूस हो सकती हैं। ऐसे में आप कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए इनका सेवन कर सकते हैं।
- - हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे- गोभी, ब्रोकली और ओकरा (okra)
- - सोया बीन
- - टोफू
- - मेवे
- - ब्रेड तथा फोर्टिफाइड (fortified) आटे से बने अन्य कोई भी खाद्य पदार्थ
- - फिश, इसमें सार्डिन्स (sardine), सैलमन (salmon) और पिलचार्ड्स (pilchards)
- - इनके अलावा आप अपनी हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए कैल्शियम और विटामिन-डी के सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं। अपनी डायटीशियन से पता करके आप लिक्विड ड्रॉप्स, टैबलेट्स या कैप्सूल भी ले सकते हैं, ये लैक्टोज सब्सीट्यूट्स होते हैं।
- रखें ध्यान
- - बच्चों और वयस्कों के मामले में खानपान संबंधी कुछ नियम एक जैसे होते हैं। उदाहरण के लिए, लैक्टोज इन्टॉलरेंस से ग्रसित बच्चों के लिए लैक्टोज-फ्री फार्मूला मिल्क ही पिलाया जा सकता है।
- - सोया फार्मूला 6 महीने से कम उम्र के शिशु को न दें, क्योंकि इसमें ऐसे हार्मोन होते हैं, जो स्तनपान पर निर्भर शिशु के मामले में आगे चलकर शारीरिक और यौन विकास में बाधा डाल सकते हैं।
- - स्तनपान पर निर्भर शिशुओं को लैक्टोज सब्सीट्यूट ड्रॉप्स से फायदा मिल सकता है, जिससे उनका शरीर आसानी से मां से मिले दूध को पचा सकें।
- - अगर आप लैक्टोज इन्टॉलरेंस हैं, तो भी अपने शिशु को स्तनपान करा सकती हैं। ऐसा करने से उन्हें लैक्टोज इन्टॉलरेंस होने का जोखिम ज्यादा नहीं रहता है।
दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स के अलावा भी कई खाद्य और पेय पदार्थों में लैक्टोज पाया जा सकता है। ऐसे में अगर आप लैक्टोज इन्टॉलरेंस हैं, तो आप अपनी डायटीशियन से मिलकर अपना डाइट चार्ट बनवा लें। डायटीशियन आपको बता देंगी कि आप किन चीजों का सेवन कर सकते हैं और किन चीजों का नहीं।
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