सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में पाया जाने वाला एक गंभीर रोग है। भारत में ब्रेस्ट कैंसर और मुंह के कैंसर के बाद सबसे ज्यादा महिलाएं सर्वाइकल कैंसर का ही शिकार होती है। हाल में एक अध्ययन में बताया गया है कि जो महिलाएं ज्यादा तनाव लेती हैं, उनमें सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। वैज्ञानिक हमेशा से बताते रहे हैं कि तनाव व्यक्ति की सेहत के लिए खतरनाक होता है। मगर ये कैंसर जैसी बीमारी को भी जन्म दे सकता है, इस बारे में ये पहला शोध है। शोध में बताया गया है कि जो महिलाएं रोजाना तनाव लेती हैं, यानी तनाव जिनके जीवन का हिस्सा बन जाता है, वो सर्वाइकल कैंसर का शिकार हो सकती हैं।
HPV वायरस बनता है सर्वाइकल कैंसर का कारण
फिलडेल्फिया के फॉक्स चेज़ कैंसर सेंटर के शोधर्ताओं ने इस बारे में रिसर्च करके पता लगाया कि ज्यादा तनाव से व्यक्ति के शरीर में HPV (Human Papillomavirus) से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। HPV एक तरह के वायरस होते हैं, जो शारीरिक संबंध (फिजिकल रिलेशन) बनाने के दौरान प्रवेश करते हैं। हालांकि ज्यादातर HPVs थोड़े समय बाद पेशाब करने या नहाने से निकल जाते हैं। मगर कुछ खतरनाक HPV सर्वाइकल कैंसर का कारण बन सकते हैं।
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तनाव से कम होती है विषाणुओं से लड़ने की क्षमता
हालांकि शोधकर्ता मानते हैं कि सिर्फ HPV सर्वाइकल कैंसर का कारण नहीं बनता है, बल्कि जिन लोगों का इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा तंत्र) कमजोर होता है, उनके शरीर में रोगों और वायरस से लड़ने की क्षमता कम होती है। ऐसे में शरीर HPV से नहीं लड़ पाता है और महिला सर्वाइकल कैंसर का शिकार हो सकती है। इस शोध में 74 महिलाओं को शामिल किया गया, जिनसे ढेर सारे प्रश्न पूछे गए। ये प्रश्न उनकी निजी जिंदगी में चल रही घटनाओं जैसे- तलाक, नौकरी, काम का प्रेशर, पैसों की चिंता आदि के बारे में थे। इस अध्ययन के बाद शोधकर्ताओं ने पाया कि जो महिलाएं ज्यादा तनाव लेती थीं, उनके शरीर में HPV से लड़ने की क्षमता कमजोर हो गई।
क्या हैं सर्वाइकल कैंसर के लक्षण
महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के लक्षण बहुत सामान्य होते हैं, जिसके कारण ज्यादातर महिलाएं इन्हें नजरअंदाज कर देती हैं। इन लक्षणों को जान लें-
- शारीरिक संबंध के समय दर्द होना और खून निकलना।
- पीरियड्स में सामान्य से ज्यादा ब्लड निकलना।
- पेशाब करते समय जलन और दर्द होना।
- पेट के निचले हिस्से में दर्द और मरोड़ होना।
- पेशाब के रास्ते से सफेद तरल पदार्थ निकलना।
- कमर और पैरों में दर्द होना।
जल्दी पता चलने पर आसान है कैंसर का इलाज
अगर शुरुआती स्टेज में पता चल जाए, तो सर्वाइकल कैंसर का इलाज आसानी से हो सकता है। इन लक्षणों के दिखने पर आपको बिना देरी किए महिला डॉक्टर से मिल लेना चाहिए। अल्ट्रासाउंड के द्वारा सर्वाइकल कैंसर का पता लगाया जा सकता है। इसके अलावा इस कैंसर की जांच के लिए शरीर में Ca 125 की मात्रा जांची जाती है, जिसके लिए डॉक्टर आपके पेशाब का सैंपल ले सकते हैं। चौथे स्टेज में पहुंचने पर सर्वाइकल कैंसर खतरनाक और जानलेवा हो सकता है, इसलिए इसके लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
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