Somatic Stress Disorder Symptoms: मानसिक तनाव और डिप्रेशन आज कल हर किसी के जीवन का हिस्सा बन गया है। इसकी वजह से न सिर्फ आपकी मानसिक रूप से परेशान होते हैं बल्कि कई तरह की बीमारियों भी तनाव और डिप्रेशन के कारण हो सकती हैं। तनाव और डिप्रेशन को दूर करने के लिए तमाम तरह की थेरेपी और मेडिकेशन का सहारा लेते हैं। आज के समय में सिर्फ बड़े ही नहीं बच्चे भी कई तरह की गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। पढ़ाई का प्रेशर, अच्छा परफॉर्म करने का प्रेशर और मोबाइल फोन का इस्तेमाल बच्चों में स्ट्रेस और मानसिक समस्याओं का बड़ा कारण है। आज के समय में बच्चों को सोमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (Somatic Stress Disorder in Hindi) जैसी गंभीर समस्या का खतरा बढ़ गया है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं सोमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर के बारे में।
क्या है सोमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर?- What is Somatic Stress Disorder in Hindi
बच्चों का स्क्रीन टाइम आज के समय में बहुत बढ़ गया है। बच्चों की ज्यादातर पढ़ाई भी अब डिजिटल माध्यम से हो रही है, इसकी वजह से भी मोबाइल फोन का इस्तेमाल, कंप्यूटर या टैबलेट का इस्तेमाल करने का समय बढ़ गया है। बढ़े स्क्रीन टाइम की वजह से बच्चे गंभीर मानसिक समस्या सोमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर की चपेट में आ रहे हैं। बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजिशियन डॉ समीर कहते हैं, "बहुत ज्यादा देर तक मोबाइल फोन या डिजिटल उपकरणों का इस्तेमाल करने की वजह से बच्चों को गंभीर रूप से शारीरिक दर्द का सामान्य करना पड़ सकता है। इस स्थिति को ही सोमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर कहते हैं। सोमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर में बच्चों को सिरदर्द, आंखों में दर्द, सीने और जोड़ों में दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।"
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सोमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर के लक्षण- Somatic Stress Disorder Symptoms in Hindi
सोमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर की वजह से बच्चों को मानसिक और शारीरिक दोनों तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके कुछ प्रमुख लक्षण इस तरह से हैं-
- शरीर में दर्द
- जोड़ों में दर्द
- तेज सिरदर्द
- आंखों में दर्द और प्रेशर
- डिहाइड्रेशन
- शरीर में पोषक तत्वों की कमी
- मन न लगना
बच्चों को सोमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर से बचाने के टिप्स
बच्चों को मानसिक समस्याओं का शिकार बनने से बचाने के लिए पैरेंट्स को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। इस स्थिति में लापरवाही बच्चे की सेहत को लंबे समय तक प्रभावित कर सकती है। बच्चों में मानसिक समस्याएं ठीक करने के लिए इन चीजों का ध्यान रखना चाहिए-
- निर्णय या आलोचना करने से बचें और बच्चे की स्थिति का सम्मान करें
- बच्चों के साथ संवाद करें और उनकी समस्याओं का समाधान करने की कोशिश करें
- स्कूल से जुड़ी समस्याओं की वजह से होने वाले प्रभाव को दूर करने के लिए स्कूल में बातचीत करें
- आवश्यकता पड़ने पर चिकित्सक या मनोचिकित्सकों से सहायता लें
- मेंटल हेल्थ में हेल्प लेने में संकोच न करें
मानसिक तनाव और स्ट्रेस आदि को दूर करने के लिए रोजाना योग और मेडिटेशन का अभ्यास बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा हेल्दी डाइट और अच्छी जीवनशैली को अपनाकर भी मानसिक तनाव को दूर कर सकते हैं।
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