लड़कों की तुलना में लड़कियों को अधिक प्रभावित करता है सोशल मीडिया, स्टडी में हुआ खुलासा

सोशल मीडिया का प्रयोग किशोरों के बीच जीवन संतुष्टि कम करने में एक सीमित भूमिका निभा रहा है और इसका प्रभाव लड़कों की तुलना में लड़िकयों  पर अधिक पड़ता है। नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस के जर्नल प्रोसीडिंग में प्रकाशित एक अध्ययन में इस बात का खुलासा हु

Jitendra Gupta
Written by: Jitendra GuptaUpdated at: May 08, 2019 09:58 IST
लड़कों की तुलना में लड़कियों को अधिक प्रभावित करता है सोशल मीडिया, स्टडी में हुआ खुलासा

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सोशल मीडिया का प्रयोग किशोरों के बीच जीवन संतुष्टि कम करने में एक सीमित भूमिका निभा रहा है और इसका प्रभाव लड़कों की तुलना में लड़िकयों  पर अधिक पड़ता है। नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस के जर्नल प्रोसीडिंग में प्रकाशित एक अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है। यह अध्ययन 12 हजार ब्रिटिश किशोरों पर किया गया। अध्ययन के मुताबिक, जीवन में संतुष्टि की कमी सोशल मीडिया के प्रयोग की ओर ले जाती है लेकिन इसका प्रभाव पुरुषों की तुलना में महिलाओं के लिए अधिक सुसंगत है। अध्ययन में कहा गया कि ये रुझान मामूली हैं।

ब्रिटेन स्थित ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एंड्रयू प्रजीब्लिस्की ने कहा, ''हालिया वर्षों में प्रौद्योगिकी के विकास की तीव्र गति ने सवाल खड़ा किया है कि एक-दूसरे के साथ बातचीत करने के लिए हमारे द्वारा तकनीक के बढ़ते उपयोग का तरीका हमारे कल्याण को प्रभावित करता है, जो कि बहुत तेजी से महत्वपूर्ण हो गया है।''

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प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज की पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन से सामने आया है कि सोशल मीडिया का केवल एक पक्ष नहीं है, इसके लिंग पर पारस्परिक और आकस्मिक प्रभाव भी हैं।

यह समझने के लिए कि स्कूल के सामान्य दिनों में सोशल मीडिया का प्रयोग करते हुए किशोरों और उसके अनुरुप उनके जीवन में कितनी संतुष्टि थी, शोधकर्ताओं ने ब्रिटेन के कुछ घरों का आठ साल तक सर्वेक्षण किया।

शोधकर्ताओं ने अध्ययन के दौरान न केवल सोशल मीडिया के अधिक प्रयोग से किशोरों में जीवन की संतुष्टि की कमी को आंकने का लक्ष्य रखा बल्कि उन्होंने इससे पड़ने वालों प्रभावों की सच्चाई का पता लगाने का भी प्रयास किया। 

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शोधकर्ताओं ने अपने विश्लेषण के लिए 'यूके हाउसहोल्ड पैनल स्टडी' का चयन किया क्योंकि यह उपलब्ध उच्चतम गुणवत्ता वाले अधोमुखी डेटा प्रदान करता है।

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की प्रोफेसर एमी ओर्बेन ने कहा, ''हमारा अध्ययन इस क्षेत्र में मजबूत विज्ञान की दिशा में एक बहुत ही आशाजनक कदम है जबकि यह सिर्फ पहला कदम ही है। सोशल मीडिया का विभिन्न प्रकार से उपयोग किशोरों को कैसे प्रभावित कर रहा है इसे समझने के लिए हमें उद्योग जगत से प्राप्त डेटा की आवश्यकता है।''

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