डार्क स्पॉट्स त्वचा की एक आम समस्या हैं। इसके कारण त्वचा पर काले धब्बे नजर आने लगते हैं, जिसके कारण चेहरे की खूबसूरती खराब होती है। आमतौर पर लोगों को लगता है कि डार्क स्पॉट्स सिर्फ धूप में जाने की वजह से होता है, मगर ऐसा नहीं है। डार्क स्पॉट्स और भी कई कारणों से हो सकता है। अगर आपकी त्वचा पर भी अक्सर दाग-धब्बे होते रहते हैं या आपका रंग आपकी त्वचा के प्राकृतिक रंग की अपेक्षा काला या गहरा हो गया है, तो हम आपको बता रहे हैं इसका कारण और इसे दूर करने के कुछ खास स्किन केयर टिप्स।
सूरज की धूप में ज्यादा देर रहने के कारण
चेहरे पर काले धब्बों यानी डार्क स्पॉट्स का सबसे बड़ा कारण सूरज की गर्मी यानी धूप होती है। तेज धूप में ज्यादा देर रहने से इसकी हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणें त्वचा को नुकसान पहुंचाती हैं और त्वचा पर डार्क स्पॉट्स की समस्या होती है। हमारी त्वचा में यूवी किरणों को सोखने के लिए प्राकृतिक रूप से मेलानिन नाम का तत्व पाया जाता है। ये एक तरह से त्वचा के नैचुरल सनस्क्रीन की तरह काम करता है। धूप में ज्यादा देर रहने से त्वचा के नीचे मेलानिन का उत्पादन बढ़ जाता है, जिसके कारण धूप त्वचा पर ज्यादा अवशोषित होने लगती है और त्वचा को जलाने लगती है। यही कारण है कि जो लोग धूप में अक्सर ज्यादा समय तक रहते हैं, उनकी त्वचा पर डार्क स्पॉट्स की समस्या ज्यादा पाई जाती है।
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शरीर में अंदरूनी सूजन (Inflammation)
कई बार इंफ्लेमेशन यानी शरीर की अंदरूनी सूजन के कारण भी डार्क स्पॉट्स की समस्या होती है। खासकर जब किसी व्यक्ति को त्वचा से संबंधित कोई समस्या जैसे- एक्जीमा, मुंहासे, खुजली वाले चकत्ते आदि होते हैं, तो उसके बाद भी त्वचा का रंग काला पड़ जाता है और धब्बे जैसा दिखाई देने लगता है। इसे पोस्ट इंफ्लेमेट्री हाइपरपिग्मेंटेशन (post-inflammatory hyperpigmentation) कहते हैं। इस समस्या के कारण त्वचा पर छोटे-बड़े धब्बे हो जाते हैं, जो आसानी से नहीं जाते हैं। कुछ लोग जिन्हें अपने मुंहासों को फोड़ने की आदत होती है, उन्हें भी इस तरह की समस्या हो सकती है। डार्क स्पॉट्स को कुछ घरेलू उपायों के द्वारा भी साफ किया जा सकता है।
हार्मोन्स के असंतुलन के कारण
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हार्मोन्स का बैलेंस होना बहुत जरूरी है। कई बार जब हार्मोन्स में उतार-चढ़ाव आता है, तो उसके कारण भी पिग्मेंटेशन और डार्क स्पॉट्स की समस्या बढ़ जाती है। आमतौर पर ये समस्याएं लड़कियों में ज्यादा देखने को मिलती हैं क्योंकि पीरियड्स और प्रेग्नेंसी के दौरान हार्मोन्स का अंतुलन बहुत आम समस्या है। गर्भवती महिलाओं को अक्सर नाक, गाल, जॉ लाइन, माथे और गाल पर इस तरह के डार्क स्पॉट्स होते हैं, जिन्हें क्लोआजमा (Chloasma) कहते हैं। हार्मोन्स के बैलेंस हो जाने के बाद इस तरह के डार्क स्पॉट्स अपने आप खत्म हो जाते हैं।
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डार्क स्पॉट्स को कम करने के लिए जरूरी टिप्स
ऊपर बताई गई बातों से आप ये समझ हो होंगे कि ज्यादातर लोगों को डार्क स्पॉट्स की समस्या सूरज की धूप से त्वचा को होने वाले डैमेज के कारण होती है। अगर आप डार्क स्पॉट्स को दूर करना चाहते हैं और प्राकृतिक रूप से खूबसूरत, साफ और निखरी हुई त्वचा पाना चाहते हैं, तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए और जरूरी टिप्स को फॉलो करना चाहिए।
- घर से बाहर निकलें, तो सनस्क्रीन जरूर लगाएं।
- अगर तेज धूप में कोई काम करना पड़ रहा है या चलना पड़ रहा है, तो त्वचा को सीधे अपने चेहरे पर आने से रोकने के लिए आप टोपी भी पहन सकते हैं।
- बहुत गर्म पानी से नहीं नहाना चाहिए और न ही मुंह धोना चाहिए।
- दिनभर में कम से कम 2.5 से 3 लीटर पानी जरूर पिएं। शरीर में पानी की कमी से भी कई बार त्वचा धूप में ज्यादा जलन महसूस करती है।
- बाहर से लौटने के बाद जब शरीर का तापमान थोड़ा ठंडा हो जाए, तो चेहरे को माइल्ड फेसवॉश से जरूर धोएं।
- चेहरे पर विटामिन सी वाले सीरम का प्रयोग रेगुलर करें।