
बच्चे हों या बड़े जब भी स्वस्थ शरीर और दिमाग को मजबूत करने की बात आती है तो एक ही सलाह दी जाती है कि अपनी डेली डाइट में एक गिलास दूध को शामिल करें। डॉक्टरों के अनुसार दूध में कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन बी1, बी2, बी12, विटामिन डी, मैग्नीशियम, पोटेशियम जैसे कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारे शरीर के लिए न सिर्फ फायदेमंद हैं बल्कि दिमाग को तेज करने में भी सहायक होते हैं। दूध हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना महत्वपूर्ण है इसके बारे में पूरे विश्व को जागरूक करने के लिए हर साल 1 जून को वर्ल्ड मिल्क डे (World milk day) मनाया जाता है। वर्ल्ड मिल्क डे पर दूध को नियमित तौर पर शामिल करना क्यों जरूरी है इस पर चर्चा की जाती है।
दूध हमारे लिए क्यों जरूरी है, इसमें कौन से पोषक तत्व हैं इस पर तो हर कोई चर्चा करता है, लेकिन दूध पीने का सही तरीका क्या है इस पर बात बहुत ही कम होती है। यह बात कम लोगों को पता है कि दूध को अगर गलत तरीके से पिया जाए तो यह न सिर्फ शरीर को नुकसान पहुंचाता है बल्कि इससे हमारे घुटने तक खराब होने का खतरा रहता है। इसलिए वर्ल्ड मिल्क डे (World milk day) पर हम आपको बताने जा रहे हैं आप कैसे दूध पिएं ताकि इसके सभी पोषक तत्व आपके शरीर को मिल पाएं।
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दूध कब पीना चाहिए (when should we drink milk)
दूध पीने का सबसे सही समय शाम या रात का माना जाता है। रात को खाना खाने के बाद एक गिलास दूध पीने से शरीर को पोषण मिलता ही है बल्कि नींद से जुड़ी समस्याओं में भी राहत मिलती है। जिन लोगों को रात में नींद नहीं आती है या देर तक जगे रहते हैं उन्हें दूध के साथ अश्वगंधा लेने की सलाह दी जाती है। दूध और अश्वगंधा एक साथ पीने से शरीर को आराम मिलता है और नींद जल्दी आती है।
कब नहीं पीना चाहिए दूध (When should you not drink milk?)
दूध को कभी भी सुबह खाली पेट नहीं पीना चाहिए। सुबह खाली पेट दूध पीने से इसे पचाने में मुश्किल हो जाती है। सुबह दूध पीने से यह आपको पूरा दिन सुस्त और आलसी महसूस करवा सकता है। डॉक्टर और घर के बड़े-बुजुर्ग यह भी सलाह देते हैं कि नमकीन खाद्य पदार्थों के साथ दूध का सेवन नहीं करना चाहिए। नमकीन चीजों के साथ दूध का सेवन करने से यह शरीर पर विपरीत असर डाल सकते हैं।
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क्या है दूध पीने का सही तरीका (what is the right way to drink milk)
न्यूट्रीशनिस्ट मीता कौर मधोक का कहना है कि दूध को हमेशा ही खड़े होकर पीना चाहिए। खड़े होकर दूध पीने से पेट संबंधित बीमारियां नहीं होती हैं। अगर आप बैठकर दूध पीते हैं तो हाजमे, पेट में दर्द और घुटने संबंधित बीमारियां होने का खतरा रहता है। ऐसा इसलिए क्योंकि बैठकर दूध पीने से यह शरीर के सभी हिस्सों में ठीक से प्रवाहित नहीं हो पाता है, जिसके कारण आपको कई बीमारियां हो सकती हैं।
वहीं, गुरुग्राम के पारस अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर संजय गुप्ता का कहना है कि दूध का खड़े होकर पीने का वैज्ञानिक कारण भी है। अगर दूध को बैठकर पिया जाता है तो यह खाने की नली से अंदर जाता है पेट के और आंतों के बीच में एक रूकावट आ जाती है, जिससे शरीर को नुकसान पहुंच सकता है।
डॉक्टर संजय गुप्ता का कहना है कि अगर दूध को खड़े होकर पिया जाए तो यह सीधे खाने की नली से जाकर पेट और आंतों तक जाता है जिससे यह ब्लड के अंदर जल्दी ऑब्जर्व होता है। भोजन नली तक दूध के जल्दी पहुंचने से यह तेजी से काम करता है और शरीर को हेल्दी रखने में मदद करता है।