
हम में से ज्यादातर अभी घर से काम कर रहे हैं। इसके अलावा, काम करने से हम घंटों लैपटॉप के सामने बैठे रहते हैं। कुछ डेस्क पर बैठते हैं, जबकि कुछ अपने लैपटॉप के साथ सोफे या फिर अन्य किसी काम के कारण दिन के अधिकतर समय बैठे रहते हैं। लेकिन क्या आप लंबे समय तक बैठे रहने के स्वास्थ्य से जुड़े खतरों के बारे में जानते हैं? ज्यादा देर बैठे रहने से गर्दन और पीठ में दर्द आम बात है। लकिन क्या आपने ये सुना है कि ज्यादा लंबे समय तक बैठना आपको कैंसर के खतरे में डाल सकता है। अभी तक कई अध्ययन आए हैं, जो बताते हैं क्या लंबे समय तक बैठे रहने से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। लेकिन यह कुछ अनसुना और असामान्य है। जी हां, लंबे समय तक बैठे रहने से आप कैंसर का शिकार हो सकते हैं, जैसा कि शोध में पाया गया है। इसलिए उठो, चलते जाओ और खुद को स्वस्थ रखो। आइए यहां जानिए ये नया शोध क्या कहता है।
क्या आप इस बात से सहमत हैं कि आप लॉकडाउन से पहले अधिक सक्रिय थे? अधिकांश लोगों का जवाब हां होगा, इसमें घूमना, टहलना, शारीरिक बैठकें, सामाजिक सम्मेलन, यात्राएं आदि शामिल हैं। अब हम घर से काम कर रहे हैं, जिसमें बाहर लगभग सब कुछ प्रतिबंधित है। ऐसे में हम सबको लंबे समय घर में बैठना पड़ रहा है। घर में सीमित स्थान है इसलिए शारीरिक गतिविधियां कम हो रही हैं। फिटनेस बनाए रखने और स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने के लिए रोजाना चलना या साइकिल चलाना चाहिए। आइए यहां हम आपको बताते हैं कि लंबे समय तक बैठे रहना और कैंसर के बीच क्या संबंध है।
लंबे समय तक बैठे रहने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है
लंबे समय तक बैठे रहने से न केवल वजन बढ़ने, गर्दन में दर्द और पीठ में दर्द की समस्या होती है, बल्कि कैंसर भी हो सकता है । मेडिकल जर्नल 'जेएएमए ऑन्कोलॉजी' ने हाल ही में लंबे समय तक बैठे रहने और कैंसर के जोखिम से संबंधित निष्कर्षों के साथ एक अध्ययन प्रकाशित किया। शोध दल ने गतिहीन जीवन और कैंसर निदान के बीच की कड़ी स्थापित की। अध्ययन ने इस जोखिम को कम करने के लिए जीवन शैली में स्वस्थ बदलाव लाने के महत्व पर जोर दिया है।
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कैसे किया गया अध्ययन?
शोध टीम ने 4 वर्षों के लिए लगभग 8,000 लोगों की जीवन शैली का आंकलन किया। उन्होंने शारीरिक रूप से निष्क्रिय लोगों में कैंसर से मरने के 82 प्रतिशत जोखिम का पता लगाया। लंबे समय तक बैठे रहने वाले लोगों की तुलना में हल्के शारीरिक व्यायाम जैसे चलना, टहलने जैसी शाररिक गतिविधि वाले लोगों में कम जोखिम था। अध्ययन में देखा गया, जिन लोगों की दिनचर्या में तेज चलना, एक घंटे से अधिक समय तक साइकिल चलाना जैसे शारीरिक गतिविधियों में शामिल थे, उनमें कैंसर का खतरा 31 प्रतिशत तक कम हो गया।
वॉकिंग और साइकिलिंग से करें कैंसर के खतरे को कम
यदि आप उच्च-तीव्रता वाले वर्कआउट के लिए 30 मिनट या ब्रिस्क वॉकिंग, रनिंग और साइकलिंग जैसे मध्यम अभ्यासों के लिए 1 घंटे का समय निकालते हैं, तो आप खुद को कैंसर होने से बचा सकते हैं। स्वस्थ रहने का मंत्र है कम बैठना और अधिक चलना है।
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शारीरिक गतिविधि के लिए आप अपने समय सारिणी और टाइम स्लॉट को सही से बांटें। आप छोटे-छोटे बदलावों के साथ शुरू कर सकते हैं, जैसे कि फोन पर बात करते समय चलना, और 1-2 घंटे के लिए घर के चारों ओर वॉकिंग करें। ये छोटे बदलाव आपके स्वास्थ्य और जीवनशैली में प्रमुख महत्व रखते हैं।
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