मंकीपॉक्स को रोकने के लिए वैक्सीन तैयार, 78% तक प्रभावी है Jynneos वैक्‍सीन की 1 खुराक

हाल ही में लैंसेट ने एक र‍िपोर्ट प्रकाश‍ित की है ज‍िसमें मंकीपॉक्‍स के ख‍िलाफ ज‍िनोयोस वैक्‍सीन को असरदार बताया है। जानें इससे जुड़ी जानकारी।

Yashaswi Mathur
Written by: Yashaswi MathurUpdated at: Mar 28, 2023 16:15 IST
मंकीपॉक्स को रोकने के लिए वैक्सीन तैयार, 78% तक प्रभावी है Jynneos वैक्‍सीन की 1 खुराक

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Vaccine For Monkeypox: मंकीपॉक्‍स एक दुर्लभ रोग है। इसके लक्षण, चेचक जैसे ही होते हैं। लैंसेट में प्रकाश‍ित एक र‍िपोर्ट की मानें, तो ज‍िनोयोस (Jynneos) वैक्‍सीन की एक खुराक, सिम्प्टोमैटिक एमपॉक्‍स के ख‍िलाफ असरदार है। ये वैक्‍सीन, एमपॉक्‍स के ख‍िलाफ 78 प्रत‍िशत तक प्रभावी मानी गई है। एमपॉक्‍स के ख‍िलाफ सुरक्षा के ल‍िए, लोगों को इसके दोनों डोज लेने जरूरी है। मंकीपॉक्‍स का यह टीका, कमजोर क‍िए गए जीव‍ित वैक्‍सीन‍िया वायरस का इस्‍तेमाल करके बनाया जाता है। ज‍िनकी उम्र 18 साल या उससे ज्‍यादा है, वो यह टीका लगवा सकते हैं। ज‍िन लोगों को पहले, चेचक का एक टीका लग चुका है, उन्‍हें इस वैक्‍सीन की एक ही डोज की जरूरत होगी। ये वैक्‍सीन, मंकीपॉक्‍स, चेचक, वैक्‍सीन‍िया वायरस और ऑर्थोपॉक्‍सवायरस से पैदा होने वाली अन्‍य बीमार‍ियों के ख‍िलाफ लड़ता है। व‍िश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की मानें, तो 110 देशों में 1 जनवरी, 2022 से एमपॉक्‍स के करीब 85,765 मामलों की पुष्‍ट‍ि हुई है। मंकीपॉक्‍स कुछ ही हफ्तों में ठीक हो जाता है। लेक‍िन कुछ गंभीर मामलों में, मंकीपॉक्‍स के कारण मौत भी हुई है। मंकीपॉक्‍स से पीड़‍ित व्‍यक्‍त‍ि के संपर्क में आने से भी मंकीपॉक्‍स हो सकता है। इसल‍िए, मंकीपॉक्‍स रोकथाम के ल‍िए वैक्‍सीन की डोज लेना जरूरी है।  

4 सप्‍ताह बाद लगती है दूसरी खुराक 

monkeypox vaccine

जिनियोस वैक्‍सीन, मॉडिफाइड वैक्सीनिया अंकारा (एमवीए) पर आधारित लाइव, नॉन-रेप्लिकेटिंग और टू-डोज वैक्सीन है। एमपॉक्‍स के ख‍िलाफ सुरक्षा के ल‍िए दोनों डोज लेना जरूरी है। पहली खुराक के 4 हफ्तों बाद, दूसरी खुराक दी जाती है।अफ्रीका में, इस वैक्‍सीन के इस्‍तेमाल के प‍िछले आंकड़ों पर गौर करें, तो वैक्‍सीन, मंकीपॉक्‍स को रोकने में 85 प्रत‍िशत प्रभावी मानी गई है। मंकीपॉक्‍स, स्‍मॉलपॉक्‍स की फैम‍िली का ही वायरस है। मंकीपॉक्‍स के मामले, मध्‍य और पश्चिमी अफ्रीकी देशों के लोगों में ज्‍यादा देखने को म‍िलता है।

मंकीपॉक्‍स के लक्षणों की बात करें, तो इससे पीड़‍ित व्‍यक्‍त‍ि को बुखार, स‍िर दर्द, सूजन, कमर दर्द और मांसपेश‍ियों में दर्द महसूस होता है। त्‍वचा पर रैशेज हो जाते हैं। हथेली और तलवों पर रैशेज ज्‍यादा नजर आते हैं। रैशेज के कारण, त्‍वचा पर खुजली की समस्‍या भी होती है। जेमी लोपेज बर्नल, टीकाकरण और टीका निवारक रोग प्रभाग, यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी सहित शोधकर्ताओं की मानें तो, इस वैक्‍सीन की एक खुराक का बेहतर प्रभाव देखते हुए, इसकी पहली खुराक के व‍ितरण को प्राथम‍िकता देनी चाह‍िए।

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मंकीपॉक्‍स से बचने के ल‍िए क्‍या करें? 

  • संक्रम‍ित मरीजों से दूरी बरतें। 
  • कुछ भी खाने से पहले हाथों को साबुन और पानी से साफ करें। 
  • बीमार व्‍यक्‍त‍ि या वायरस से संक्रम‍ित व्‍यक्‍त‍ि के पास जाने से पहले ग्‍लब्‍स पहनें।
  • क‍िसी भी तरह के असामान्‍य लक्षण नजर आने पर डॉक्‍टर से संपर्क करें।   

उम्‍मीद करते हैं, आपको ये जानकारी पसंद आई होगी। अध‍िक जानकारी के ल‍िए पढ़ें ओनलीमायहेल्‍थ।

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