
Can Long Covid Cause Face Blindness: कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लोगों में कई गंभीर परेशानियां देखी जा रही हैं। लॉन्ग कोविड की वजह से दिखने वाले लक्षणों को लेकर नए-नए शोध आ रहे हैं, जिनमें कई गंभीर परिणामों के बारे में बताया गया है। हाल ही में लॉन्ग कोविड के प्रभाव को लेकर हुई एक शोध में कहा गया है कि इसकी वजह से आपके दिमाग पर गहरा असर होता है। लॉन्ग कोविड दरअसल एक ऐसी स्थिति है, जिसमें मरीज को कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक होने के बाद भी लगभग 3 महीने तक इसके लक्षण दिखाई देते हैं। इन लक्षणों में चिंता, उदासी, थकान, सिरदर्द और हार्ट से जुड़ी परेशानियां शामिल हैं। हाल ही में प्रकाशित एक शोध में कहा गया है कि लॉन्ग कोविड की वजह से चेहरा भूलने की बीमारी या फेस ब्लाइंडनेस हो सकता है। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं लॉन्ग कोविड और फेस ब्लाइंडनेस के बीच संबंध के बारे में।
लॉन्ग कोविड की वजह से हो रही चेहरा भूलने की बीमारी- Long Covid Cause Face Blindness in Hindi
फेस ब्लाइंडनेस या चेहरा भूलने की समस्या को प्रोसोपेग्नोसिया (Prosopagnosia in Hindi) भी कहा जाता है। इस समस्या में मरीज को खुद का चेहरा पहचानने में भी परेशानी होती है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर एंड स्ट्रोक के मुताबिक फेस ब्लाइंडनेस या प्रोसोपेग्नोसिया एक तरह का न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जिसमें मरीज को चेहरा पहचानने में दिक्कत होती है। हाल ही में कोर्टेक्स पत्रिका में प्रकाशित एक स्टडी में कहा गया है कि लॉन्ग कोविड की वजह से होने वाले न्यूरोलॉजिकल प्रभाव के कारण मरीजों को चेहरा भूलने की समस्या हो सकती है।
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कोर्टेक्स पत्रिका में प्रकाशित इस स्टडी में कहा गया है कि एक 28 वर्षीय महिला मार्च 2020 में कोरोना से संक्रमित हुई थी। इसके बाद संक्रमण से ठीक होने पर उसे अपने करीबी लोगों का चेहरा पहचानने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अध्ययन में कहा गया है कि महिला को इससे पहले इस तरह की कोई परेशानी नहीं थी। स्टडी में बताया गया है कि महिला कोविड से ठीक होने के 2 महीने बाद अपने पिता के पास से गुजरी तो वह अपने पिता के चेहरे को भी ढंग से नहीं पहचान पायी। स्टडी के मुताबिक महिला किसी को पहचानने के लिए चेहरे की जगह आवाज का सहारा लेती है।
कोविड की वजह से न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का खतरा
शोध में कहा गया है कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद मरीजों को कई तरह की गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लोग कोविड वाले मरीजों में इसकी वजह से न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। शोध में शामिल 28 वर्षीय महिला के आधार पर शोधकर्ताओं ने कहा है कि लंबे समय से कोविड से जूझने वाले लोगों में यह समस्या ज्यादा देखने को मिल सकती है। इस शोध को डार्टमाउथ कॉलेज के शोधकर्ताओं के साथ मिलकर किया गया था। शोध में लॉन्ग कोविड से प्रभावित 54 लोगों को शामिल किया गया था। इनमें से अधिकांश लोगों में न्यूरोलॉजिकल परेशानियां देखने को मिली थीं।
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