
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को सभी हेल्दी और पोषक तत्वों से भरपूर सब्जियां और फल खाने चाहिए। साथ ही स्वास्थ्य विशेषज्ञ या न्यूट्रिशनिस्ट उन्हें फलों के जूस का सेवन करने की भी सलाह देते हैं ताकि गर्भ में पल रहे शिशु और गर्भवती महिला को भरपूर पोषण मिल सके। साथ ही बच्चा-जच्चा स्वस्थ रहें। इसके लिए कई गर्भवती महिलाएं गन्ने का जूस पीती हैं। लेकिन अक्सर गर्भवती महिलाओं के मन में यह सवाल कौंधता होगा कि रोजाना गन्ने का जूस पीना स्वास्थ्यकर है या नहीं? कहीं रोजना गन्ने का जूस पीने से उन्हें कोई नुकसान तो नहीं होगा या फिर उनके बच्चे के स्वास्थ्य पर इसका बुरा प्रभाव तो नहीं पड़ेगा? प्रेग्नेंसी में गन्ने का जूस पिएं या नहीं, इस सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दे रही हैं डाइट एन क्योर क्लीनिक की डाइटीशियन और न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या गांधी। आप भी इन्हें जानें।
प्रेग्नेंसी में गन्ने का जूस पिएं या नहीं
गर्भावस्था में महिलाएं गन्ने का जूस पी सकती हैं, यह बिल्कुल सेफ होता है। गन्ने के रस में विटामिन ए, बी1, बी2, बी3, बी5, बी6 और विटामिन सी जैसे आवश्यक पोषक तत्व होते हैं। इसके अलावा, यह फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट और फाइटोन्यूट्रिएंट्स का भी एक समृद्ध स्रोत है, जो गन्ने को एक पौष्टिक पेय बनाता है। इस प्रकार, गर्भावस्था के दौरान गन्ने का रस सेवन करने के लिए सुरक्षित और स्वस्थ है।
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किसे नहीं पीना चाहिए गन्ने का रस
वैसे तो गन्ने का रस स्वस्थ महिलाएं पी सकती हैं और इसमें कोई नुकसान नहीं है। लेकिन अगर महिला को गर्भकालीन मधुमेह है या वह रक्त को पतला करने वाली दवाएं ले रही हैं, तो उन्हें गन्ने का रस पीने से बचना चाहिए।
गन्ने का रस पीने के नुकसान
गर्भवति महिलाओं के लिए गन्ने का रस का सेवन बिल्कुल सुरक्षित होता है। इसके साइड इफेक्ट भी बहुत कम होते हैं। इसके बावजूद आवश्यक मात्रा से ज्यादा गन्ने का रस पीने से कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। गन्ने में पोलीकोसानॉल नामक तत्व होता है, जिसके अत्यधिक सेवन से अनिद्रा, पेट खराब, चक्कर आना, सिरदर्द और वजन कम होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। वैसे तो गन्ने के रस में उच्च पोषक तत्व इसे गर्भावस्था के दौरान भी पीने के लिए सुरक्षित और स्वस्थ बनाता है। हालाँकि, इस पोषक तत्वों से भरे पेय की खपत को कम करने की आवश्यकता है क्योंकि इसमें शुगर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जिससे अतिरिक्त वजन बढ़ने और गर्भकालीन मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। इससे गर्भावस्था की जटिलताएं बढ़ सकती हैं और गन्ने का रस की वजह से गर्भ में पल रहे शिशु को मधुमेह भी हो सकता है।
गन्ने के रस में मौजूद पोषक तत्व
गन्ने के रस में मौजूद पोषक तत्वों की बात करें, तो इसमें कई तरह से न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं जैसे कार्बोहाइड्रे, प्रोटीन, विटामिन (ए, बी-कॉम्प्लेक्स और सी) और, फास्फोरस, कैल्शियम, पोटेशियम, जिंक और आयरन जैसे मिनरल्स और एंटीऑक्सिडेंट जैसे फ्लेवोनोइड्स, पॉलीफेनोलिक कंपाउंड, फाइबर।
गर्भावस्था में गन्ने का रस पीने के फायदे
गन्ने में मौजूद तत्व बिलीवरडीन और बिलीरुबिन एकाग्रता को संतुलित करता है। बिलीरुबिन और बिलीवरडीन की बढ़ी हुई मात्रा का मतलब गर्भकालीन पीलिया से पीड़ित होने का अधिक जोखिम है, जो मां और भ्रूण को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान गन्ने का रस पीना सभी गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद होता है। गर्भावस्था के दिनों में महिलाओं को एक दिन में एक गिलास (150 मिली) रस ही पीना चाहिए।
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