Shiva Meditation Health Benefits in Hindi: ध्यान या मेडिटेशन करना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है। मेडिटेशन, वैसे तो स्वास्थ्य से जुड़ा विषय है लेकिन इसे अध्यात्म से जोड़कर भी देखा जाता है। क्योंकि मेडिटेशन, अध्यात्म से जुड़ने का एक तरीका है। हिन्दू धर्म में, भगवान शिव को आदियोगी कहा जाता है, जिसका अर्थ है योग का पहला गुरू। शिव की ज्यादातर तस्वीरों में उन्हें, ध्यान की मुद्रा में देखा जाता है। इस मुद्रा से इजात होने वाले मेडिटेशन को ही शिव मेडिटेशन कहते हैं। हार्ट से जुड़ी समस्याओं से बचाव के लिए, यह मेडिटेशन फायदेमंद माना जाता है। आगे जानेंगे, शिव मेडिटेशन के अन्य फायदे और इस मेडिटेशन को करने का तरीका। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के रवींद्र योगा क्लीनिक के योगा एक्सपर्ट डॉ रवींद्र कुमार श्रीवास्तव से बात की।
शिव मेडिटेशन के फायदे- Shiva Meditation Health Benefits
- शरीर का स्टैमिना बढ़ता है।
- मन शांत होता है और फोकस बढ़ता है।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है। हाई बीपी की समस्या को कंट्रोल करने में मदद करता है।
- शिव मेडिटेशन को रात को सोने से पहले भी कर सकते हैं। इससे अनिद्रा की समस्या भी दूर होती है।
- डर, चिंता और अवसाद को कम करने में यह मेडिटेशन फायदेमंद होता है।
- एजिंग साइन्स जैसे फाइन लाइन्स और झुर्रियों को कम करने में मदद करता है।
- वजन कम करने के लिए भी यह मेडिटेशन फायदेमंद होता है। डीप ब्रीदिंग की मदद से फैट कम करने में मदद मिलती है।
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शिव मेडिटेशन कैसे करें?- How To Do Shiva Meditation
- शिव मेडिटेशन करने के लिए, सबसे पहले स्ट्रेचिंग करें।
- किसी शांत जगह पर बैठ जाएं।
- अपने हाथों को आरामदायक मुद्रा में रखें।
- मेडिटेशन करने के दौरान, गहरी सांस लें और छोड़ें।
- 6 काउंट करने तक सांस लें। इतने ही समय सांस को रोकें और फिर 6 काउंट करते-करते सांस छोड़ दें।
- किसी ऊर्जा को केंद्र मानकर, ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करें।
- फिर 5 मिनट बाद, हाथों को रब करें और आंखों पर रख लें।
- इस ध्यान की शुरुआत 10 मिनट से करें, फिर समय बढ़ाएं।
- इस मेडिटेशन को पूरा करने में, आधे घंटे का समय लग सकता है।
एक दिन में कितनी देर मेडिटेशन करें?
रोजाना 10 से 15 मिनट मेडिटेशन कर सकते हैं। खाने के तुरंत बाद मेडिटेशन करने से बचना चाहिए। अपनी सुविधा के मुताबिक, खाली पेट भी मेडिटेशन कर सकते हैं। सुबह उठने के तुरंत बाद या एक्सरसाइज के ठीक बाद, मेडिटेशन करने की सलाह नहीं दी जाती।
शिव मेडिटेशन को हर कोई अपने रूटीन में शामिल कर सकता है। उम्मीद करते हैं, आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। लेख को शेयर करना न भूलें।
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