वैज्ञानिकों ने प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) में कोशिकाओं की खोज की है, जो कि कई प्रकार के कैंसर को मार सकते हैं। दरअसल कार्डिफ यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक नए प्रकार के किलर टी-सेल की खोज की है, जो एक आकार-फिट यानी कि सभी प्रकार के कैंसर को ठीक कर सकता है। हांलाकि अभी ये शोध चूहों पर ही सफल हुआ है और इंसानों पर इसकी सफलता को जानने के लिए और शोध करना होगा। बता दें कि टी-सेल्स नामक कोशिकाओं में विशेष रिसेप्टर्स होते हैं, जो स्वस्थ कोशिकाओं की अनदेखी करते हुए फेफड़ों, त्वचा, हड्डी, रक्त, कोलन कैंसर, गुर्दे, स्तन, प्रोस्टेट, अंडाशय और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर से जुड़ी कोशिकाओं को नष्ट कर सकते हैं।
चूहों पर हुआ है शोध
प्रयोगशाला के चूहों और डिश प्रयोगों में, शोधकर्ताओं ने दिखाया कि टी-कोशिकाएं कैंसर कोशिकाओं की इस सीमा का पता लगा सकती हैं और कैंसर टिशूज और स्वस्थ कोशिकाओं से अलग कर सकती हैं। उन्होंने ब्लड बैंक से ब्लड के नमूनों की जांच करते हुए गलती से इस कोशिका की खोज की है। खोज एक आकार को देखें, तो ये चिकित्सा प्रदान करके कैंसर का इलाज में एक प्रोत्साहन प्रदान कर सकती है। ये अध्ययन इस सप्ताह नेचर इम्यूनोलॉजी में प्रकाशित हुआ था।
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टी - कोशिका
टी-कोशिकाएं प्रतिरक्षा प्रणाली में एक प्रकार की श्वेत रक्त कोशिकाएं होती हैं। बाकी प्रतिरक्षा प्रणाली के साथ, वे संक्रमण और शरीर पर अन्य हमलों से लड़ने में मदद करते हैं। शोधकर्ताओं का प्रस्ताव है कि इन कोशिकाओं में रिसेप्टर्स कैंसर का पता लगाने में मदद करने के लिए MR1 नामक एक अणु का हम इस्तेमाल कर सकते हैं। MR1 अणु संक्रमित और कैंसरग्रस्त कोशिकाओं सहित सभी मानव कोशिकाओं की सतह पर मौजूद है और शोधकर्ताओं का मानना है कि यह टी-कोशिकाओं के रिसेप्टर्स को एक सेल के समझौता चयापचय को इंगित पहलकरने में सक्षम हो सकता है।अध्ययन के प्रमुख लेखक, एंड्रयू सेवेल ऑफ डिफेक्शन एंड इम्युनिटी एट कार्डिफ यूनिवर्सिटी की मानें, तो MR1- प्रतिबंधित टी-कोशिकाओं के माध्यम से कैंसर को ठीक करना एक नई होगी। यह सभी आकार-फिट साइज का कैंसर के इलाज की संभावना को बढ़ाता है।
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बन सकती है बड़ी सफलता
कैंसर के लिए इम्यूनोथेरेपी उपचार में खोज एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कैंसर कोशिकाओं और ट्यूमर पर हमला करने के लिए शरीर की प्राकृतिक प्रतिरक्षा का उपयोग करने की प्रक्रिया है। जैसे कि CAR-T उपचार, जो कि व्यक्तिगत मानव शरीर के लिए विशिष्ट है। ऐसे में नया शोध अभी शुरुआती चरण में है और अभी तक प्रयोगशाला से बाहर निकालने और मनुष्यों पर परीक्षण करने के लिए तैयार नहीं है। एक बार जब शोधकर्ता यह सुनिश्चित कर लेंगे कि टी-कोशिकाएं केवल कैंसर कोशिकाओं पर हमला करती हैं या नहीं, तो वे आगे की सुरक्षा परीक्षण के बाद इस वर्ष के अंत में रोगियों में इस उपचार के शोध की कोशिश करेंगे। बहुत सारी बाधाएं हैं, लेकिन अगर यह परीक्षण सफल होता है, तो उम्मीद है कि यह नया उपचार कुछ वर्षों में रोगियों में उपयोग किया जा सकता है।
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