वर्तमान समय में शराब पीना एक चलन बन गया है चाहे कॉलेज में पढ़ने वाले युवा-युवतियां हो या फिर कामकाजी पुरुष और महिलाएं सभी अपनी थकान उतारने के लिए शराब पीना पसंद करते हैं। कुछ लोगों का कहना है कि ऐसा करने से रात को नींद बेहतर तरीके से आती है तो कुछ का कहना है कि ये उनकी आदत बन गई है। हालांकि हमारे लिए इस बात पर ध्यान देना बहुत जरूरी है कि हम किस मौके पर कितनी शराब पी रहे हैं। इसके साथ ही आपके लिए ये भी जानना जरूरी है कि किन मौकों पर आपको शराब से दूरी बनानी चाहिए। अगर आप भी सोच रहे हैं कि किन मौकों पर शराब नहीं पीनी चाहिए तो हम आपको ऐसे 5 मौकों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनपर आपको शराब कभी नहीं पीनी चाहिए।
इन 5 मौकों पर कभी न पीएं शराब
एंटी-बायोटिक लेते वक्त
शराब पीने से सिरदर्द, चक्कर आना, उल्टी जैसे दिक्कतें हो सकती है और इसके साथ एंटी-बायोटिक लेना आपकी धड़कन बढ़ा सकता है। अगर आप शराब पीते हैं और इनका सेवन करते हैं तो इस प्रकार का दवाई अपना काम भी बिल्कुल भी नहीं करेगी, इसलिए पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इन दवाओं के अलावा दूसरी दवाईयां लेने के दुष्परिणाम सामने आ सकते हैं। हालांकि शराब अधिकतर एंटी-बायोटिक के काम में बाधा नहीं डालता। लेकिन ध्यान रखने की जरूरत है कि जरूरत से ज्यादा शराब पीने वालों का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है और उनकी बॉडी को संक्रमण से लड़ने में दिक्कत आती है फिर चाहे आप दवाई ले रहे हो या नहीं।
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हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत होने पर
नियमित रूप से ज्यादा मात्रा में शराब पीना आपके ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है। अगर आपका पहले ही बीपी हाई रहता है तो यह आपके लिए बुरी खबर साबित हो सकती है। लेकिन अगर आप शराब की मात्रा में कटौती करते हैं या फिर शराब छोड़ देते हैं तो आप इसके प्रभाव को कम कर सकते हैं। अगर आप जरूरत से ज्यादा शराब पीते हैं तो अपने डॉक्टर से इसमें कुछ कमी लाने के टिप्स लें। अगर आप शराब जल्दी में ही छोड़ देते हैं तो ये आपके बीपी को बढ़ा सकता है।
बिना सलाह के पेनकिलर लेना
एस्पिरिन, आईब्रूफिन जैसी पेनकिलर बेहद आम हैं। अगर आप स्वस्थ हैं और समय-समय पर इनका प्रयोग करते हैं तो थोड़ी बहुत शराब आपके लिए समस्या का कारण नहीं बनेगी। लेकिन नियमित रूप से शराब का सेवन किडनी, लिवर और पेट जैसी विभिन्न गंभीर समस्याओं को बढ़ा सकता है। क्योंकि ये बीमारियां इन दवाओं के जरूरत से ज्यादा प्रयोग व दुरुपयोग के परिणामस्वरूप होता है।
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गर्भावस्था के दौरान
थोड़ी बहुत शराब कुछ महिलाओं के लिए गर्भावस्था में मुश्किलें खड़ी कर सकती है। जरूरत से ज्यादा शराब आपके मासिक धर्म को बाधित कर सकती है और ओवुलेशन दिक्कतों का कारण बन सकता है। पिता बनने वालें पुरुषों के लिए भी ये सही नहीं है। शराब यौन इच्छा में कमी, स्पर्म गुणवत्ता में कमी और अन्य प्रकार की शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकती है।
चोट से उबरते वक्त
आपका मस्तिष्क उस वक्त बहुत संवेदनशील होता है खासकर चोट से उबरते वक्त। इतना ही नहीं शराब पीने से आपके रिकवरी धीमी हो जाती है और आपकी नींद, याद करने की क्षमता और यौन गतिविधियां बाधित होती हैं। कुछ लोगों का कहना है कि मस्तिष्क चोट के बाद शराब का प्रभाव अधिक होता है। इसका मतलब यह है कि चोट के वक्त शराब पीने से आप खुद को और अधिक नुकसान पहुंचा रहे हैं।
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