बाजार में बिकने वाला नमक आपको बना सकता है नपुंसक और कैंसर रोगी, जानें कैसे

गोधुम ग्रैन्स एंड फॉर्म्स प्रोडक्ट्स के अध्यक्ष शिव शंकर गुप्ता का कहना है कि भारत में बेचे जाने वाले संसाधित आयोडीन युक्त नमक के प्रीमियम ब्रांडों में कथित तौर पर पोटेशियम फेरोसायनाइड जैसे जहरीले और कैंसर पैदा करने वाले जैसे घटकों के खतरनाक स्तर पाया गया है।  
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बाजार में बिकने वाला नमक आपको बना सकता है नपुंसक और कैंसर रोगी, जानें कैसे

भारत के एक एक्टिविस्ट ने अमेरिका की एक लैब की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि भारत में बेचे जाने वाले संसाधित आयोडीन युक्त नमक के प्रीमियम ब्रांडों में कथित तौर पर पोटेशियम फेरोसायनाइड जैसे जहरीले और कैंसर पैदा करने वाले जैसे घटकों के खतरनाक स्तर पाया गया है।

गोधुम ग्रैन्स एंड फॉर्म्स प्रोडक्ट्स के अध्यक्ष शिव शंकर गुप्ता के मुताबिक, अमेरिका की वेस्ट एनालिटिकल लेबोरेटरीज की जांच में खुलासा हुआ है कि सांभर रिफाइंड नमक में पोटेशियम फेरोसिनाइड का स्तर प्रति किलोग्राम में 4.71 मिलीग्राम, टाटा नमक में 1.85 मिलीग्राम और टाटा नमक लाइट में 1.90 मिलीग्राम खतरनाक रूप से अधिक पाया गया है। 

एजेंसी के मुताबिक, उसकी तरफ से भारतीय नमक उत्पादक कंपनियों से लगातार प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई, लेकिन किसी ने भी कोई जवाब नहीं दिया है।

हानिकारक तत्वों से युक्त नमक के खिलाफ अभियान शुरू करने वाले गुप्ता का कहना है कि दुनिया के किसी भी देश में खाए जाने वाले नमक या अन्य खाद्य सामग्रियों में पोटेशियम फेरोसायनाइड युक्त नमक के इस्तेमाल की इजाजत नहीं है।

उन्होंने कहा कि खाद्य नमक निर्माण उद्योग की प्रमुख कंपनियां आयोडीन और साइनाइड जैसे खतरनाक रसायनों से लदे औद्योगिक कचरे को दोबारा पैक कर सामान्य रूप से बाजार में खाद्य नमक के रूप में बेच रही हैं, जो कि लोगों को कैंसर, हाइपरथायरायडिज्म, उच्च रक्तचाप, नपुंसकता, मोटापा, गुर्दे की विफलता आदि जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है।

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उन्होंने कंपनियों पर नमक को परिष्कृत करने के लिए खतरनाक और अघोषित प्रक्रियाओं जैसे कि ब्लीचिंग, आयोडीन जैसे खतरनाक रसायनों के ढेर को जोड़ने और साइनाइड को मिलाने का भी आरोप लगाया।

उनका आरोप लगाया कि भारत में ये कंपनियां नमक को रिफाइन करने के लिए खतरनाक रसायनों का उपयोग कर रही हैं। उन्होंने बताया कि नमक में स्वाभाविक रूप से आयोडीन रहता है, लेकिन ये कंपनियां उसमें अलग से आयोडीन मिला रही हैं, जो खाद्य नमक को जहर बनाने का काम कर रहा है।

उन्होंने कहा कि देश के प्राकृतिक नमक उद्योग को क्रमिक सरकारों द्वारा व्यवस्थित रूप से नष्ट कर दिया गया है, जिसकी कभी स्वस्थ विकल्प के रूप में आयोडीन युक्त नमक की प्रशंसा की जाती थी। देश में नमक उद्योग गुजरात के कच्छ, मध्य प्रदेश और राजस्थान में फैला हुआ है।

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गुप्ता ने कहा कि नमक कंपनियां इन उद्योगों में काम करने वाले कर्मचारियों की जान के साथ भी खिलवाड़ कर रही हैं। उन्होंने कहा कि कि सरकारी विभागों और उत्पादक कंपनियों की मिलीभगत से आयोडीन युक्त नमक के नाम पर उपभोक्ताओं को लूटा जा रहा है।

उनका कहना है कि एक आरटीआई में खुलासा हुआ है कि भारत के किसी भी बड़ी नमक उत्पादक कंपनी ने परीक्षण या लाइसेंस के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण( एफएसएसएआई ) में आवेदन नहीं किया है। इसके साथ ही देश में ऐसी कोई भी लैब नहीं है, जहां नमक में सायनाइड की मात्रा को जांचा जा सके।

(इनपुटः आईएएनएस)

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