वे लोग, जो लंबे अरसे से हरी-भरी जगहों से दूर रहते आ रहे हैं उनमें दिल संबंधी बीमारियों और टाइप 2 डायबिटीज जैसी स्थितियों की चपेट में आने का खतरा होता है, जिसके कारण उनकी मौत भी हो सकती है। एक हालिया अध्ययन में इस बात का खुलासा है।
जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ में जल्द प्रकाशित होने वाले इस अध्ययन में बताया गया है कि वायु प्रदूषण ह्रदय रोग, स्ट्रोक और टाइप 2 डायबिटीज जैसे खतरनाक स्थितियों के बढ़ते खतरे के जुड़ा हुआ हो सकता है।
विकासशील देशों में कुछ ह्रदय रोग मौत का कारण बनते हैं। हाइुपरटेंशन और मेटाबॉलिक सिंड्रोम ह्रदय रोगों के प्रमुख कारण हैं। मेटाबॉलिक सिंड्रोम, पेट के आस-पास जमा चर्बी, रक्तचाप बढ़ने और ब्लड ग्लूकोज के उच्च स्तर के साथ भी जुड़ा हुआ है।
ये स्थितियां विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के अधिक खतरे के साथ जुड़ी हुई है। इन विकारों के कारण बेहद जटिल हैं और ये जेनेटिक कारक, जीवनशैली, डाइट और पर्यावरण कारकों से संबंधित हैं। पर्यावरण कारकों में यातायात वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, आवासीय समस्याएं और नेबरहुड क्वालिटी कारक शामिल हैं।
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शोधकर्ताओं ने लंबे अरसे तक वायु प्रदूषण के परिवेश और हरी-भरी जगहों व विशाल सड़कों के आवासीय अंतर के बीच संबंध की जांच की। शोधकर्ताओं ने इन दोनों कारकों के संबंध के साथ हाइपरटेंशन के विकास और मेटाबॉलिक सिंड्रोम के कुछ तत्वों के बीच भी संबंधों को परखा। शोधकर्ताओं ने कंसास शहर में मल्टी स्टोरी घरों या निजी घरों में रहने वाले लोगों के बीच इस संबंध को जांचा।
अध्ययन के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने जिन तत्वों को इस जांच में शामिल किया वे हैं हाई ट्रिगलीसेराइड लेवल, रिड्यूसड हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रोल, हाईर ब्लड ग्लूकोज और मोटापा। ये संबंध निजी और मल्टी फैमिली घरों में रहने वाले लोगों के बीच जांचा गया।
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निष्कर्षों में सामने आया कि वायु प्रदूषण स्तर मध्य से अधिक होना रिड्यूसड हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटीन के साथ जुड़ा हुआ है। इसके अलावा यातायात संबंधित संपर्क में आना हाइपरटेंशन, हाई ट्रिगलीसेराइड लेवल और रिड्यूसड हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रोल के साथ जुड़ा हुआ है। हालांकि यातायात वायु प्रदूषण का नकरात्मक प्रभाव उन लोगों में अधिक देखा गया, जो मल्टी फैमिली इमारतों में रहते हैं।
अध्ययन के मुख्य लेखक एग्ने ब्रेजीन ने कहा, ''हमारे शोध के निष्कर्ष बताते हमें ये कहने में सक्षम बनाते हैं कि हमें जितना हो सके मल्टीफैमिली घरों में एक व्यक्ति के रहने की जगह को नियंत्रित करना चाहिए, अपार्टमेंट के नॉयस इंसुलेशन में सुधार करना चाहिए और मल्टीफैमिली हाउस में हरी-भरी जगहों के विकास को बढ़ावा देना चाहिए।''
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