दौड़ना यूं तो सेहत के लिए फायदेमंद होता है क्योंकि ये एक तरह का कार्डियो वर्कआउट है, जिसमें आपके शरीर खासकर दिल को बहुत अधिक फायदे मिलते हैं। लेकिन बहुत अधिक दौड़ना भी आपके शरीर के लिए अच्छा नहीं है। रनर्स नी या पैटेलोफेमोर पेन सिंड्रोम एक ऐसी समस्या है जो एथलीट्स के बीच बेहद आम है। यह समस्या उन लोगों को होती है जो बहुत ज्यादा दौड़ते या कूदते हैं। यह समस्या घुटनों के अत्यधिक इस्तेमाल या घुटने में चोट लगने के कारण होती है। जो लोग बहुत ज्यादा कसरत करते हैं, उनके घुटने की मांसपेशियां कमज़ोर होने लगती हैं जिसके कारण घुटनों में दर्द उठता है। हालांकि, ऐसा जरूरी नहीं कि ये समस्या केवल दौड़ने वालों को ही हो। जो भी व्यक्ति घुटनों का अत्यधिक इस्तेमाल करता है उसे यह समस्या हो सकती है। दौड़ने से होने वाली इसी बीमारी के बारे में बता रहे हैं सेंटर फॉर नी एंड हिप केयर, गाज़ियाबाद के वरिष्ठ प्रत्यारोपण सर्जन डॉक्टर अखिलेश यादव। डॉ. अखिलेश से जानें इस बीमारी के बारे में।
क्या हैं रनर्स नी के आम कारण?
- बहुत अधिक कसरत करना
- अत्यधिक दौड़ना या कूदना
- अत्यधिक स्क्वाट्स करना
- घुटने में चोट लगना
- जांघों की कमज़ोर मांसपेशियां
- हड्डी सही जगह पर नहीं है
रनर्स नी के लक्षण क्या हैं?
- घुटने के आसपास दर्द
- घुटनों में सूजन
- घुटनों की घिसन
- सीढ़ियां उतरते वक्त, ज्यादा देर बैठने और दौड़ने पर घुटने में गंभीर दर्द
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कैसे होता है रनर्स नी का इलाज
यदि आपको रनर्स नी की समस्या हो गई है तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि कुछ अभ्यासों से न सिर्फ इस समस्या की रोकथाम की जा सकती है बल्कि इसका इलाज भी संभव है। हालांकि, इस समस्या के होने पर किसी अच्छे डॉक्टर या फिजियो थेरेपिस्ट से परामर्श लेना आवश्यक है। इसके निदान के लिए फिजिकल टेस्ट के साथ सीटी स्कैन या एमआरआई स्कैन किया जा सकता है। बीमारी की पहचान और उसका कारण जानने के बाद डॉक्टर आपको आराम, मेडिकेशन, फिजियोथेरेपी सेशन, पेन किलर दवाइयां या ब्रेस की सलाह दे सकता है। इसका इलाज समस्या की गंभीरता पर निर्भर करता है इसलिए दवाइयों (मेडकेशन) से कोई लाभ न मिलने पर सर्जरी की जरूरत भी पड़ सकती है।
रनर्स नी की समस्या का घरेलू इलाज
याद रखिए घरेलू इलाज केवल हल्की समस्या में सुधार के लिए ही बेहतर है। यदि समस्या गंभीर है तो डॉक्टर से परामर्श लेने में ही समझदारी है।
पैरों को अधिक से अधिक आराम दें: रनर्स नी की समस्या होने पर आपके लिए ज्यादा से ज्यादा आराम करना जरूरी है। उन सभी गतिविधियों से बचें जिसमें घुटनों पर ज़ोर पड़ता हो जैसे कि दौड़ना, स्क्वाट्स करना, कूदना, बहुत देर तक बैठना या खड़े रहना आदि।
बर्फ से घुटनों की सिकाई: रनर्स नी का दर्द और सूजन कम करने के लिए बर्फ से सिकाई एक बेहतर विकल्प है। 2-3 दिनों तक रोज़ाना दिन में 3-4 बार कम से कम 20-30 मिनट के लिए घुटनों की सिकाई करें। हालांकि, बर्फ को किसी कपड़े में लपेटकर ही सिकाई करें वर्ना आपको असहज महसूस हो सकता है।
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घुटनों पर गर्म पट्टी बांधें: रनर्स नी के दर्द से छुटकारा पाना है तो घुटनों को किसी कपड़े से ढ़ककर रखना जरूरी है। इसके लिए आप मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली गर्म पट्टी यानी कि इलास्टिक बैंडेज का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह आपके घुटने को अतिरिक्त सुरक्षा देने के साथ दर्द और सूजन में भी राहत देता है।
बैठने या लेटने पर मुलायम तकिया उपयोग करें: बैठने या लेटने की मुद्रा में घुटने को पर्याप्त आराम मिले इसके लिए पैर के नीचे मुलायम तकिया लगाएं। इससे समस्या में आराम मिलेगा।
यदि घरेलू उपायों से आपको कोई लाभ नहीं मिल रहा है तो देर न करते हुए किसी अच्छे डॉक्टर से परामर्श लें। समस्या की गंभीरता के आधार पर डॉक्टर आपको उचित इलाज की सलाह देगा।
यह आर्टिकल सेंटर फॉर नी एंड हिप केयर, गाज़ियाबाद के वरिष्ठ प्रत्यारोपण सर्जन डॉक्टर अखिलेश यादव से बातचीत पर आधारित है।
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