World Health Day 2020: मांसपेशियों का कैंसर है रैबडोमायोसरकोमा, 20 से कम उम्र के बच्‍चों को करता है प्रभावित

कैंसर एक घातक और दिल दहला देने वाली बिमारी है। जिसका नाम सुनते ही लोगों की रूह कांप उठती है क्‍योंकि हर साल लाखों लोग इसकी चपेट में आते हैं। अब तक 100 से भी ज्‍यादा कैंसर के प्रकारों को खोजा जा चुका है। आइए आज हम आपको रैबडोमायोसरकोमा कैंसर के बारे में बताएंगे साथ ही यह भी जान पाएंगे कि इसके लक्षण और कारण क्‍या हैं।  
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World Health Day 2020: मांसपेशियों का कैंसर है  रैबडोमायोसरकोमा, 20 से कम उम्र के बच्‍चों को करता है प्रभावित

कैंसर एक घातक और दिल दहला देने वाली जानलेवा बीमारी है। जिसका नाम सुनते ही लोगों की रूह कांप उठती है क्‍योंकि हर साल लाखों लोग इसकी चपेट में आते हैं। आज दुनिया भर में होने वाली 5 में से 1 व्‍यक्ति की मौत का कारण कैंसर है। हर साल 4 फरवरी को विश्‍व कैंसर दिवस मनाया जाता है इसका लक्ष्‍य ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक करना है। कैंसर के कई प्रकार हैं आपको ये बात जानकर हैरानी होगी कि अब तक 100 से भी ज्‍यादा कैंसर के प्रकारों को खोजा जा चुका है। हैरानी की बात यह है कि यह रोग महिलाओं की तुलना में पुरुषों को अधिक होता है। आइए हम आपको बताते हैं रैबडोमायोसरकोमा कैंसर के बारे में, कि इसके क्‍या लक्षण और कारण होते हैं।

क्‍या है रैबडोमायोसरकोमा कैंसर?

रैबडोमायोसरकोमा एक घातक कैंसर है, जिसमें मांसपेशियों में एक तरह का ट्यूमर हो जाता है। जिसमें मांसपेशियों में गांठ या सूजन हो जाती है जो धीरे-धीरे बढ़ती जाती है। यह इसका मुख्‍य लक्षण है। कहा जा सकता है कि यह एक मांसपेशियों की कोशिकाओं का कैंसर है। इस बात का अभी तक कोई प्रमाण नहीं है कि यह कैंसर कोशिकाओं में कैसे उत्‍पन्‍न होता है। आमतौर पर यह घातक कैंसर 19 साल से कम उम्र के बच्‍चों में होने वाली बीमारी है। रैबडोमायोसरकोमा मांसपेशियों के ऊतकों में कोशिकाओं में उत्‍पन्‍न होता है। यह एक प्रकार का सारकोमा है जो मांसपेशियों में शुरू होता है और हड्डियों से जुड़ा होता है। यह शरीर को हिलाने में मदद करता है। कुल मिलाकर यह कैंसर तीसरा सामान्‍य बचपन का कैंसर है।

रैबडोमायोसरकोमा कैंसर के कारण और लक्षण

इस बात का कोई प्रमाण नहीं है लेकिन माना जाता है कि कोशिकाओं के डीएनए में कुछ बदलाव के कारण कैंसर उत्‍पन्‍न होता है। रैबडोमायोसरकोमा कैंसर ज्‍यादातर व्‍यक्ति के सिर या गदर्न पर होता है। इस कैंसर में रोगी को सिरदर्द, आंखों का बाहर आना या आंक फड़कना, नाक व कान से खून आना, आंखों में सूजन होना और गले से रक्तस्राव होता है। कुछ लोगों को मल त्यागने या मलाशय में रक्तस्राव जैसे लक्षण होते हैं। जिस जगह पर य‍ह कैंसर होता है वहां पर गांठ बनना या बिना चोट के दर्द महसूस होता है। रीढ़ की हड्डी के पास ट्यूमर कपाल तंत्रिका से संबंधित समस्याओं के अलावा रैबडोमायोसरकोमा कैंसर के कई लक्षण हैं।

रैबडोमायोसरकोमा कैंसर के प्रकार

रैबडोमायोसरकोमा कैंसर के तीन प्रकार के होते हैं-

रैबडोमायोसरकोमा बच्‍चों में होने वाला सामान्‍य प्रकार का कैंसर है जो बच्‍चों के कोमल ऊतकों में पाया जाता है। इस कैंसर के तीन प्रकार हैं।

भ्रूण- भ्रूण में रैबडोमायोसरकोमा कैंसर होना सबसे आम प्रकार है। यह जन्‍म के 4 साल की उम्र के बीच बच्‍चों में सबसे ज्‍यादा होता है। इसमें सिर, गर्दन, जननांगों या फिर मलाशय की जगह यह कैंसर सबसे अधिक होता है।

अल्वेलर- इसमें रैबडोमायोसरकोमा कैंसर हाथ, पैर, छाती, पेट या जननांग की जगह होता है। यह रैबडोमायोसरकोमा कैंसर का दूसरा सबसे आम प्रकार है और जन्म से 19 वर्ष के बीच के बच्चों में पाया जाता है। यह टीनएजर्स और युवा वयस्कों में देखा जाने वाला कैंसर है। 

एनाप्लास्टिक- एनाप्लास्टिक रैबडोमायोसरकोमा कैंसर एक दुर्लभ रूप है। यह बच्‍चों की तूलना वयस्‍कों में ज्‍यादा देखने को मिलता है।

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रैबडोमायोसरकोमा कैंसर का उपचार

सर्जरी- रैबडोमायोसरकोमा कैंसर में सर्जरी एक सबसे मुख्‍य उपचार है और ट्यूमर के लम्‍बे समय के नियंत्रण का सबसे अच्छा उपाय है। सर्जरी ट्यूमर के आकार और जगह पर निर्भर करती है। अगर बिना नुकसान के संभव हो तो रैबडोमायोसरकोमा के ट्यूमर को निकालने के लिए पहला इलाज सर्जरी ही है।

रेडिएशन थेरेपी-  रेडिएशन थेरेपी का उपयोग ट्यूमर को सिकोड़ने के लिए किया जा सकता है, जिसमें ट्यूमर का साइज छोटा करने का प्रयास किया जाता है। फिर कैंसर कोशिकाओं को हटाने के लिए सर्जरी की जाती है।

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कीमोथेरेपी-  रैबडोमायोसरकोमा कैंसर में कीमोथेरेपी भी इलाज के रूप में किया जाता है और ट्यूमर को हटाने का प्रयास किया जाता है। इसमें से 80 प्रतिशत ट्यूमर का आकार में कम हो जाता है। इसके अलावा उपचार के अन्य तरीकों में इम्यूनोथेरेपी दवाओं का भी उपयोग किया जा रहा है।

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