उम्र बढ़ने पर क्यों कम होने लगता है त्वचा का लचीलापन (Skin Elasticity)? जानें इसके कारण

उम्र बढ़ने के साथ आपकी त्वचा में लचीलापन घटने लगता है और ढीलापन बढ़ने लगता है, जानें ऐसा क्यों होता है।
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उम्र बढ़ने पर क्यों कम होने लगता है त्वचा का लचीलापन (Skin Elasticity)? जानें इसके कारण

स्मूद (Smooth) और हेल्दी त्वचा की चाह तो सबको होती है। हम अपनी त्वचा को जवान बनाए रखने के लिए न जाने कितने प्रकार के अगड़म-तिगड़म आजमाते हैं, लेकिन अनजाने में हम कुछ ऐसी गलतियां कर जाते हैं जिनका हमे अंदाज़ा भी नहीं होता और उनका खामियाजा आगे जाकर बुढ़ापे में भुगतना पड़ सकता है। कम उम्र में ही त्वचा का सही से ध्यान ना दिया जाए तो आगे चलकर शर्मिंदगी और हीन भावना का शिकार बनना पड़ सकता है। बुढ़ापे में स्किन की सबसे बड़ी समस्या स्किन इलास्टिसिटी (Skin Elasticity) यानी लोच की कमी होना माना जाता है। हम अक्सर अपने दादा-दादी की त्वचा में ढ़ीलापन महसूस करते हैं। उनकी त्वचा उम्र के साथ-साथ ढ़ीली होने लगती है। केवल चेहरे की ही त्वचा नहीं बल्कि भुजा, कान और पैरों की त्वचा भी ढीली होने लगती है। इयर लोब्स ढीले और भारी होकर नीचे की ओर झुक जाते हैं। चेहरे पर झुर्रियां आने लगती हैं। माथे पर रेखाएं दिखने लगती हैं। आंखो के नीचे की स्किन ढीली और खिंची हुई लगती है। चेहरे पर रिंकल्स (Wrinkles) आने लगते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ त्वचा अपनी इलास्टिसिटी खोने लगती है।

हमारी त्वचा में पाए जाने वाले कोलेजन (Collagen) और इलास्टिन (Elastin) जवान उम्र में त्वचा को टाइट और एक साथ जोड़ के रखते हैं। लेकिन यही तत्व ओल्ड एज में ढीले पड़ जाते है। जिसकी वजह से स्किन आपस में जुड़कर नहीं रह पाती और अपनी इलास्टिसिटी यानी लोच खो देती है। स्किन इलास्टिसिटी बरकरार रहने से त्वचा अपने आप ही दुरूस्त हो जाती है। त्वचा में पड़ने वाले खिंचाव से यह लोच हमें बचाता है और कई प्रकार के नुकसान से खुद ब खुद उभर जाता है। लेकिन यही क्षमता जब त्वचा में और नहीं रह जाती तो इसका अर्थ यह होता है कि त्वचा की इलास्टिसिटी अब कमज़ोर पड़ गई है। इसे एलास्टोसिस भी कहा जाता है। कई बार किसी बीमारी या किसी प्रकार के त्वचा विकार के चलते एलास्टोसिस युवाओं में भी हो जाता है। लेकिन अधिकांश यह ओल्ड एज में ज़्यादा होता है। ओल्ड एज में त्वचा में ढीलापन आना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। इसके पीछे कई कारण होते है।

आइए जानते है ओल्ड एज में क्यों होती है स्किन इलास्टिसिटी कम

सन एक्स्पोज़र (Sun Exposure)

स्किन इलास्टिसिटी (Skin Elasticity) के कम होने का सबसे बड़ा कारण होता है सन एक्स्पोज़र (Sun Exposure)। सूरज की हानिकारक यूवी रेज़ हमारी त्वचा पर सबसे ज़्यादा बुरा असर डालती है। हमें इस बात का एहसास तक नहीं होता कि सूरज की किरणें हमारी त्वचा के लिए कितनी नुकसानदायक साबित हो सकती हैं। धूप में अधिक समय तक रहने से यूवी रेज़ (UV Rays) हमारी त्वचा के अंदर तक जाकर स्किन को डैमेज करती हैं। यह इलास्टिन और कोलेजन को तोड़कर ढीला बना देती है। सन एक्स्पोज़र के डैमेज से उभरना त्वचा के लिए बहुत मुश्किल होता है। ज़्यादा डैमेज से स्किन कैंसर का भी खतरा बढ़ सकता है। इससे बचने के लिए सही तरह की सनस्क्रीन का इस्तेमाल किया जाना चाहिए अन्यथा स्किन जल्दी ही अपनी इलास्टिसिटी खो देती है। 

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जेनेटिक (Genetic)

कई बार इलास्टोसिस जेनेटिक्स भी हो सकते हैं। आपके माता-पिता में जिस उम्र में स्किन इलास्टिसिटी  कम होने लगी थी उसी उम्र में संभव है कि आप भी अपनी स्किन इलास्टिसिटी खोने लगें। जीन्स का शरीर पर बहुत असर होता है। हमारे माता-पिता से कई अच्छी बुरी चीज हमें जेनेटिक मिलती है। ऐसे में कई बार स्किन इलास्टिसिटी भी जेनेटिक्स हो सकती है। 

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डिहाइड्रेशन (Dehydration)

स्किन का हाइड्रेट रहना बहुत ज़रूरी है। अगर स्किन को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिलता तो वह बीमार होने लगती है। डीहाइड्रेशन के कारण त्वचा पर डार्क सर्कल (Dark Circles) और डलनेस (Dullness) यानी मंदता आने लगती है। साथ ही पानी की कमी से स्किन अपनी इलास्टिसिटी  भी जल्दी खोने लगती है। उपयुक्त मात्रा में पानी ना मिलने से इलास्टिन कमज़ोर (Weak Elastin) पड़ने लगते हैं और अपनी पकड़ खोने लगते हैं। इससे प्री मैच्योर एजिंग होती है। समय से पहले ही चेहरे पर झुर्रियां आने लगती हैं। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि हम अपनी स्किन की प्यास बुझाते रहें और इसे हेल्दी रखने के लिए ढेर सारा पानी पिलाएं। 

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प्रदूषण (Pollution)

स्किन की इलास्टिसिटी को कम कर देने का पर्यावरण भी एक प्रमुख कारण है। पर्यावरण में मौजूद हानिकारक गैस हमारी त्वचा को अंदरूनी तौर पर नुकसान पहुंचती है। यह नुकसानदायक गैस त्वचा की अंतरतम परत तक जाकर कोलेजन को टूटने पर मजबूर करती है। ऐसे में त्वचा ढीली पड़ने लगती है। प्रदूषण के कारण स्किन अपनी स्थिरता खो देती है। कार्बन मोनआक्साइड जैसी गैस त्वचा में घुसकर त्वचा के छिद्र को ब्लॉक कर देती है। हमारी त्वचा पर्यावरण में मौजूद हानिकारक तत्वों को अंदर तक सोखती है, जिसका खामियाजा आगे जाकर भुगतना पड़ता है। प्रदूषण से स्किन डल और कमज़ोर दिखने लगती है। त्वचा अपना असली निखार खो देती है। इससे अवांछित झुर्रियां आने लगती हैं। इसलिए चेहरे को मस्क या स्कार्फ से ढकना आजकल बहुत ज़रूरी हो गया है। 

व्यक्तिगत देखभाल की कमी (Lack of Personal Care)

भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अपना अच्छे से खयाल नहीं रख पाते। जो काम हमारे शारीरिक विकास के लिए ज़रूरी होता है उसे ही नजरअंदाज करते हैं। व्यक्तिगत देखभाल की पूर्ति ना होने से भी इलास्टिसिटी कम होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि अच्छा आहार का सेवन नहीं करने के कारण त्वचा को ज़रूरी पोषक तत्वों की प्राप्ति नहीं हो पाती है, जिसके कारण त्वचा में ताज़गी नहीं रहती। डल होने की वजह से स्किन पर झुर्रियां आने लगती हैं। इसके साथ ही लोग धूम्रपान के कारण भी अपनी टाइट त्वचा में इलास्टिसिटी  कम कर लेते हैं।  सिगरेट का धुंआ त्वचा को अंदर से नुकसान पहुंचता है और ढीला बनाता है। यही कारण है कि देखभाल की कमी से भी स्किन इलास्टिसिटी में कमी आती है। 

अन्य कारण 

स्किन इलास्टिसिटी के अन्य भी कारण होते हैं, जो ओल्ड ऐज में स्किन इलास्टिसिटी  को कम करने में अपना योगदान देते हैं। जैसे कि हृदय रोग, लिवर रोग, दवाईयो का दुष्प्रभाव। साथ ही तनाव भी इलास्टोसिस का सबसे बड़ा कारण है। अधिक तनाव लेने से चेहरे पर रेखाएं आने लगती हैं। माथे पर झुर्रियां आने लगती हैं। लंबे समय तक नींद का पूरा ना होना भी त्वचा को ढीला बनाने में एक प्रमुख कारण है। सोते समय हमारी त्वचा अपने आप की मरम्मत करती है। ऐसे में अगर नींद पूरी ना हो तो इस प्रक्रिया में बाधा आती है और स्किन दिन भर की थकान से हील नहीं हो पाती। मोटापा भी इलास्टिन और कॉलेजेन की स्थिर्ता को तोड़ने का काम करता है। अधिक चर्बी त्वचा में मौजूद इलास्टिन और कॉलेजेन को ढीला कर देती है। 

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स्किन इलास्टिसिटी बरकरार रखने के लिए टिप्स

ओल्ड एज में स्किन इलास्टिसिटी कम होना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। यह बुढ़ापे में होना निश्चित है। लेकिन कम उम्र में ही कुछ बचाव और उपाय करने से हम काफी समय तक इलास्टोसिस को रोक सकते हैं और बुढ़ापे में भी हेल्दी त्वचा बनाए रख सकते हैं।

  • रोज़ाना नियमित रूप से व्यायाम करें और योगा को अपने मॉर्निंग रुटीन में शामिल करें।
  • शरीर में पानी की कमी ना होने दें। स्किन को हाइड्रेट रखें।
  • हेल्दी स्किन के लिए ज़रूरी पोषक तत्व जैसे विटामिन-ई सी और ए का सेवन करें। 
  • जंक फूड के सेवन से दूरी बनाएं। 
  • चेहरे का खास ध्यान रखें। धूल मिट्टी चेहरे पर ना जमे इसलिए दिन में दो बार चेहरे को धोएं।
  • 6 से 7 घंटे की नींद अवश्य लें।
  • बाहर निकालने से पहले सन एक्सपोज्ड एरियाज जैसे हाथ पैर गला और मुंह पर सनस्क्रीन ज़रूर लगाएं।
  • धूम्रपान से बचें।
  • हफ्ते में एक से दो बार चेहरे पर हल्दी- एलोवेरा का लेप लगाएं। आप अपनी पसंद के अनुसार कोई भी प्राकृतिक लेप लगा सकते हैं। 
  • शरीर की मसाज करें ताकि स्किन टाइट बनी रहे। 

स्किन इलास्टिसिटी कमजोर या कम होने पर आप इस लेख में दी गई टिप्स को अपनाकर आसानी से अपनी इलास्टिसिटी को मेनटेन कर सकते हैं। 

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