क्या आपका बच्चा करता है आपसे बहुत कम बात? समझें क्या हो सकते हैं कारण

बच्‍चा अचानक से आपसे बात करना बंद कर चुका है, तो इसके पीछे आपकी कुछ गलत‍ियां हो सकती हैं। जानते हैं इनके बारे में। 
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क्या आपका बच्चा करता है आपसे बहुत कम बात? समझें क्या हो सकते हैं कारण

बच्‍चों की सेहत की तरह ही उनकी सही परवर‍िश भी जरूरी है। अच्‍छी परवर‍िश के सहारे वे अपने जीवन के लक्ष्‍यों को पूरा कर सकते हैं। अच्‍छी परवर‍िश तभी सफल हो सकती है जब आप बच्‍चे को अच्‍छी आदतें स‍िखाए और वो उन्‍हें अपनी आदतों में ढाल लें। बच्‍चे आपकी बात मानें, इसके ल‍िए उनसे बात करना जरूरी है। यानी परवर‍िश में संवाद एक महत्‍वपूर्ण भूम‍िका न‍िभाता है। कई बच्‍चे माता-प‍िता के साथ खुलकर अपने मन की बात शेयर करते हैं, तो कुछ उनसे ज्‍यादा बात करना पसंद नहीं करते। जो बच्‍चे पैरेंट्स से बात नहीं करते वो धीरे-धीरे शांत हो जाते हैं। अब आप सोच रहे होंगे, क‍ि आख‍िर क्‍यों बच्‍चे माता-प‍िता से बातचीत कम कर देते हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं ज‍िनके बारे में हम आगे बात करेंगे।   

why my child is quit

बच्‍चे को हर समय डांटना 

अगर आप बच्‍चे को हर छोटी-छोटी बात पर टोकते और डांटते हैं, तो उसका स्‍वभाव आपके प्रत‍ि नकारात्‍मक बन जाता है। ऐसे बच्‍चे माता-प‍िता से कुछ भी बोलने या शेयर करने में डर महसूस करने लगते हैं। हर माता-प‍िता चाहते हैं क‍ि बच्‍चा उनकी बात मानें। लेक‍िन आप सोच रहे हैं क‍ि डरा-धमकाकर बच्‍चे को काबू में कर लेंगे, तो ये तरीका सही नहीं है। 

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बच्‍चे के ल‍िए समय न न‍िकालना 

अपने बच्‍चे को समय देना जरूरी है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो बच्‍चा आपसे बात करना धीरे-धीरे बंद कर देगा। बच्‍चे द‍िनभर में बहुत कुछ देखते हैं ज‍िससे जुड़ी ढेर सारी बातें वो करना चाहते हैं। बच्‍चों के ल‍िए समय न‍िकालें। उनसे बात करें, उनकी समस्‍याओं को सुनें। इस तरह आप उनके खास बन सकते हैं।

बच्‍चों की प्राथम‍िकता न समझना 

कई माता-प‍िता अपनी सहूल‍ियत के मुताब‍िक घर और बच्‍चों से जुड़े फैसले लेते हैं। लेक‍िन वो बच्‍चे से उसकी मर्जी पूछना भूल जाते हैं। आपको बच्‍चों की प्राथम‍िकता को भी अहम‍ियत देनी चाह‍िए। बच्‍चों के ल‍िए फैसलों पर भी व‍िचार करें और उन्हें सही फैसले लेने पर शाबाशी दें। 

बच्‍चों के सवालों के जवाब न देना 

बच्‍चे स्‍वभाव से उत्‍सुक होते हैं। वो जब भी कोई नई चीज देखते हैं, तो उससे जुड़े सवालों में उलझ जाते हैं। बच्‍चों के मन में उठ रहे सवालों के जवाब प्‍यार से दें। कई बार पैरेंट्स बच्‍चों के सवाल पूछने की आदत से च‍िड़च‍िड़ा जाते हैं और उन्‍हें कठोरता से जवाब देते हैं। इस आदत का बुरा असर बच्‍चों के मन पर पड़ता है और वो धीरे-धीरे शांत हो जाते हैं। 

माता-प‍िता को क्‍या करना चाह‍िए?

  • सबसे सरल तरीका बताएं, तो गुमसुम बच्‍चों को खुश करने के ल‍िए उन्‍हें हफ्ते में कम से कम एक बार बाहर लेकर जाएं। 
  • घूमने से बच्‍चों का माइंड फ्रैश हो जाता है और उनके प्रत‍ि अपना प्‍यार जताने का ये एक अच्‍छा तरीका भी है। 
  • बच्‍चों के साथ गेम्‍स खेलें। खेल-खेल में बच्‍चे के मन में छुपी बात ढूंढने का प्रयास करें। कभी-कभी खेल के दौरान बच्‍चे अपनी समस्‍याओं को उजागर कर देते हैं।
  • अगर बच्‍चा आपसे बात नहीं करता है, तो उसके साथ अपने व्‍यवहार को बदलें। बच्‍चे से मजाक करें, उसके ल‍िए सरप्राइज प्‍लान करें।
  • बच्‍चे को काउंसलर के पास लेकर जाएं। कई बार बच्‍चे तनाव का श‍िकार हो जाते हैं ज‍िसका इलाज तुरंत करवाना चाह‍िए।

हमें उम्‍मीद है क‍ि इन ट‍िप्‍स को फॉलो करके आपका बच्‍चा पहले की तरह बातें करने लगेगा। लेख पसंद आया हो, तो शेयर करना न भूलें।      

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