
Sleep Tricks That Work: आज हम एक ऐसी समस्या के बारे में बात करेंगे, जो बहुत कॉमन है और लगभग सभी ने इसका अनुभव कभी न कभी किया ही होगा। यह है सोने की समस्या या अनिद्रा। बचपन के वे दिन बहुत याद आते हैं जब बेफिक्र होकर हम आराम से सोया करते थे। न जल्दी उठने की टेंशन होती थी और न देर तक जागने का कोई कारण। जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं, जिम्मेदारियां बढ़ती हैं और रूटीन बदलता है। ऐसे में नींद पर इसका असर पड़ना लाजमी है। न जाने कितने ही लोग अनिद्रा के कारण बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। डायबिटीज, थायराइड, मोटापा आदि बीमारियां, अनिद्रा से जुड़ी हुई हैं। अगर आप भी जल्दी सोना चाहते हैं पर नींद नहीं आती, तो आज हमारे पास आपके लिए कुछ खास है। प्रख्यात वेलेनस कॉच ल्यूक कॉन्टिनहो (Luke Coutinho) ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए एक पोस्ट शेयर की है। इसमें उन्होंने सोने का आसान तरीका बताया है। केवल दिमाग को ट्रेनिंग देकर आप सो सकते हैं या जीवन में कोई भी कठिन काम, दिमाग से आसानी से करवा सकते हैं। तो चलिए फिर देर किस बात की, जानते हैं जल्दी सोने की आसान ट्रिक।
एंकर की मदद से आएगी अच्छी नींद
ल्यूक ने सोने की जो तरीका शेयर की है उसका नाम है एंकर (Anchor)। एंकर का मतलब है एक यकीन, सोच या धारणा। अब अगर हम यह कहें कि एंकर को बनाया कैसे जाता है, तो यह बेहद आसान है। किसी आदत को सोच के साथ मिलाकर एंकर तैयार किया जाता है। उदाहरण की मदद से इसे समझें- आप हर दिन ब्रश करके ही नाश्ता करते हैं। यह आदत आपके मुंह के बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करती है। ब्रश करना ओरल हेल्थ के लिए फायदेमंद है इस सोच पर यकीन करते हुए आप ब्रश करते हैं और तभी कुछ खाते हैं। बस यही तकनीक सोने के मामले में भी फॉलो करना है।
ल्यूक फॉलो करते हैं सोने का यह रूटीन
ल्यूक के मुताबिक, सोने से पहले वह लाइट कम कर देते हैं। फोन को बंद कर देते हैं। ब्रश करते हैं, पढ़ते हैं, प्रार्थना करते हैं। इसके बाद जर्नल लिखते हैं या मेडिटेशन करते हैं। इसके बाद ल्यूक अगले दिन किए जाने वाले कार्यों की सूचि बनाते हैं। फिर वह सो जाते हैं। इस रूटीन को ल्यूक एंकर भी कहते हैं। ऐसा इलसिए है क्योंकि इस रूटीन को फॉलो करके ही वह अपने ब्रेन के साथ संपर्क बना पाते हैं और ब्रेन को यह समझा पाते हैं कि उन्हें कब सोना है। दिमाग भी इस रूटीन के साथ ढल जाता है और सोने में मदद करता है।
गहरी नींद के लिए बनाएं स्लीप रूटीन- Build A Sleep Routine
अच्छी नींद के लिए दिमाग को एक तय रूटीन में डालें। इसे फॉलो करके आप सो पाएंगे। आप जैसे ही एक्शन को एंकर के साथ जोड़ेंगे, सबकॉन्शियस माइंड को कंट्रोल कर पाएंगे। अंधेरे में खाना खाने के दौरान भी हाथ मुंह की ओर ही जाता है। यह भी एक तरह की ट्रेनिंग है जिसे सबकॉन्शियस माइंड फॉलो करता है। इसी तरह आप किसी भी आदत में सुधार कर सकते हैं। चाहे वो सोना हो या हेल्दी खाना हो या कुछ और।
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हफ्ते भर में दिखने लगेंगे परिणाम
प्रैक्टिस करने के साथ, इस तरह के एंकर ब्रेन के साथ एक न्यूरो कनेक्शन बना लेंगे। यानी जैसे ही आप एंकर या तय काम को करेंगे, आपके ब्रेन को यह संदेश मिलेगा कि अब सोने का समय हो गया है। एक हफ्ते तक इस तकनीक को करते रहने से आपको जल्दी ही फर्क देखने को मिलेगा। अपने मुताबिक इसमें सोने का कोई भी समय और एंकर फिट कर सकते हैं।
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बेड पर खाना क्यों नहीं खाना चाहिए?- Avoid Eating Food on Bed
ल्यूक ने बताया कि जो लोग बेड पर बैठकर काम करते हैं या खाना खाते हैं, उन्हें अपनी आदत बदल लेनी चाहिए। ऐसा करने से दिमाग को संदेश मिलता है कि बेड पर खाया या काम किया जा सकता है। जबकि बेड केवल सोने के लिए है। शायद अनिद्रा का यह एक बड़ा कारण हो सकता है। किसी भी बुरी आदत को फॉलो करने के कारण दिमाग एक तय न्यूरल पॉथ बना लेता है। बुरी आदतों को खत्म करना मुश्किल है। लेकिन आप नई अच्छी आदतों को जरूर बना सकते हैं।
ल्यूक ने इस तकनीक के बारे में बताते हुए लिखा है कि यह बेहद कारगर तकनीक है। आप जितना ज्यादा इस तकनीक की प्रैक्टिस करेंगे, उतना यह बेहतर काम करेगी। आप भी इसे एक हफ्ते तक करके देखें और अपने अनुभव हमारे साथ साझा करें। इस लेख को शेयर करना न भूलें।