भारत में डायबिटीज के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। यह लाइफस्टाइल से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है, जिसका कोई इलाज नहीं हैं। इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन (IDF) के आंकड़ों के अनुसार साल 2021 में दुनियाभर में इस लाइलाज बीमारी के कारण 67 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। इनमें ज्यादातर मरीज 20 से 35 साल की उम्र के थे। वहीं, भारत में 2.29 लाख से ज्यादा बच्चे और टीनएजर्स टाइप 1 डायबिटीज के मरीज हैं। डायबिटीज से पीड़ित मरीज को इसे कंट्रोल में करने के लिए इंसुलिन की जरूरत होती है। डॉक्टरों का मानना है कि हेल्दी लाइफस्टाइल और एक्सरसाइज को अपनाकर डायबिटीज को कंट्रोल में किया जा सकता है। हालांकि यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि डायबिटीज को नियंत्रण में रखने के लिए कुछ दालों का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
डायबिटीज कंट्रोल करने वाली दालें
कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, हाई प्रोटीन का बेस्ट सोर्स दालें ब्लड शुगर लेवल को नहीं बढ़ने देती हैं। इसलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं डायबिटीज के मरीजों को किन दालों का सेवन करना चाहिए।
चना दाल
दिल्ली में अपने निजी क्लीनिक पर प्रैक्टिस कर रहे डॉक्टर आर एस भदौरिया का कहना है कि दालों में घुलनशील और अघुलनशील डायट्री फाइबर होते हैं। शरीर में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। डॉक्टर का कहना है कि डायबिटीज के मरीजों को अपनी डाइट में चने की दाल को जरूर शामिल करना चाहिए। चने की दाल में ग्लाइसेमिक इंडेक्स 8 से कम होता है। चने की दाल का सेवन करने से शरीर को नई कोशिकाओं का निर्माण करने में मदद मिलती है, जिससे डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है।
मूंग दाल
मूंग की दाल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 38 होता है। यह शुगर लेवल को कंट्रोल करने और हार्ट प्रॉब्लम से बचने में मदद करती है। मूंग दाल में एंटी-डायबिटिक गुण पाए जाते हैं जो शुगर लेवल को कम करने में मददगार साबित होते हैं।
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उड़द दाल
चने और मूंग की तरह ही उड़द की दाल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी कम होता है। इस दाल में पाए जाने वाले मिनरल डेंसिटी के कारण यह ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद कर सकती है। नियमित तौर पर उड़द की दाल का सेवन करने से यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। साथ ही पेट दर्द, कब्ज से भी राहत दिलाने में मदद कर सकती है।
राजमा और छोले
राजमा और छोले दोनों ही कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले आहार हैं। इनमें कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फाइबर की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। जो डायबिटीज के मरीजों के लिए काफी अच्छा माना जाता है। डॉक्टर का कहना है कि डायबिटीज के मरीज सप्ताह में एक या दो बार छोले और राजमा का सेवन कर सकते हैं।
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साबुत मसूर की दाल
इस दाल में एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यही कारण है कि डॉक्टर कैंसर, हार्ट प्रॉब्लम और डायबिटीज के मरीजों को साबुत मसूर की दाल खाने के लिए कहते हैं। पॉलीफेनोल्स और अन्य बायोएक्टिव तत्वों से भरपूर साबुत मसूर की दाल खाने से यह पेट को लंबे समय तक भरा हुआ रखने में भी मददगार होता है।
इन दालों के अलावा डायबिटीज के मरीज ब्लड शुगर लेवल को कम करने के लिए तुअर दाल, लोबिया, सोयाबीन जैसी चीजों को भी अपने खाने में शामिल कर सकते हैं। डायबिटीज के मरीजों को यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि हर इंसान का शरीर और उसकी पाचन क्रिया अलग होती है। इसलिए अपनी डाइट में कुछ भी जोड़ने या घटाने से पहले एक बार डॉक्टर या डाइटिशियन की सलाह जरूर लें।
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