लोगों ने बताया PUBG गेम कैसे प्रभावित कर रहा है उनका स्वास्थ्य, एक्सपर्ट से जानें गेम एडिक्शन के खतरे

PUBG के रूप में बच्‍चों और युवाओं के बीच लोकप्रिय यह वर्चुअल गेम पिछले कुछ दिनों में काफी सुर्खियां बटोरी हैं। एक तरफ लोगों इस खेल की लोकप्रियता बढ़ रही है तो वहीं दूसरी तरफ इस गेम को लेकर कई स्‍वास्‍थ्‍य चिंताएं भी उजागर हुई हैं। PUBG एक मल्‍टीप्‍लेयर गेम है, यानी इसमें एक साथ कई खिलाड़ी हिस्‍सा ले सकते हैं। 
  • SHARE
  • FOLLOW
लोगों ने बताया PUBG गेम कैसे प्रभावित कर रहा है उनका स्वास्थ्य, एक्सपर्ट से जानें गेम एडिक्शन के खतरे

PUBG (Player Unknown's Battleground) के रूप में बच्‍चों और युवाओं के बीच लोकप्रिय यह वर्चुअल गेम पिछले कुछ दिनों में काफी सुर्खियां बटोरी हैं। एक तरफ लोगों में इस खेल की लोकप्रियता बढ़ रही है तो वहीं दूसरी तरफ इस गेम को लेकर कई स्‍वास्‍थ्‍य चिंताएं भी उजागर हुई हैं। PUBG एक मल्‍टीप्‍लेयर गेम है, यानी इसमें एक साथ कई खिलाड़ी हिस्‍सा ले सकते हैं। लेकिन इसके एडिक्‍शन के बाद मिल रही प्रतिक्रियाओं के अनुसार, इससे जुड़े खिलाड़ी कई स्वास्थ्य समस्‍याओं का सामना कर रहे हैं। ऐसा, लगातार कई घंटों तक गेम में लिप्‍त रहने की वजह से है।

बढ़ती लत और स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍ओं को देखते हुए खेल के निर्माताओं ने हाल ही में एक नई पहल शुरू की है, जिसमें उन्‍होंने 6 घंटे का समय निर्धारित कर दिया है, यानी अब कोई भी खिलाड़ी 6 घंटे से ज्‍यादा देर इस गेम को नहीं खेल सकता, क्‍योंकि 6 घंटे के बाद एक हेल्‍थ नोटिफिकेशन आ जाएगा, जिसके बाद गेम अपने आप बंद हो जाएगा।

  

PUBG से प्रभावित लोगों ने बताई सच्‍चाई 

हमने अपने व्‍यक्तिगत अनुभवों के लिए PUBG खिलाड़ियों से बात की और उन्‍हों ने इससे होने वाले स्‍वास्‍थ्‍य समस्याओं और परिवर्तनों के बारे में विस्‍तार से बातचीत की। जिसमें PUBG प्रशंसकों ने एक विस्तृत बातचीत में कई बातें बताई हैं:  

दिल्ली के रहने वाले 24 वर्षीय गौरव ने बताया कि खेल विशेष रूप से किसी भी विशिष्ट हानिकारक प्रभाव को जन्म नहीं देता है। लेकिन उन्‍होंने कुछ व्यवहार परिवर्तनों का अनुभव किया है। जैसा कि खेल में हिंसा (लड़ाई) शामिल है, जोकि एक आक्रामक व्यवहार विकसित कर सकता है। इसी तरह, गौरव ने अधिक आक्रामकता पर ध्यान दिया। लेकिन खिलाड़ी ने यह भी समझाया कि उसने हिंसक प्रवृत्ति को प्रमुखता से अनुभव किया है, खासकर तब, जब वह गेम खेलते समय किसी तकनीकी गड़बड़ी का सामना करना पड़ता है।

इसके अलावा अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है जो कि मोबाइल फोन के लंबे समय तक उपयोग के कारण होते हैं जैसे आँखों या हाथों में दर्द। गौरव दिन में कई घंटे लगातार गेम खेलता है और अपनी नींद से भी समझौता करता है और पूरी रात लगातार गेम खेलता है। जिसके कारण गौरव के सोने के तरीके को खासतौर से प्रभावित किया है। 

दिल्‍ली के ही रहने वाले एक अन्‍य खिलाड़ी रोहन, जो 21 साल का है, जो इस गेम में रोजाना 6-7 घंटे बिताता है, उसे लगातार सिरदर्द और आंखों में दर्द होता है। रोहन ने अपने व्यवहार में किसी भी बदलाव की सूचना नहीं दी। लेकिन वह शुरू में खेल के आदी हो गए और अपना अधिकतम समय खेल खेलने में बिताया। अब वह लगातार सिरदर्द के कारण खेल नहीं खेलता है। 

यह बड़ी संख्या में बच्चों, किशोरों के साथ-साथ वयस्कों में देखा गया कि उन्हें कुछ ही दिनों में खेल की लत लग गई जिससे उन्हें खेल खेलने में अपना अधिकतम समय व्यतीत करना पड़ा। तमन्ना ने बातचीत में बताया कि, उसके परिवार के अधिकांश सदस्य अलग-अलग आयु वर्ग के खेल में शामिल हैं। उसके परिवार के सभी बच्चे और वयस्क PUBG खेलकर अपना खाली समय व्यतीत करते हैं। उसने खुलासा किया कि लोग किसी प्रोग्राम का हिस्‍सा बनने के बजाए या किसी तरह की शारीरिक गतिविधि में शामिल होने के बजाय, घर के बच्चे स्कूल से लौटने के बाद PUBG खेलते हैं। इसी तरह, घर के वयस्क ऑफिस में एक थका देने वाले दिन के बाद भी खेल में खुद को शामिल करते हैं। 

इन सभी लोगो के बात करने के बाद यह कह सकते हैं कि, PUBG कई तरह से हमारे स्‍वास्‍थ्‍य पर प्रभाव डालता है:  

  • यह खेल प्रमुख रूप से किसी व्यक्ति के सोने के पैटर्न को प्रभावित करता है। अपर्याप्त नींद, मोटापा, उच्च रक्तचाप और हृदय रोगों जैसे कई पुरानी और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा सकती है। 
  • एक और कमी जो लगभग हर खिलाड़ी अनुभव करता है वह है मोबाइल फोन के लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण आंखों में दर्द। 
  • एडिक्‍शन एक अन्य कारक है जो किसी की दिनचर्या में बड़े बदलाव की ओर ले जाता है। एडिक्‍शन शारीरिक गतिविधियों की कमी की ओर जाता है, खासकर बच्चों में। यह किसी के सामाजिक संपर्क को भी कम करता है।  

क्‍या है एक्‍सपर्ट की राय 

बाद में हमने शारदा मेडिकल कॉलेज, ग्रेटर नोएडा के प्रोफेसर डॉक्‍टर कुणाल कुमार से बातचीत की, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि इस खेल में हिंसा शामिल है, जिसके परिणामस्वरूप किसी व्यक्ति की आक्रामक प्रकृति हो सकती है और बच्चे ऐसी चीजों के प्रति अधिक परिचित होते हैं। खेल पर अत्यधिक निर्भरता और खेल में शामिल हिंसा के कारण उनके व्यक्तित्व में परिवर्तन के कारण बच्चे अपने शैक्षणिक प्रदर्शन में गिरावट का सामना कर सकते हैं। यह बच्चों को असामाजिक भी बनाता है।

खेल की लत एक अन्य प्रमुख चिंता का विषय भी है क्योंकि अगर आप किसी बच्चे को PUBG खेलने से रोकते हैं तो वह खेल की लत के कारण चिंतित हो सकता है। ऐसी स्थिति में खेल पर पूर्ण प्रतिबंध से मदद नहीं मिलेगी। आप अपने बच्चे को तुरंत PUBG खेलने से नहीं रोक सकते। माता-पिता को अपने बच्चे के खेलने के समय को धीरे-धीरे कम करना चाहिए। 

आजकल माता-पिता सोशल मीडिया पर ज्‍यादा समय बिताते हैं। इसके बजाय अपने बच्चे के जीवन में अधिक शामिल होना चाहिए। उन्हें अपने बच्चों को अधिक गुणवत्ता वाला समय देना चाहिए जो बहुत महत्वपूर्ण है और अपने बच्चों के साथ आमने-सामने बातचीत करें। उन्‍होंने यह भी कहा कि, बाद में यह लत एक जुनून बन जाती है। यदि यह जुनून में बदल जाता है तो किसी को चिकित्सा उपचार के बिना ठीक करना मुश्किल हो सकता है।

ऐसे में यदि आपको भी खेल की लत है तो आपको खेल पर खर्च होने वाले घंटों को कम करना चाहिए। इसके अलावा, अपने आप को अधिक शारीरिक और सामाजिक गतिविधियों में शामिल करने की कोशिश करना चाहिए।

ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप

Read More Articles On Miscellaneous In Hindi

Read Next

गर्मी में जल्दी-जल्दी लगती है प्यास? हो सकते हैं ये 5 कारण

Disclaimer