अवसाद के लिए मेडिटेशन को सबसे अच्छा माना जाता है, हालांकि व्यायाम भी बेहतर विकल्प है। लेकिन रूटर यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन के मुताबिक, सप्ताह में दो बार इन दोनों चीजों को करने से शरीर में कई अच्छे परिणाम देखे जा सकते हैं।
शोधकर्ताओं ने मेडिटेशन और एक्सरसाइज की संभावनाओं को समझने के लिए एक अध्ययन किया, जिसमें 22 ऐसे लोगों को शामिल किया गया जो जिनमें अवसाद के लक्षण दिखाई दे रहे थे, जबकि 30 ऐसे लोगों को भी अध्ययन में जोड़ा गया जो मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ थे। सभी प्रतिभागियों को 8 सप्ताह तक सप्ताह में 2 बार मानसिक और शारीरिक तौर पर बीहैव्यरल थेरैपी दी गई, जिसमें 30 मिनट मेडिटेशन क्लास दिया गया जहां ब्रिथिंग पर फोकस कराया गया।
इसके बाद उन्हें 30 मिनट तक एक्सरसाइज कराया गया, जहां अलग-अलग शारीरिक कसरत कराया गया। अंत में रिसर्च का जब रिजल्ट आया तो यह भरोसे के काबिल नहीं था। सभी प्रतिभागियों में 40 प्रतिशत तक अवसादग्रस्त लक्षण और नकारात्मक विचारों में कमी पाई गई थी। इसके अलावा बाकी चीजें जो भी थी वह काफी खतरनाक थी।
रूटर यूनिवर्सिर्टी के असिस्टेंट प्रोफेसर ब्रैंडन एल्डरमैन के अनुसार, अगर मेडिटेशन और एक्सरसाइज को जीवन में आत्मसात कर लिया जाए तो अवसाद और निगेटिव सोच जैसी समस्याओं से हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाए। यह सेहत के लिहाज से भी काफी बेहतर हो सकता है। "अच्छी खबर यह है कि किसी भी समय और बिना किसी कीमत पर इसका अभ्यास किया जा सकता है।"
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