बच्चों में उदासी और मायूसी हो सकते हैं सायकॉटिक डिप्रेशन के लक्षण, ये हैं 3 कारण

बच्चों को भी स्ट्रेस और डिप्रेशन की समस्या होती है। आधुनिकता के कारण हमारी जीवनशैली में इतना परिवर्तन आया है कि बच्चे खुद को बहुत अकेला महसूस करते हैं।
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बच्चों में उदासी और मायूसी हो सकते हैं सायकॉटिक डिप्रेशन के लक्षण, ये हैं 3 कारण

डिप्रेशन और टेंशन को आमतौर पर बड़ों की परेशानी माना जाता है क्योंकि लोगों को लगता है कि बचपन में किसी को क्या टेंशन हो सकती है। मगर आपको बता दें कि बच्चों को भी स्ट्रेस और डिप्रेशन की समस्या होती है। आधुनिकता के कारण हमारी जीवनशैली में इतना परिवर्तन आया है कि बच्चे खुद को बहुत अकेला महसूस करते हैं। इसके साथ ही उनके नाजुक कंधों पर हम बचपन से ही जिम्मेदारियों का इतना बोझ डाल देते हैं कि उनका बचपन धीरे-धीरे मरता रहता है।
हाल में वॉशिंगटन की यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कान्सिन-मैडिसन के शोधकर्ताओं ने कहा है कि बच्चों में डिप्रेशन की वजह से उनकी आने वाली जिंदगी भी प्रभावित होती है। जो बच्चे बचपन में ज्यादा डिप्रेशन और टेंशन में रहते हैं, वो बाद में भी पूरी जिंदगी परेशान रहते हैं। आइये आपको बताते हैं कि बच्चों में डिप्रेशन के क्या हैं लक्षण और कारण।

बच्चों में डिप्रेशन के लक्षण

  • चिड़चिड़ापन होना।
  • हर समय मायूस और दुखी रहना।
  • दोस्तों के बीच भी गुमसुम रहना।
  • छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करना।
  • व्यवहार में अचानक बदलाव आना
  • खाने-पीने में ज्यादा आनाकानी करना
  • पढ़ाई, खेलकूद में मन न लगना।
  • हर समय बेचैन रहना।
  • स्कूल से शिकायतें आना।
  • हर समय निगेटिव बातें करना।
  • आंखें और कान लाल रहना।
  • अकेलापन पसंद करना।

बच्‍चों में तनाव के कारण

  • आजकल बच्‍चे बड़े पैमाने पर तकनीक का इस्‍तेमाल बच्‍चे कर रहे हैं। तकनीक पर अत्‍यधिक निर्भरता बच्‍चों के तनाव की बड़ी वजह है। बच्‍चे आपस में ही इन सोशल साइट्स पर एक दूसरे से आगे बढने की होड़ में लगे रहते हैं।
  • स्‍कूल में पढ़ाई का ज्‍यादा दबाव भी बच्‍चों को डिप्रेशन में डाल रहा है। सिलेबस पूरा न कर पाने के कारण बच्‍चा तनाव में आ जाता है।
  • मां-बाप का दबाव भी बच्‍चों को तनाव में डालता है। बच्‍चों पर ज्‍यादा नंबर लाने का दबाव मां-बाप ही डालते हैं जिसके कारण बच्‍चा डिप्रेशन में आता है।
  • कभी-कभी माता-पिता अपने सपनों के लिए भी बच्‍चों पर दबाव डालते हैं।  अभिभावक यह सोचते हैं कि बच्‍चा उनके अधूरे सपनों को पूरा करेगा जिसके कारण भी बच्‍चा डिप्रेशन में आता है।
  • अगर बच्‍चा किसी प्रतियागिता में फेल हो जाता है तो उस पर अनायास ही दबाव डाला जाता है जो कि बच्‍चे को तनाव में लाता है। ज‍बकि यहां यह समझने की जरूरत है कि यह कोई जीवन का अंत नहीं बल्कि नए कल की शुरुआत है।
  • हाई क्‍लास की सुविधा पाने की इच्‍छा भी बच्‍चे को तनाव में लाता है। अक्‍सर बच्‍चे को इस बात का मलाल रहता है कि दूसरों के जैसा हाई लिविंग स्‍टैंडर्ड उसका क्‍यों नहीं है।
  • मां-बाप द्वारा बच्‍चे को ज्‍यादा समय न दे पाना भी बच्‍चो को डिप्रेशन में डालता है। ऐसे में बच्‍चा अपने को अकेला महसूस करता है।
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