ऐसी बहुत सी बीमारियां हैं जिन्हें आमतौर पर वयस्कों या बूढ़ों की बीमारी माना जाता है लेकिन आजकल की आरामफहम जीवनशैली और खान-पान की गलत आदतों के कारण ये बीमारियां छोटी उम्र में ही बच्चों को भी हो रही हैं। अब से कुछ साल पहले तक डायबिटीज, स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर और स्लीप एप्निया जैसी बीमारियां बड़ी उम्र के लोगों की बीमारियां मानी जाती थीं क्योंकि बच्चों में इन बीमारियों का प्रतिशत बहुत कम या लगभग शून्य था, मगर आजकल बच्चों में ये बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं और छोटे-छोटे बच्चे भी इन गंभीर बीमारियों से जूझते हुए नजर आते हैं।
मोटापा
हालांकि कुछ लोग मोटापा को बीमारी नहीं मानते हैं लेकिन इसे स्वस्थ शरीर की निशानी भी नहीं कहा जा सकता। मोटापा कई तरह की बीमारियों को जन्म देता है और खास बात ये है कि मोटापा से होने वाली बीमारियां बच्चों को जल्दी और ज्यादा प्रभावित करती हैं क्योंकि उनका शरीर रोग प्रतिरोधक क्षमता के मामले में वयस्कों से कमजोर होता है। अगर बॉडी मास इंडेक्स के हिसाब से देखें, तो भारत में मोटापे से ग्रस्त बच्चों की संख्या करोड़ों में है। कई बार ये अनुवांशिक भी होता है मगर आजकल फास्टफूड्स और फ्राइड फूड्स के ज्यादा खाने से भी मोटापा तेजी से बढ़ा है। इसके अलावा आजकल बच्चे फिजिकल एक्सरसाइज भी नहीं करते हैं। इस वजह से भी ये बीमारी तेजी से बढ़ रही है।
इसे भी पढ़ें:- बच्चों को भी हो सकती है हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या, ऐसे करें बचाव
हाई ब्लड प्रेशर
ब्लड प्रेशर बढ़ने की बीमारी को आपमें से ज्यादातर लोग बुढ़ापे की बीमारी मानते हैं लेकिन आजकल बच्चे भी इस बीमारी के गंभीर रूप से शिकार हो रहे हैं। चूंकि सामान्य स्थितियों में ब्लड प्रेशर थोड़ा बढ़ने का कोई भी लक्षण नजर नहीं आता है, इसलिए साल में एक-दो बार की जांच द्वारा इस पर नजर रखी जा सकती है। ब्लड प्रेशर की वजह से लिवर, किडनी और दिल की कई गंभीर बीमारियों का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।
टाइप 2 डायबिटीज
डायबिटीज भी आमतौर पर बड़ों की ही बीमारी मानी जाती है लेकिन ये अब तेजी से बच्चों में बढ़ रही है। इसका सबसे बड़ा कारण बच्चों में होने वाला मोटापा है। मोटापे की वजह से शरीर भोजन को पूरी तरह से ऊर्जा में नहीं बदल पाता है। इससे ब्लड में शुगर का लेवल बढ़ता है और शरीर की कोशिकाएं शरीर को नुकसान पहुंचाने लगती हैं। इससे बचाव के लिए बच्चों में शुरुआत से ही हेल्दी फूड्स और नियमित एक्सरसाइज की आदत डालनी चाहिए।
इसे भी पढ़ें:- बहाना नहीं बच्चों के पैरों में दर्द हो सकता है 'ग्रोइंग पेन', ये हैं कारण और लक्षण
फैटी लिवर
फैटी लिवर भी मोटापे से ही जुड़ी बीमारी है और आजकल बच्चों में बढ़ रही है। बड़ों में आमतौर पर एल्कोहल के कारण ये समस्या होती है मगर बच्चों में नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर तेजी से बढ़ा है। ये बीमारी भी डायबिटीज की ही तरह ब्लड में शुगर के लेवल से जुड़ी है। मोटापे में शरीर में फैट बढ़ता है। यही फैट जब लिवर के आसपास बढ़ना शुरू होता है तो लिवर बढ़ जाता है और उसमें सूजन आ जाती है। यही फैटी लिवर का कारण है। इससे बचाव के लिए भी मोटापा को कंट्रोल करना जरूरी है।
स्लीप एप्निया
स्लीप एप्निया नींद से जुड़ी बीमारी है और ये आमतौर पर उम्र दराज लोगों को होती है मगर अभी के समय में बहुत से बच्चे इस बीमारी की चपेट में आने लगे हैं। स्लीप एप्निया का मुख्य कारण बच्चों में टॉन्सिल का बढ़ जाना है। इसके कारण बच्चा नींद में खर्राटे लेने लगता है और कई बार रात में उसकी सांस भी रुक जाती है। इस बीमारी का मुख्य कारण भी मोटापा और गलत तरीके से सोना है। अगर बच्चा रोजाना स्वास्थ्यवर्धक चीजें खाए और एक्सरसाइज करे तो इस बीमारी के होने की संभावना बहुत कम हो जाती है।
स्ट्रोक
स्ट्रोक एक जानलेवा बीमारी है। हाल के समय में बहुत से बच्चों में इस बीमारी के संकेत भी देखने को मिले हैं और इसके कारण बहुत से बच्चों की जान भी गई है। ये बीमारी भी पहले बुजुर्गों या अधेड़ों की बीमारी समझी जाती थी मगर अब बच्चे भी इस बीमारी का शिकार बन रहे हैं। स्ट्रोक की स्थिति तब बनती है जब नसों में किसी अवरोध के कारण दिमाग तक पर्याप्त ब्लड नहीं पहुंच पाता है। इस बीमारी का भी मुख्य कारण बच्चों में बढ़ता मोटापा है।
ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप
Read More Articles On Child Health in Hindi
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version