प्रेग्नेंसी के लिए क्यों जरूरी है प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन? जानें इसे बढ़ाने के 4 नेचुरल उपाय

महिलाओं को गर्भवती होने और शिशु के विकास के लिए प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन जरूरी होता है। आइए जानते हैं प्रोजेस्टेरोन हार्मोन बढ़ाने के नेचुरल उपाय।
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प्रेग्नेंसी के लिए क्यों जरूरी है प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन? जानें इसे बढ़ाने के 4 नेचुरल उपाय

प्रोजेस्ट्रॉन (Progesterone) को 'प्रेग्नेंसी हार्मोन' भी कहा जाता है। ये एक ऐसा हार्मोन है, जो महिलाओं के शरीर में प्राकृतिक रूप से बनता है। महिला को गर्भवती होने और गर्भावस्था के दौरान शिशु के विकास, दोनों ही स्थितियों में ये हार्मोन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर किसी महिला में प्रोजेस्ट्रॉन की कमी हो जाए, तो उसका प्रेग्नेंट होना मुश्किल होता है। इसके अलावा यदि प्रेग्नेंट होने के बाद प्रोजेस्ट्रॉन कम हो जाए, तो महिला को गर्भपात हो सकता है।

गर्भवती न होने पर भी महिलाओं/लड़कियों के लिए प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन जरूरी है क्योंकि ये हार्मोन पीरियड्स को भी नियंत्रित करता है। मासिक प्रक्रिया के दौरान महिला के शरीर में प्रोजेस्‍टेरॉन का स्‍तर बढ़ता है, खासकर ऑव्‍युलेशन की प्रक्रिया के दौरान। गर्भाशय में जिस जगह पर अंडे निषेचित होते हैं, वहां पर यह हार्मोन एक परत का निर्माण करता है। अंडाशय इस हार्मोन का उत्‍पादन गर्भावस्‍था की तीसरी तिमाही तक करता है, लगभग 9-10वें सप्‍ताह में प्‍लासेंटा अंडाशय पर अपना स्‍थान ले लेता है। यदि इस हार्मोन के स्‍तर में गिरावट आ जाये तो गर्भपात हो सकता है।

गर्भधारण से पहले प्रोजेस्ट्रॉन की भूमिका -Progesterone and Pregnancy

प्रोजेस्‍टेरॉन हार्मोन ही गर्भाशय को गर्भधारण करने के लिए तैयार करता है। यह क्रिया मासिक धर्म के बीच में होती है, जब पीरियड्स का टाइम हो जाता है, उससे लगभग दो सप्‍ताह बाद ओवूलेशन प्रक्रिया का समय होता है। ऑव्‍युलेशन प्रक्रिया के दौरान अंडाशय गर्भाशय की जरूरत के अनुसार प्रोजेस्‍टेरॉन हार्मोन का उत्‍पादन शुरू करता है। प्रोजेस्‍टेरॉन गर्भाशय के अंदर (अंतर्गर्भाशयकला या इंडोमेट्रियम) की परत को मोटा करता है। यह निषेचित अंडे के लिए गर्भाशय में निश्चित वातावरण तैयार करता है, जो अंडे गर्भधारण करने में मदद करता है।

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गर्भावस्‍था के दौरान प्रोजेस्ट्रॉन की भूमिका-What is the role of progesterone in pregnancy?

प्रोजेस्‍टेरॉन हार्मोन न केवल गर्भधारण करने में मदद करता है बल्कि गर्भावस्‍था के दौरान भ्रूण के विकास में भी इसका योगदान होता है। गर्भधारण करने के बाद गर्भाशय में यह हार्मोन भ्रूण के विकास के लिए सहायक वातावरण तैयार करता है। गर्भधारण करने के 8 से 10 सप्‍ताह बाद गर्भाशय में इस हार्मोन की आवश्‍यकता बढ़ जाती है जिसके कारण गर्भाशय अधिक मात्रा में प्रोजेस्‍टेरॉन हार्मोन का उत्‍पादन करता है।

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प्रोजेस्टेरोन हार्मोन बढ़ाने के उपाय-How to increase progesterone naturally in hindi

1. प्रोजेस्टेरोन हार्मोन बढ़ाने वाले फूड्स  (foods to increase progesterone)

प्रोजेस्टेरोन वैसे तो खाद्य पदार्थों में नहीं होता है पर कुछ खाद्य पदार्थ शरीर में प्रोजेस्टेरोन के उत्पादन बढ़ाते हैं, जैसे कि

  • -फलियां
  • -ब्रोकोली
  • -पत्ता गोभी
  • -गोभी
  • -कद्दू
  • -पालक
  • -साबुत अनाज
  • -अखरोट

2. वजन संतुलित रखना (Healthy weight)

ज्यादा वजन बढ़ने के कारण महिला का शरीर अधिक एस्ट्रोजन का उत्पादन करता है, जिससे प्रोजेस्टेरोन में असंतुलन पैदा होती है। ऐसे में वजन संतुलित रखना हार्मोनल हेल्थ को बेहतर बनाता है और एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन में संतुलन बनाए रखता है।

3. स्ट्रेस कम करें (Reduce stress)

तनाव हार्मोन के असंतुलन को ट्रिगर करता है और लिवर को प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन को कोर्टिसोल में परिवर्तित करने का कारण बन सकता है। इसलिए तनाव को दूर करने के उपायों की मदद लें और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का संतुलन बढ़ाएं।

4. ज्यादा एक्सरसाइज करने से बचें (Over exercising)

तनाव के स्तर को कम करने और स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए भले ही एक्सरसाइज करना जरूरी है पर ज्यादा एक्सरसाइज करने के नुकसान भी हैं। यह शरीर में प्रोजेस्टेरोन और स्ट्रेस हार्मोन को अंसतुलित करने का कारण बन सकता है।

कुछ महिलाओं में स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं के कारण इस हार्मोन का उत्‍पादन नही हो पाता है। जिसके कारण उनको गर्भधारण करने में दिक्‍कत होती है। इस हार्मोन की कमी से बांझपन की समस्‍या भी होती है। जिन महिलाओं को गर्भधारण करने में दिक्‍कत हो रही है वो इस हार्मोन के स्‍तर का पता कराने के लिए जांच करा सकती हैं। इसके लिए बाजार में कई प्रकार के उत्‍पाद मौजूद हैं, जिनकी सहायता से आप प्रोजेस्‍टेरॉन का स्‍तर बढ़ा सकती हैं। इसके लिए आप अपने चिकित्‍सक से सलाह अवश्‍य लीजिए।

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