किसी कारणवश अगर पति-पत्नी अलग हो जाते हैं, तो बच्चे या बच्चों की जिम्मेदारी माता या पिता में से किसी एक पर पड़ सकती है। सिंगल पेरेंटिंग के दौरान आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सिंगल पेरेंटिंग का मतलब है एकल माता या पिता द्वारा बच्चे की परवरिश। सिंगल पेरेंटिंग आज के समय में कोई आसान बात नहीं है। काम के साथ-साथ बच्चे की जिम्मेदारी को निभाने के लिए आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस लेख में हम सिंगल पेरेंटिंग से जुड़ी समस्याएं और परवरिश के सही तरीकों पर बात करेंगे।
सिंगल पेरेंटिंग में होने वाली समस्याएं- Single Parenting Problems
सिंगल पेरेंटिंंग के कारण एकल माता या पिता की जीवनशैली का बच्चों के पालन-पोषण पर सीधा असर पड़ता है। सिंगल पेरेंटिंग के दौरान कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जिनके बारे में आगे जानेंगे-
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1. समय की कमी
बच्चों को बिना साथी की मदद के पालने के कारण कई बार आपको खुद के लिए समय निकालना मुश्किल हो सकता है। सिंगल माता या पिता कई बार बच्चों को भी समय नहीं दे पाते। इस कारण कई सिंगल पेरेंट चाइल्ड में अकेलेपन के लक्षण भी समस्या नजर आ सकते हैं। समय की कमी से आप बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम नहीं बिता पाएंगे और आगे चलकर इसके बुरे प्रभाव बच्चे पर पड़ सकते हैं।
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2. आर्थिक परेशानी
सिंंगल पेरेंटिंग के दौरान आपको आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ सकता है। ये आपके लिए सबसे चुनौतीपूर्ण दौर साबित हो सकता है। काम के साथ बच्चों की देखभाल एक बड़ी जिम्मेदारी होती है, जिसके लिए आपको आर्थिक तौर पर मजबूत होना जरूरी है। आर्थिक तौर पर कमजोर होने पर आप बच्चों की जरूरतें जैसे सही चिकित्सा, शिक्षा, देखरेख का ख्याल नहीं रख पाएंगे।
3. तनाव होना
अकेले माता या पिता को मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। बच्चों की जिम्मेदारी किसी एक पर आने से तनाव बढ़ सकता है। बच्चों का पालन-पोषण, काम की जिम्मेदारी के चलते सुकून मिलना मुश्किल हो जाता है। आपको सिंगल पेरेंट होने पर थकान, चिंता आदि का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे पेरेंट कई बार चिड़चिड़े हो जाते हैं और गुस्सा बच्चों पर निकाल देते हैं।
4. गलत परवरिश
सिंगल पेरेंटिंंग में बच्चों की परवरिश बिगड़ सकती है। कई बार सिंगल माता या पिता बच्चों को अकेले संभाल नहीं पाते और धीरे-धीरे वे अपनी जिम्मेदारी से पीछे हटकर बच्चों को उनके हाल पर छोड़ देते हैं। सिंंगल पेरेंटिंग में बच्चे की परवरिश बिगड़ सकती है और इसका असर बच्चे की शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यवहार पर पड़ सकता है।
सिंगल पेरेंटिंग टिप्स- Single Parenting Tips in Hindi
- आप खुद के लिए समय निकालें। बच्चों का ख्याल रखने के साथ-साथ अपने ऊपर भी गौर करें। अगर आप चिंंता में रहेंगे, तो बच्चों की देखभाल में परेशानी आ सकती है।
- अपने और बच्चों के रूटीन को सेट करें। गलत जीवनशैली के कारण सिंगल पेरेंट को ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है इसलिए समय के मुताबिक आप अलग-अलग काम का समय तय करें।
- सिंगल पेरेंटिंग के दौरान आप रिश्तेदार या किसी करीबी की मदद ले सकते हैं। शुरुआत में आप दोस्तों की भी मदद ले सकते हैं।
- सिंगल पेरेंटिंग में बच्चों से दोस्ती करना जरूरी है। दोस्त बनकर ही आप उनकी समस्याओं का समाधान निकाल पाएंगे।
सिंगल पेरेंटिंग के दौरान आप किसी परेशानी का सामना कर रहे हैं, तो साइकोलॉजिस्ट या बिहेवियरल एक्सपर्ट से सलाह ले सकते हैं।