क्या प्रेग्नेंसी में प्रोबायोटिक फूड्स खा सकते हैं? जानें इसके फायदे और नुकसान

प्रोबायोटिक फूड्स सेहत और पाचन के लिए अच्छे माने जाते हैं। लेकिन क्या आप प्रेगनेंसी के दौरान भी प्रोबायोटिक्स का सेवन कर सकती हैं?   
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क्या प्रेग्नेंसी में प्रोबायोटिक फूड्स खा सकते हैं? जानें इसके फायदे और नुकसान

गर्भावस्था किसी भी महिला के लिए जितनी खुशी की बात होती है, उतना ही उसे सावधानी बरतने की जरूरत होती है। गर्भावस्था दौरान क्या खानपान होना चाहिए, इस पर गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। प्रोबायोटिक्स वाले फूड्स को सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। लेकिन क्या ये प्रोबायोटिक्स प्रेगनेंसी में खाने सुरक्षित होते हैं और क्या इनके कुछ फायदे भी हैं? दरअसल प्रोबायोटिक फूड्स में वैसे ही माइक्रो ऑर्गेनिज्म होते हैं, जैसे हमारे आंतों में पाए जाते हैं इसलिए इन्हें खाने से पाचन तेज होता है और पेट स्वस्थ रहता है। मदरहुड हॉस्पिटल में सीनियर ऑब्सट्रिशियन डॉक्टर रंजना बेकन के मुताबिक प्रोबायोटिक्स शरीर में माइक्रो ऑर्गेनिज्म्स का संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं। ये खराब बैक्टीरिया को खत्म करते हैं और स्वस्थ  बैक्टीरिया को पनपने में मदद करते हैं। अगर इसे दिशा निर्देश के अनुसार लिया जाए, तो प्रोबायोटिक्स का सेवन गर्भवती महिला के लिए कोई खास जोखिम भरा नहीं होता है। 

गर्भावस्था में प्रोबायोटिक्स के सेवन के लाभ

पेट के स्वास्थ्य में सुधार

जब बात आती है गर्भावस्था में प्रोबायोटिक्स के स्वास्थ्य लाभ की, तो बता दें कि एक गर्भवती महिला के लिए और उसके बच्चे के लिए इसके कई लाभ हैं। प्रेग्नेंसी में कब्ज, जी मिचलाने और अपच की समस्या बहुत आम है। प्रोबायोटिक्स पेट के स्वास्थ्य में सुधार करता है। गर्भावस्था के दौरान सही पाचन और पोषक तत्वों का अवशोषण स्वस्थ भ्रूण के विकास के लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण होता है।

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इम्यून सिस्टम को करता है मजबूत

प्रोबायोटिक्स इम्यून (प्रतिरक्षा) सिस्टम को मजबूत करते हैं। प्रेगनेंसी के दौरान महिला की प्रतिरक्षा स्वाभाविक रूप से कम हो जाती है और ऐसे में उसके संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है। ये प्रोबायोटिक्स माइक्रोबायोटा को संशोधित कर सकते हैं, जिससे गर्भवती महिलाओं को संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है।

अवसाद से मिलता है छुटकारा

कई गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान चिंता और अवसाद का अनुभव होता है।  ये प्रोबायोटिक्स तनाव और चिंता और अवसाद के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। 

वैजिनोसिस का इलाज 

दरअसल वैजिनोसिस एक जीवाणु संक्रमण है, जो योनि स्वास्थ्य से जुड़ा है और समय से पहले बच्चे के जन्म का जोखिम बढ़ा सकता है। प्रोबायोटिक्स बैक्टीरियल वेजिनोसिस के इलाज में मदद कर सकते हैं।

प्रेगनेंसी में प्रोबायोटिक्स के सेवन के नुकसान

अब जानते हैं गर्भावस्था में प्रोबायोटिक्स के दुष्प्रभाव क्या हो सकते हैं। 

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं

प्रोबायोटिक्स के अधिक सेवन से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं होने की संभावना रहती है। अगर आपका शरीर सेंसिटिव है, तो इसके ज्यादा मात्रा में सेवन से आपको  पेट फूलने, सूजन और दस्त आदि की भी समस्या हो सकती है।

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 एलर्जी होने का खतरा 

प्रोबायोटिक्स कुछ संवेदनशील व्यक्तियों में एलर्जी को बढ़ा सकते हैं। कुछ प्रोबायोटिक्स में सोया और दूध जैसे अवयव शामिल होते हैं, जो एलर्जी प्रतिक्रियाओं को भी बढ़ावा देते हैं। इसलिए अपने लिए प्रोबायोटिक चुनने से पहले उत्पाद लेबल को ध्यान से पढ़ें।

प्रोबायोटिक्स गर्भावस्था के दौरान कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकते हैं। लेकिन सभी गर्भवती महिलाओं को प्रोबायोटिक की खुराक की आवश्यकता नहीं होती। इसलिए प्रोबायोटिक्स के सेवन से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

 

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