लॉकडाउन 2.0 : 3 मई तक बढ़ा लॉकडाउन, कोरोना को हराने के लिए पीएम मोदी ने 7 बातों से मांगा आपका साथ

लॉकडाउन के 21वें और अंतिम दिन पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन दिया और ये जरूरी बातें कहीं। लेख में जानें जरूरी बातें।   
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लॉकडाउन 2.0 : 3 मई तक बढ़ा लॉकडाउन, कोरोना को हराने के लिए पीएम मोदी ने 7 बातों से मांगा आपका साथ

देश-दुनिया में फैले कोरोनावायरस से निपटने के सबसे प्रभावी तरीके लॉकडाउन को आज भारत में 21 दिन पूरे हो रहे हैं। बता दें कि कोरोना से निपटने के लिए भारत में 21 दिनों का लॉकडाउन लगाया गया था। लॉकडाउन के ,समाप्ति दिन पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाया गया है। जानें संबोधन से जुड़ी जरूरी बातेंः 

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना वैश्वि़क महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई बहुत मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है। आपके त्याग की वजह से भारत अब तक कोरोना से नुकसान को टालने में सफल रहा है। आप लोगों ने कष्ट सह कर देश को बचाया है। हमारे भारतवर्ष को बचाया है। मैं जानता हूं कि आपको कितनी दिक्कत है. किसी को खाने, किसी को आने जाने की परेशानी। बहुत से लोग घरों से दूर हैं। आप देश की खातिर एक अनुशासित सिपाही की खातिर अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि हमारे संविधान में 'वी द पीप्ल' की शक्ति यही है। आंबेडकर जयंती के मौके पर हम सामूहिक शक्ति का ये प्रदर्शन एक सच्ची श्रद्धांजलि है। मैं सभी देशवासियों की तरफ से बाबा साहेब को नमन करता हूं। 

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मोदी ने कहा कि लॉकडाउन के इन बंधनों के बीच देश के लोग जिस तरह नियमों का पालन कर रहे हैं और अपने घरों में रहकर सादगी से त्यौहार मना रहे हैं ये प्रशंसनीय है। मैं नववर्ष के मौके पर आपको शुभकामना देता हूं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सभी भलीभांति परिचित हैं। अन्य देशों के मुकाबले भारत ने कैसे अपने यहां संक्रमण को रोकने के प्रयास किए हैं। एक भी केस नहीं होने के बावजूद एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग शुरू कर दिया था। साथियों जब हमारे .यहं सिर्फ 550 मामले थे तब भारत ने 21 दिन का संपूर्ण लॉॉकडाउन किया था। भारत ने समस्या बढ़ने का इंतजार नहीं किया बल्कि रोकने का भरसक प्रयास किया। ये एक ऐसा संकट है, जिसमें किसी भी देश के साथ तुलना करना सही नहीं है। लेकिन सच्चाई को नकारा नहीं जा सकता। 

दूसरे देशों के आंकड़े देखें तो भारत बहुत संभली हुई स्थिति में है। महीना-डेढ़ महीना पहले कई देश कोरोना संक्रमण के मामले में भारत के बराबर थे लेकिन आज मामले 25 से 30 गुना ज्यादा है। हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। भारत ने अगर ये इंटीग्रेटेड अप्रोच नहीं अपनाई होती और समय पर फैसले न लिए होते हैं तो स्थिति कुछ और ही होती। लेकिन बीतों दिनों के अनुभवों से ये साफ है कि हमने जो रास्ता चुना है वहीं हमारे लिए सही है। 

सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का बहुच बड़ी लाभ भारत को मिला है। आर्थिक दृष्टि से महंगा है बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है। लेकिन लोगों की जान से बढ़कर नहीं है। सीमित संसाधनों के साथ भारत की चर्चा स्वभाविक है। हालांकि इन सब प्रयासों के बावजूद कोरोना जैसे फैल रहा है उस तरह से सरकारों को और ज्यादा सतर्क कर दिया है। कोरोना से विजयी कैसे हों और नुकसान कैसे कम हो और लोगों की दिक्कतें कैसे कम करें इसपर चर्चा हुई है। हर किसी का सुझाव यही है कि लॉकडाउन को बढ़ाया जाए। कई राज्य लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला कर चुके हैं। 

सारे सुझावों को ध्यान में रखते हुए 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ाना पड़ेगा। इस दौरान हमें अनुशासन का पालन करना होगा जैसा करते आए हैं। मेरी देशवासियों से अपील है कि कोरोना को नए इलाकों में फैलने से रोकना है। अगर अब कोरोना का एकभी मरीज बढ़ता है तो ये हमारे लिए चिंता का विषय है।  अगले एक सप्ताह के लिए कठोरता बढ़ाई जाएगी। हॉट-स्पॉट वाले इलाकों में सशर्त छूट दी जाएगी। लॉकडाउन के नियम टूटते हैं और कोरोना का पैर हमारे इलाके में पड़ता है तो सभी छूट वापस ले ली जाएगी। न लापरवाही करें और न लापरवाहरी करने दें। मोदी ने कहा कि एक विस्तृत गाइडलाइन जारी की जाएगी।

सात बातों से दें मोदी का साथ

  • घर के बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें खासकर जिन्हें क्रॉनिक बीमारी है। 
  • लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। घर में बनें फेस कवर या मास्क का उपयोग करें। 
  • इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय के उपायों का प्रयोग करें। 
  • कोरोना को फैलने से रोकने के लिए आरोग्य सेतु ऐप जरूर डाउनलोड करें और दूसरों को भी प्ररित करें। 
  • जितना हो सके उतना गरीब परिवार की देखरेख करें। 
  • आप अपने व्यवसाय में काम कर रहे लोगों के पर्ति संवेदना रखें। उन्हें नौकरी से न निकालें 
  • देश के कोरोना योद्धाओं, डॉक्टर, नर्स, सफाई कर्मी और पुलिस कर्मी जैसे सभी लोगों का सम्मान करें। 

भारत में एक लाख से ज्यादा बेड की व्यवस्था है। भारत के पास भले ही सीमित संसाधन है लेकिन मेरा साइंटिस्ट से आग्रह है कि मानव कल्याण के लिए वे आगे आए और वैक्सीन बनाने का बेड़ा उठाएं। 

गरीबों की आजीविका को ध्यान में रखते हुए नई योजना बनाए जाएगी। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत इनकी मदद की जा रही है और इनके हितों का ध्यान रखा गया है। रबी फसल की कटाई को लेकर किसानों को कम से कम दिक्कत हो इसको सुनिश्चित किया जा रहा है। 

इसे भी पढ़ेंः कोरोना को हराने के लिए पीएम मोदी का नया मंत्र, 5 अप्रैल को 130 करोड़ लोग मिलकर जलाएं दिये, मोमबत्ती और टार्च

पीएम मोदी ने अपने वीडियो संदेश में कहा था कि कोरोना वैश्विक महामारी के लारण लॉकडाउन का आज 9वां दिन है। मोदी ने कहा कि लोगों ने इस दौरान सेवाभाव और अनुशासन का परिचय दिया है। मोदी ने कहा कि देश में लागू हुए एक दिन का जनता कर्फ्यू आज सभी देशों के लिए मिसाल बन गया है, जिसे दुनियाभर के कई देश देहरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान जनता, शासन और प्रशासन ने हालात को अच्छे से संभाला है। इसी के साथ मोदी ने कहा कि देश कोरोना को हरा सकता है। 

मोदी ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि लॉकडाउन के दौरान करोड़ों लोग घर में हैं। तब हर किसी को लग सकता है कि वह अकेला क्या कर सकता है। कितने दिन और ऐसे काटने पड़ेंगे। उन्होंने कि इस लड़ाई में हममें से कोई अकेला नहीं है। 130 करोड़ देशवासियों की सामूहिक शक्ति हर व्यत्ति के साथ है। इस देश ने सामूहिक शक्ति का भाव जगाया है। 

मोदी ने कहा कि हमारे यहां माना जाता है कि जनता-जर्नादन ईशवर का ही रूप है। जब देश ऐसी लड़ाई  लड़ रहा है तो ईश्वर का ध्यना करना चाहिए। जनता की शख्ति हमें मंजिल देती है। हमें लगातार प्रकाश की ओर जाना चाहिए। 

इस रविवार 5 अप्रैल को हम सबको मिलकर कोरोना के अंधकार को चुनौती देनी है। इस 5 अप्रैल को 130 करोड़ देशवासियों के महासंकल्प को नई ऊचाईयों पर ले जाना है। 5 अप्रैल रविवार को रात 9 बजे घर के सभी लाइट बंद करके 9 मिनट के लिए बाहर खड़े होकर मोमबत्ती, टार्च, दिया जलाएं। उस दिन ये संकल्प करें की हम अकेलेने नहीं है। इस आयोजन के समय किसी को भी कहीं पर भी इकठ्ठा नहीं होना है, सिर्फ अपने घर, बालकनी, दरवाजे से ही करना है। इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग को तोड़ना नहीं है। एक साथ जमा होने की कोशिश न करें। ये कोरोना की चैन तोड़ने का रामबाण इलाज। 

बता दें कि पीएम मोदी ने इससे पहले 24 मार्च को राष्ट्र के नाम संबोधन भी दिया था, जिसमें कोरोना वायरस के कारण देश को 21 दिनों तक लॉकडाउन का ऐलान किया था। उन्होंने लोगों से किसी भी कीमत पर घर के बाहर न निकलने की सलाह दी थी। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी कहा था कि लॉकडाउन के दौरान जरूरी सेवाएं जारी रहेंगी, जिसमें अस्पताल, दूध, सब्जी और दवाई की दुकानें शामिल हैं। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को कोरोना से जुड़े  अंधविश्वासों और अफवाहों से बचने की भी सलाह दी थी।

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