अच्छी खबर: कोरोना वायरस के 850 से ज्यादा मरीज हुए पूरी तरह ठीक, कोरोना को हराने में देश तेजी से बढ़ रहा है आगे

कोरोना वायरस से डरने की जरूरत नहीं है। भारत में अभी तक इस वायरस की चपेट में आने वाले 857 लोगों को पूरी तरह ठीक किया जा चुका है, सैकड़ों में माइल्ड लक्षण हैं।
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अच्छी खबर: कोरोना वायरस के 850 से ज्यादा मरीज हुए पूरी तरह ठीक, कोरोना को हराने में देश तेजी से बढ़ रहा है आगे

कोरोना वायरस ने दुनियाभर के लोगों को दहशत में डाल रखा है। लोग टीवी और समाचार में लगातार बढ़ते आंकड़ों के कारण चिंतित हैं। वहीं बाजारों में इसी अफरा-तफरी के कारण मास्क और सैनेटाइजर की कीमतों में भारी उछाल आ गया है। लेकिन क्या आपने एक बार भी सोचा कि क्या सचमुच आपको इतना डरने की जरूरत है? जवाब है, नहीं! आपको डरने की जरूरत बिल्कुल नहीं है, बल्कि सिर्फ सावधान रहने की जरूरत है।

ये बात सच है कि दुनिया के कई देशों में में लाखों की संख्या में लोग कोरोना का शिकार हुए हैं और हर रोज हजारों की संख्या में मर रहे हैं। इटली, अमेरिका, स्पेन, चीन आदि देशों में कोरोना वायरस की वजह से स्थितियां बदतर हो गई हैं। लेकिन भारत में ये वायरस अन्य देशों की अपेक्षा काफी देरी से आया है। इसलिए भारत सरकार और तमाम स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे लेकर अच्छी खासी तैयारी में थे। यही कारण है कि 135 करोड़ की आबादी वाले देश में अभी तक कोरोना वायरस के पीड़ितों की संख्या लगभग 9000 हुई है, जबकि इनमें से 857 मरीजों को पूरी तरह ठीक करके घर वापस भी भेज दिया गया है।

कोविड-19 को ठीक किया जा सकता है

एक अफवाह और भ्रम जो लोगों के बीच इस समय सबसे ज्यादा फैला हुआ है, वो ये है कि कोरोना वायरस को ठीक नहीं किया जा सकता है और इसकी चपेट में आने वाले लोगों की मौत निश्चित है। ये बात पूरी तरह भ्रम है और इसमें तनिक भी सच्चाई नहीं है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए कोई दवा नहीं बनाई जा सकी है। मगर इसकी चपेट में आए लोगों को सामान्य इलाज के द्वारा और थोड़े दिन आइसोलेशन में रखकर बिल्कुल ठीक किया जा सकता है। दुनियाभर में अभी तक कोरोना वायरस के 18 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से लगभग 4 लाख 23 हजार लोगों को पूरी तरह ठीक कर लिया गया है और अब वे अपने-अपने घरों में सामान्य जीवन जी रहे हैं। अच्छी बात ये है कि चीन, इटली, स्पेन, ईरान और अमेरिका जैसे देशों की तरह भारत में कोरोना वायरस कम्यूनिटी लेवल पर नहीं पहुंचा है। यही कारण है कि जहां दूसरे देशों में लोग लाखों की संख्या में इस वायरस की चपेट में आए हैं, वहीं भारत में अभी एक हजार के लगभग ही एक्टिव मामले सामने हैं।

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किन्हें बरतनी है ज्यादा सावधानी?

कोरोना वायरस से चिंतित होने की जरूरत उन लोगों को है, जो पहले ही किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित चल रहे हैं, जैसे- कैंसर, एड्स, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज आदि। ऐसे लोगों के शरीर की इम्यूनिटी सामान्य लोगों से कमजोर होती है, इसलिए इन्हें विशेष सावधानी की जरूरत है। किसी बीमारी से पीड़ित चल रहे लोगों को एहतियात के तौर पर ये हिदायत दी जाती है कि वे जरूरी न हो तो यात्रा न करें और भीड़-भाड़ वाली जगह पर न जाएं। अपने हाथों को साबुन से बार-बार धोते रहें और अगर कहीं बाहर निकल रहे हैं, तो अपने साथ सैनिटाइजर रखें, ताकि नाक, मुंह और आंख पर हाथ लगाने से पहले हाथों को साफ किया जा सके।

देश भर से आ रही हैं अच्छी खबरें

कोरोना वायरस की चपेट में आने वाले लोग अब ठीक होकर अपने-अपने घरों को लौटने लगे हैं। भारत के केरल में जिन 3 लोगों में कोरोना वायरस का सबसे पहला मामला सामने आया था, उन्हें महीनों पहले ही ठीक करके डिस्चार्ज कर दिया गया था। दिल्ली में पहला और भारत में चौथा कोरोना वायरस का जो मरीज पाया गया था, उसे भी अब हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया है और अब वो पूरी तरह ठीक है। इसी तरह राजस्थान में कुल 21 मरीजों को पूरी तरह ठीक किया जा चुका है। यूपी में 46 मरीजों को और हरियाणा में 29 और महाराष्ट्र में 217 मरीजों को पूरी तरह ठीक किया जा चुका है।

ये आंकड़े स्वयं बता रहे हैं कि कोरोना वायरस को थोड़े दिनों में पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप लापरवाही बरतें। अच्छा तो यही होगा कि आप हर तरह से सावधानी बरतें, ताकि इस वायरस की चपेट में न आएं।

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कोरोना वायरस स्ट्रेन को आइसोलेट करने वाला पांचवा देश बना भारत

कोरोना वायरस से लड़ाई के मामले में भारत की तैयारी दुनिया के कई देशों से बहुत आगे हैं, इसलिए भी आपको इससे डरने की जरूरत नहीं है। हाल में आई रिपोर्ट के मुताबिक पुणे के नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के वैज्ञानिकों ने एक मरीज के शरीर से कोरोना वायरस को अलग करने में सफलता पाई है। ऐसा करने वाला भारत दुनिया का पांचवा देश बन गया है, जिसने इस वायरस को आइसोलेट कर लिया है। अगर आपको इसका मतलब नहीं समझ आ रहा है, तो परेशान न हों। बस इतना समझें कि वैज्ञानिकों ने वायरस की लैब में पहचान कर ली है और इसे सुरक्षित रख लिया है। आगे इस वायरस को रोकने के लिए वैक्सीन बनाने में ये जानकारी महत्वपूर्ण साबित होगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक ये वायरस चीन के वुहान शहर में पाए गए वायरस से 99.98% तक मैच करता है।

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